भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार हैं. उनकी हैसियत और काबिलियत को देखते हुए आईपीएल फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने उन्हें इस साल रिकॉर्ड राशि खर्च कर रिटेन किया. कोहली 2008 से इसी टीम के लिए खेलते आ रहे हैं, लेकिन ट्रॉफी चूमने का मौका उन्हें अब तक नहीं मिला. और तो और इस बार विराट की कप्तानी में खिताबी दौड़ में पहुंचने की बात तो दूर, बेंगलुरु की टीम प्लेऑफ में भी नहीं जा पाई.
आरसीबी ने विराट को 17 करोड़ की भारी-भरकम राशि में खरीदा है, बावजूद इसके वह अपनी टीम को 7 मैच भी नहीं जिता पाए. इस सीजन में RCB निरंतर जीत नहीं हासिल कर पाई, जिसका खामियाजा उसे प्लेऑफ की रेस से बाहर होकर भुगतना पड़ा. टीम ने 14 मैचों सिर्फ 6 जीत ही हासिल कर पाई.
एक-दो खिलाड़ियों पर निर्भर रही टीम
विराट की टीम वैसे तो एबी डिविलियर्स, क्विंटन डी कॉक, टिम साउदी जैसे विदेशी सितारों से सजी है. घरेलू खिलाड़ियों में भी उसके पास युजवेंद्र चहल, मोहम्मद सिराज, वॉशिंगटन सुंदर और उमेश यादव जैसे शानदार गेंदबाज हैं. फिर भी आरसाबी हर मैच में एक-दो खिलाड़ियों पर ही निर्भर दिखी. और यही वजह रही कि ऐसे खिलाड़ियों के फ्लॉप होने पर टीम को हार की हताशा झेलनी पड़ी.
कोहली अपनी टीम को किसी भी अन्य टीम के कप्तान के मुकाबले बेहतर ढंग से समझते हैं, क्योंकि वह लगातार 10 साल से एक ही टीम के लिए खेल रहे हैं. वह खिलाड़ियों की क्षमता से पूरी तरह वाकिफ हैं, लेकिन मैदान पर शायद वह अपने खिलाड़ियों से प्रदर्शन करवाने में विफल रहे हैं.
केन से सीखें कोहली
अगर किसी और कप्तान से कुछ सीखा जा सकता है, तो विराट को सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन से जरूर सीख लेनी चाहिए. मैदान पर शांत, लेकिन बल्ले से उग्र केन ने आगे आकर टीम का नेतृत्व किया और हर मैच में टीम को जिताने के लिए पूरा दमखम लगा दिया. सिर्फ 3 करोड़ की कीमत में खरीदे गए केन ने इस सीजन में 661 रन बनाए हैं, जिनमें 8 अर्धशतक शामिल हैं. इसी की बदौलत उनकी टीम पहले ही प्लेऑफ में पहुंच चुकी है.
इस सीजन के लिए आरसीबी का सफर अब खत्म हो चुका है. हो सकता है अब अगले सीजन में आरसीबी फ्रेंचाइजी कप्तानी के लिए दूसरे विकल्प की तलाश करे. विराट जिस कद के खिलाड़ी हैं उसके अनुरूप उनकी टीम ने प्रदर्शन नहीं किया है.