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शाहिद अफरीदी के मुताबिक, पीसीबी को पुरानी सोच छोड़कर नई सोच को अपनाना होगा

'अगर आप भारत (IPL) को देखेंगे तो एक नया खिलाड़ी आता है और भीड़ के सामने खेलता है. ड्रेसिंग रूम में बड़े नामों के बीच में रहता है तो उसे इंटरनेशनल लेवल पर दबाव महसूस नहीं होता. इंटरनेशनल क्रिकेट पूरी तरह दबाव और उससे बाहर निकलने का खेल है.'

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IPL में खेलने से पाकिस्तान के युवा खिलाड़ियों को फायदा होगा: शाहिद अफरीदी
IPL में खेलने से पाकिस्तान के युवा खिलाड़ियों को फायदा होगा: शाहिद अफरीदी

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पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान शाहिद अफरीदी का मानना है कि IPL में खेलने से पाकिस्तान के युवा खिलाड़ियों को फायदा होगा, जिनके अनुभव से पाक टीम को भी काफी फायदा होगा.

दबाव नहीं झेल पाते हमारे प्लेयर
इस दौरान अफरीदी ने कई ऐसे खिलाड़ियों के नाम बताए जो पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के पहले संस्करण में अच्छा करने के बाद इंटरनेशनल लेवल पर दबाव का सामना नहीं कर पाए. अफरीदी ने कहा, 'बेशक, आपको घरेलू क्रिकेट का स्तर बढ़ाना होगा. कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो PSL में और पाकिस्तान के डोमेस्टिक क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद इंटरनेशनल लेवल पर भीड़ के सामने दबाव में आ जाते हैं.'

दबाव से निकालने में IPL का बड़ा योगदान
उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप भारत (IPL) को देखेंगे तो एक नया खिलाड़ी आता है और भीड़ के सामने खेलता है. ड्रेसिंग रूम में बड़े नामों के बीच में रहता है तो उसे इंटरनेशनल लेवल पर दबाव महसूस नहीं होता. इंटरनेशनल क्रिकेट पूरी तरह दबाव और उससे बाहर निकलने का खेल है.'

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पीसीबी को छोड़नी होगी पुरानी सोच
अफरीदी ने कहा है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को नई सोच अपनाना और जमीनी स्तर पर खेल को बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'क्रिकेट काफी आधुनिक हो गया है. हमारे बोर्ड और प्रबंधन को इसके बारे में सोचना चाहिए. उन्हें पुरानी सोच को पीछे छोड़कर नए लोगों को, नई सोच को अपनाना चाहिए. जब तक आपकी स्कूल स्तर पर क्रिकेट अच्छी नहीं होगी तब तक देश में अच्छी प्रतिभा नहीं आएगी. स्कूल क्रिकेट खत्म हो रही है. मैं जब स्कूल जाता था तब मेरे पिताजी सोचते थे कि मैं इंजीनियर या डॉक्टर बनूंगा लेकिन क्रिकेट के प्रति मेरे अंदर जुनून था और स्कूल में मेरे पास मौका था इसलिए मैं क्रिकेट में हूं.'

स्कूलों से करनी होगी सुधार की शुरुआत
अफरीदी ने स्कूलों के बाजारीकरण पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा, 'पहले मैदान हुआ करते थे लेकिन अब स्कूल एक व्यवसाय बन गया है. खेल स्कूलों में से खत्म हो गए हैं. अगर आपको खिलाड़ी बनना है तो आपको स्कूल से शुरू करना होगा. हमें अपनी सोच बदल कर सुविधाओं पर ध्यान देना होगा. एक क्रिकेट एकेडमी के रहते हमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड को हराने का नहीं सोचना चाहिए. हो सकता है आपके दिन आप उन्हें हरा दो लेकिन जब तक आपकी बुनियाद अच्छी नहीं होगी, आप लगतार ऐसा नहीं कर सकते.'

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