मुद्गल कमिटी रिपोर्ट पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों ने आईसीसी के चेयरमैन और निलंबित बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. कोर्ट ने कहा कि श्रीनिवासन के हितों के टकराव व गुरुनाथ मयप्पन पर लगे आरोपों के मद्देनजर आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी की मान्यता रद्द कर दी जाए. इसके अलावा कोर्ट ने सीएसके और इंडिया सीमेंट्स के शेयरधारकों के नाम बताने का निर्देश दिया.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का भी नाम उठा. दरअसल, धोनी सीएसके के कप्तान होने के साथ इसकी मालिक कंपनी इंडिया सीमेंट्स के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं. 2013 में उन्हें यह पद दिया गया था. गुरुवार को सुनवाई में कोर्ट में कोई अंतिम आदेश नहीं दिया. अब मामले पर एक दिसंबर को सुनवाई होगी.
कोर्ट ने बीसीसीआई को मुद्गल रिपोर्ट पर कार्रवाई करने को आदेश दिया और बोर्ड को ताजा चुनाव करवाने का आदेश देते हुए कहा कि मुदग्ल रिपोर्ट में जिन चार अधिकारियों के नाम का जिक्र हैं, उन्हें चुनावों से दूर रखा जाए. यानी एन श्रीनिवासन के फिर से बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की संभावना खत्म होती नजर आ रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि मामले पर आगे कोई और जांच नहीं होगी. बीसीसीआई को इसी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि अब जब सारे तथ्य आपके सामने हैं तो कार्रवाई कीजिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर श्रीनिवासन की जिम्मेदारी और सीएसके के मालिक के तौर पर उनके हित, यही हितों के टकराव का मामला है.'
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीसीसीआई ने मुद्गल रिपोर्ट में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक कमिटी बनाने की पेशकश की है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच पूरी होने तक इंडियन प्रीमियर लीग की चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी की मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए. क्योंकि इस फ्रेंचाइजी के अधिकारी गुरुनाथ मयप्पन पर सट्टेबाजी में शामिल होने का आरोप लगा है.
आपको बता दें कि मयप्पन निलंबित बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद हैं. एक समय खुद को सीएसके का टीम प्रिंसपल बताने वाले मयप्पन पर आईपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी करने का आरोप लगा था. मुद्गल कमिटी की जांच में उन पर लगे आरोपों को सही पाया गया.
इससे पहले सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एन श्रीनिवासन पर हितों के टकराव के मुद्दे पर सख्त टिप्पणियां की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी का मालिक कैसे हो सकता है?