आईपीएल-8 के दौरान लगभग सभी मैच कांटे के टक्कर के खेले गए लेकिन दूसरा क्वालीफायर (इसे सेमीफाइनल भी कहा जा सकता है) और फिर रोहित, पोलार्ड और साइमंस की वजह से फाइनल बिल्कुल ही एकतरफा रहा लेकिन रविवार को फाइनल के दौरान कुछ ऐसे वाक्ये हुए जिसकी जितनी चर्चा की जानी चाहिए थी, नहीं की गई. चलिए इसके बारे में हम आपको बताते हैं.
फाइनल के एक ही ओवर में दो मजेदार वाकये
महेंद्र सिंह धोनी के सामने 16वां ओवर मलिंगा फेंक रहे थे. उन्होंने धोनी को यॉर्कर डालने की कोशिश की लेकिन कुछ इंच से चूक गए. धोनी ने क्रीज में पीछे जा कर इसे हाफ वॉली पर लिया और एक दनदनाता हुआ छक्का लॉन्ग ऑन पर जड़ दिया, बॉल सीधी सीमा रेखा के पार गई. लेकिन यहां भी दो हाथ उस गेंद को लपकने का इंतजार कर रहे थे. ये हाथ किसी और के नहीं बल्कि धोनी के टीम के साथी रैना के थे. चेन्नई की टीम बाउंड्री के बाहर बैठी थी और रैना उछलते हुए यहां भी कैच लपकने पहुंच गए. इससे पहले मुंबई की पारी के दौरान भी रैना ने शानदार दो कैच लपके थे. उन्होंने किरोन पोलार्ड और हार्दिक पांड्या के कैच लिए. इतना ही नहीं रैना आईपीएल में सबसे अधिक कैच लेने वाले खिलाड़ी भी हैं. फाइनल में दो कैच के साथ आईपीएल में उनके कैचों की संख्या 75 हो गई है.
याद रहेगा मलिंगा का ये नो बॉल
बॉलर कई बार बॉलिंग क्रीज से गुजरने के दौरान स्टंप्स के इतने करीब से गेंदबाजी करता है कि उसके हाथ गलती से विकेट के बेल्स को बिखेर देते हैं. लेकिन IPL8 के फाइनल में मलिंगा के इसी ओवर की अगली गेंद पर जो हुआ वो भी आने वाले दिनों में चर्चा का विषय बन सकता है. मलिंगा पॉपिंग क्रीज तो क्या कई बार बॉलिंग क्रीज के पीछे से भी गेंद डालते देखे गए हैं लेकिन यहां वो बॉलिंग क्रीज पर स्टंप्स के बिल्कुल करीब से गेंद फेंक रहे थे और 16वीं ओवर की जो तीसरी गेंद उन्होंने फेंकी उसे अंपायर ने नो बॉल करार दिया. दरअसल बॉल फेंकने के दौरान मलिंगा ने जब अपने पैर को मोड़ा तो उनके घुटने स्टंप्स पर जा लगे और बेल्स गिर गए. अंपायर ने इसे नो बॉल करार दिया.
मुंबई के दो लकी मैस्कट
मुंबई इंडियंस की ओर से उनके तेज गेंदबाज आर विनय कुमार ने टूर्नामेंट के दौरान खेले गए 13 मैचों में लिए तो कुल सात विकेट लेकिन वो फाइनल में टीम के सदस्य रहे और मुंबई इंडियंस टूर्नामेंट जीत गई. आप कहेंगे इसमें क्या खास है? खास यह है कि विनय कुमार पिछले दो सत्रों के दौरान जिस टीम के भी सदस्य रहे हैं वो टूर्नामेंट जीतती रही है. पिछले दो सत्रों के दौरान विनय कुमार के रहते हुए उनकी टीम ने आठ टूर्नामेंट जीते. रणजी ट्रॉफी दो बार, दिलीप ट्रॉफी दो बार, विजय हजारे ट्रॉफी दो बार और इस फाइनल को मिलाकर आईपीएल टूर्नामेंट भी दो बार (2014 में वो कोलकाता नाइट राइडर्स टीम के सदस्य थे.) कुल मिलाकर विनय कुमार अपनी टीम के लिए लकी मैस्कट साबित हो रहे हैं.
पार्थिव ने तीसरी बार जीता आईपीएल
एक तरफ विनय कुमार हैं तो दूसरी तरफ पार्थिव पटेल. पार्थिव पटेल की कहानी भी कमोबेश यही है वो जिस टीम में रहते हैं उसकी किस्मत निखर कर बाहर आ जाती है. पार्थिव पहले चार साल चेन्नई की टीम के लिए खेले तो चेन्नई पहली बार 2008 में फाइनल तो 2009 में सेमीफाइनल में पहुंची. फिर इसके बाद लगातार 2010 और 2011 में टूर्नामेंट जीत गई. इसके बाद वो चेन्नई की टीम का हिस्सा नहीं रहे. वो 2012 में डेक्कन चार्जर्स, 2013 में सनराइजर्स हैदराबाद और 2014 में रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु के लिए खेले. इस बार वो मुंबई की टीम में बतौर विकेटकीपर शामिल किए गए और उनकी टीम फिर एक बार चैंपियन बनी. इस प्रकार पार्थिव तीन बार आईपीएल जीतने वाले क्रिकेटर भी बने. यहां यह बताना जरूरी है कि इस टूर्नामेंट को सर्वाधिक दो बार चेन्नई और मुंबई ने ही जीता है.