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IndvsPak: कुछ इस तरह पूरे हुए 300 रन...

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप का यह छठा मुकाबला था. छह मैचों में पांचवी बार टॉस भारत के नाम हुआ और पांचवी बार ही भारत ने बल्लेबाजी भी चुनी. बल्लेबाजों की मददगार पिच पर दो स्पिनर्स के साथ उतरने की रणनीति टीम इंडिया पहले ही बना चुकी थी, इसलिए जडेजा और अश्विन दोनों ही टीम का हिस्सा बने.

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शतक जड़ने के बाद विराट कोहली
शतक जड़ने के बाद विराट कोहली

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप का यह छठा मुकाबला था. छह मैचों में पांचवी बार टॉस भारत के नाम हुआ और पांचवी बार ही भारत ने बल्लेबाजी भी चुनी. बल्लेबाजों की मददगार पिच पर दो स्पिनर्स के साथ उतरने की रणनीति टीम इंडिया पहले ही बना चुकी थी, इसलिए जडेजा और अश्विन दोनों ही टीम का हिस्सा बने. पाकिस्तान ने भी एक स्पेशलिस्ट लेग स्पिनर यासिर शाह पर दांव लगाया और इसके लिए टीम के स्पेशलिस्ट विकटकीपर सरफराज अहमद को बाहर कर उमर अकमल को विकेट के पीछे की जिम्मेदारी दी गई.

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कोहली के शतक से संवरी भारतीय पारी

रोहित शर्मा और शिखर धवन ने सधी शुरुआत तो की, लेकिन इससे पहले कि दोनों बल्लेबाज हाथ खोलते रोहित शर्मा की जल्दबाजी ने पाकिस्तान को मौका दे दिया. पिछले कुछ मैचों में रोहित ने शानदार पारियां खेली हैं, लेकिन जिन पारियों में वो रन नहीं बनाते उनमें उनका आउट होने का तरीका हमेशा सवालों के घेरे में ही रहता है. 15 रन उनके बल्ले से निकले और सोहेल खान की गेंद पर पुल करने की कोशिश में मिस्बाह ने उन्हें लपक लिया.

विराट कोहली ने क्रीज पर आते ही रनगति बढ़ाने की कोशिश की. शिखर धवन भी टिककर खेलने आए थे. बड़े मैच का प्रेशर लिए बिना दोनों ने पाकिस्तानी गेंदबाजों को बिना किसी परेशानी के खेला. दोनों ने मिलकर टीम को पहले 100 और फिर 150 के पार पहुंचा दिया. इस दौरान दोनों अपनी अपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी कर चुके थे. 30वें ओवर तक टीम का स्कोर 163 तक पहुंच चुका था और इसी स्कोर पर एक रन लेने की कोशिश में दोनों का तालमेल बिगड़ गया और नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े धवन, मिस्बाह की थ्रो से पहले क्रीज में नहीं पहुंच पाए. लेकिन इतने बड़े मैच में 76 गेंदों पर खेली 73 रनों की शिखर की ये पारी इतिहास में दर्ज जरूर हो गई.

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और बन गया रिकॉर्ड
विराट के आगे पाकिस्तानी गेंदबाज पानी भर रहे थे और उनके फील्डर्स एक के बाद एक कैच छोड़कर विराट को आगे बढ़ने का हौसला देते जा रहे थे. 3, 16 और 76 पर मिले तीन जीवनदानों का फायदा उठाते हुए विराट ने शतक की उम्मीदें जगा दीं. दूसरे छोर से उन्हें साथ मिला सुरेश रैना का जिन्होंने आते ही ताबड़तोड़ रन बरसाने शुरू कर दिए. दोनों ने मिलकर करीब 7 की औसत से रन बनाने शुरू किए. 15.3 ओवर तक चली पार्टनरशिप में दोनों ने कुल 110 रन जोड़ डाले. इस दौरान विराट ने वो करिश्मा भी किया जो आज तक किसी भारतीय बल्लेबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्डकप में नहीं किया था.

सचिन तेंदुलकर के 2003 वर्ल्डकप में बनाए 98 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़कर विराट ने जबरदस्त शतक जमा दिया. 126 गेंदों में विराट ने 107 रन की पारी खेली जिसमें उन्होंने 8 चौके जड़े. सोहेल खान की गेंद पर उमर अकमल को कैच थमाने से पहले विराट भी भारतीय क्रिकेट इतिहास की एक बेशकीमती पारी खेल चुके थे.

अब 300 की उम्मीद जाग चुकी थी
बड़े मैच में रैना अपने रंग में थे और पाकिस्तानी गेंदबाज सकते में. सिर्फ 56 गेंदों पर 5 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 74 रन बनाकर सोहेल खान के तीसरे शिकार बन गए. इसके बाद धोनी आए और बड़ी उम्मीदें लाए, लेकिन डेथ ओवर्स में पाकिस्तान के गेंदबाजों ने वापसी के लिए कमर कस ली थी. अब भारत के लिए बड़े शॉट्स लगाने में मुश्किल होने लगी. वहाब रियाज और सोहेल खान की गेंदों ने टीम इंडिया का इम्तिहान लेना शुरू कर दिया. जडेजा 3, धोनी 18 और रहाणे बिना खाता खोले लौटे. भारत के खिलाफ अपने पहले ही वर्ल्ड कप मैच में 5 विकेट लेने का कारनामा करने वाले सोहेल खान भी इस मैच के लिए हमेशा याद किए जाएंगे.

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खैर, आखिरी ओवर में मोहम्मद शमी और आर अश्विन ने मिलकर टीम इंडिया को किसी तरह 300 तक पहुंचा दिया. पाकिस्तान के सामने किसी टीम का वर्ल्डकप में ये तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है.

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