सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अपने वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और चुनाव को 31 जनवरी, 2015 तक स्थगित करने की अनुमति दे दी. कोर्ट हालांकि हितों के टकराव और सट्टेबाजी में एन. श्रीनिवासन और उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन के कथित तौर पर शामिल होने के आरोपों की सुनवाई जारी रखेगी. ...तो आईपीएल से दूर रहूंगाः श्रीनिवासन
न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति एफ.एम.आई. कलीफुल्ला की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह देखते हुए कि 17 दिसंबर से पहले पूरे मामले की सुनवाई संभव नहीं है, इसकी इजाजत दी. गौरतलब है कि एजीएम और फिर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद सहित अन्य पदाधिकारियों का चुनाव 17 दिसंबर को होना था.
कोर्ट ने बीसीसीआई के अनुरोध पर एजीएम को टालने की अनुमति दी. बीसीसीआई के नियमों के अनुसार एजीएम को 31 दिसंबर, 2014 तक ही टाला जा सकता था, लेकिन इसके बाद के लिए कोर्ट के आदेश की आवश्यकता थी.
इससे पहले बीसीसीआई की ओर से वरिष्ठ वकील सी. ए. सुंदरम ने कोर्ट से बिहार क्रिकेट संघ (सीएबी) द्वारा दायर की गई जनहित याचिका (पीआईएल) की सुनवाई को 15 दिसंबर तक टालने का भी अनुरोध किया.
गौरतलब है कि बिहार क्रिकेट संघ ने जनहित याचिका के जरिए श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि सीएसके के मालिक और देश में क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था का प्रमुख होने के नाते श्रीनिवासन और सीएसके के हितों के टकराने के काफी आसार हैं.
सट्टेबाजी में श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन के नाम आने के आधार पर इस जनहित याचिका में आईपीएल की फ्रेंचाइजी सीएसके को भी रद्द करने की मांग की गई है. इससे पहले बीसीसीआई के निर्वासित प्रमुख एन. श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर वह इस पद पर दोबारा चुने जाते हैं तो वह उन्हें और उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स को लेकर जारी हितों के टकराव से जुड़े सवाल पर प्रस्तावित समिति का फैसला आने तक आईपीएल गवर्निंग काउंसिल से दूर रहेंगे. श्रीनिवासन इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सहित सीएसके टीम के भी मालिक हैं.
कोर्ट द्वारा मंगलवार को मिली फटकार के बाद श्रीनिवासन के वकील कपिल सिब्बल ने बताया कि श्रीनिवासन आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल और आईपीएल से जु़ड़ी बीसीसीआई की बैठकों से खुद को दूर रखेंगे.
सिब्बल ने कोर्ट से कहा, 'अगर श्रीनिवासन बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने जाते हैं तो हितों के टकराव को लेकर प्रस्तावित समिति का फैसला आने तक वह आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठकों से दूर रहेंगे. साथ ही बीसीसीआई में भी आईपीएल से जुड़ी सभी बैठकों से दूरी बनाए रखेंगे.'
- इनपुट IANS