बीसीसीआई 7 हफ्ते तक चलने वाले आईपीएल सीजन-11 के दौरान शीर्ष 50 भारतीय क्रिकेटरों के कार्यभार का आकलन करेगा. साथ ही उनके कार्यभार और चोट प्रबंधन का डाटाबेस तैयार करेगा, ताकि उन्हें बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के लिए तरोताजा रखा जा सके. पता चला है कि भारतीय टीम प्रबंधन शीर्ष अंतरराष्ट्रीय और घरेलू खिलाड़ियों का एक बड़ा पूल बनाने को प्रतिबद्ध है, जिन्हें आने वाले वर्षों में मजबूत प्रदर्शन और फिटनेस निगरानी प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएंगे.
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बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘हां, इसकी योजना तैयार है. हम 50 खिलाड़ियों का डाटाबेस तैयार करना चाहते हैं. इन 50 खिलाड़ियों में 27 केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी (मोहम्मद शमी को दोबारा शामिल कर लिया गया) हैं और इसमें 23 अन्य खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा. आईपीएल के दौरान इन खिलाड़ियों की छंटनी की जाएगी.’
इस अधिकारी ने कहा, ‘भारत के ब्रिटेन दौरे (जिसमें आयरलैंड का संक्षिप्त दौरा शामिल है) से शुरू होकर राष्ट्रीय टीम का इंग्लैंड में 2019 विश्व कप तक कार्यक्रम काफी व्यस्त होगा. जो खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके कार्यभार पर निगरानी रखी जाएगी, साथ ही उनके फिटनेस स्तर के विभिन्न मापदंडों को देखा जाएगा. अगर वे जरूरी फिटनेस स्तर हासिल नहीं कर पाते हैं तो भारत या भारत-ए की टीमों के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा. फिजियो पैट्रिक फरहार्ट राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी ( एनसीए) में उनका आकलन करेंगे.’
इसका खाका तैयार हो गया है और एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय चयन समिति इन 23 खिलाड़ियों के चयन में बड़ी भूमिका अदा करेगी. बीसीसीआई ने इससे पहले आईपीएल के दौरान तेज गेंदबाजों के कार्यभार के आकलन के लिए योजना बनाई थी, जिसमें हर केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी के नेट पर ओवर फेंकने की संख्या सीमित थी.
अगले नौ महीने में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बड़े दौरे शामिल हैं और साथ ही वनडे क्रिकेट की संख्या भी बढ़ेगी तो बीसीसीआई को कम से कम से से आठ फिट तेज गेंदबाज चाहिए होंगे, जिन्हें तरोताजा रखने के मद्देनजर रोटेट किया जा सकेगा. इन 27 खिलाड़ियों के अलावा इस सूची में ऋषभ पंत, मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, अवेश खान और दीपक हुड्डा के शामिल होने की उम्मीद है.