कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की धरती किसी 'वरदान' से कम नहीं कही जाएगी. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 14वें सीजन के पहले चरण के दौरान जूझती दिखी KKR की टीम यूएई पहुंचकर अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरीं और अपने प्रशंसकों को 7 साल बाद फाइनल में पहुंचने का तोहफा दिया.
अब चेन्नई के चतुर कप्तान से होगा सामना
कोलकाता की टीम ने बुधवार रात क्वालिफायर-2 के 'करो या मरो' के बेहद रोमांचक मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स को 3 विकेट से मात दी. और अब उसका सामना फाइनल में महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से होगा. ये वही टीम है, जिसे 2012 के फाइनल में गौतम गंभीर की कप्तानी वाली केकेआर ने मात देकर पहली बार खिताब पर कब्जा किया था. अब केकेआर की नजरें अपने तीसरे खिताब पर हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्व विजेता इंग्लिश कप्तान इयोन मॉर्गन चेन्नई के चतुर कप्तान धोनी का कैसे सामना करते हैं.
7वें स्थान पर रहते हुए UAE पहुंची थी KKR
केकेआर के लिए यूएई का सफर बेहद शानदार गुजरा है. यह टीम अंकतालिका में 7वें स्थान पर रहते हुए दूसरे चरण के मुकाबले खेलने यहां उतरी थी. 7 मैचों में सिर्फ दो जीत हासिल करने वाली इस टीम से ज्यादा उम्मीदें नहीं लगाई गई थीं. लेकिन इसके बाद जो हुआ वह प्रशंसनीय है. टीम ने अब तक यूएई में एलिमिनेटर और क्वालिफायर-2 सहित 9 मुकाबलों में से 7 में जीत हासिल की और वह पिछले 4 मैचों से अजेय है.
... इस स्वप्निल प्रदर्शन के पीछे की वजह
अब यह जानना जरूरी है कि टीम के इस स्वप्निल प्रदर्शन के पीछे की वजह क्या है. वजह तलाशने पर पहला नाम वेंकटेश अय्यर का आता है. इस ऑलराउंडर ने टीम की सूरत ही बदल दी. वेंकटेश अय्यर ने न सिर्फ आईपीएल में मिले मौके को भुनाया, बल्कि अपने साहसिक प्रदर्शन से टीम के दूसरे खिलाड़ियों को अंदर से मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई. बेस प्राइस 20 लाख रुपये में खरीदा गया यह 26 साल का क्रिकेटर अब टीम का स्टार बन चुका है. इतना ही नहीं, बीसीसीआई ने भी उसकी अपयोगिता समझी और टी20 वर्ल्ड कप के लिए यूएई में ही रोक लिया.
UAE में स्टार बनकर उभरे वेंकटेश
आंकड़े पर गौर करें तो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने वाले वेंकटेश अय्यर ने यूएई चरण में 9 मैच खेले और तीन अर्धशतकों के साथ 320 रन बनाए. इस दौरान उनका एवरेज 40.00 का रहा, जो कोलकाता की ओर से इस सीजन में सर्वाधिक है. वेंकटेश ने दाएं हाथ से मध्यम गति की गेंदबाजी से तीन विकेट भी निकाले. सच तो यह है कि वेंकटेश का जोशीला प्रदर्शन देख शुभमन गिल और नीतीश राणा ने भी हाथ खोले और अपने योगदान से टीम को मजबूत बनाया.
स्पिनरों की तिकड़ी का भी अहम योगदान
कोलकाता के स्पिनरों की तिकड़ी का भी अहम योगदान रहा. सुनील नरेन ने खुद को फिर साबित कर दिखाया. यूएई में उन्होंने 9 मैचों में 11 विकेट झटके और बल्ले से भी दम दिखाया. एलिमिनेटर मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ उनके लगातार तीन छक्के से टीम दबाव से बाहर निकली. दूसरी तरफ 'मिस्ट्री स्पिनर' वरुण चक्रवर्ती टीम के लिए किफायती साबित हुए. वह टूर्नामेंट में 18 विकेट चटका चुके हैं. शाकिब अल हसन के अनुभव से भी टीम को फायदा हुआ. लॉकी फर्ग्यूसन ने अपनी तेजी से बल्लेबाजों को छकाया और यूएई में 7 मैचों में 13 विकेट झटके. शिवम मावी भी बेहतर बनकर उभरे.
हालांकि कोलकाता के इस सफर की कमजोर कड़ी खुद कप्तान इयोन मॉर्गन हैं. यूएई चरण के 9 मैचों में वह सिर्फ एक बार दोहरे अंक (13*) में जा पाए. उन्होंने बल्ले से निराश जरूर किया... लेकिन वह कप्तान हैं उनकी टीम फाइनल में पहुंच गई है तो इसका श्रेय उन्हीं को मिलेगा.