जे पी डुमिनी वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में दक्षिण अफ्रीका की ओर से हैट्रिक लेने वाले पहले बॉलर हो गए हैं. 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल मैच में डुमिनी ने लगातार तीन गेंदों पर तीन श्रीलंकाई बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. डुमिनी ने ये तीन विकेट दो ओवरों में लिए.
33वीं ओवर की अंतिम गेंद पर उन्होंने श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज को आउट किया. मैथ्यूज का कैच डुप्लेसी ने लपका. इसके बाद 35वीं ओवर की पहली गेंद पर उन्होंने कुलसेखरा को चलता किया. डीकॉक ने अच्छा कैच पकड़ा. डुमिनी की अगली गेंद गुड लेंथ थी. इसमें घुमाव न के बराबर था. श्रीलंकाई डेब्यू क्रिकेटर थरेंडु कौशल इसे समझ नहीं सके और गेंद उनके पैड पर जा लगी. एलबीडब्ल्यू की जोरदार अपील हुई. अंपायर ने अपनी उंगली उठा दी और डुमिनी साथी खिलाड़ियों के साथ हैट्रिक का जश्न मनाने लगे.
114 रनों तक चार विकेट खो चुकी श्रीलंकाई टीम डुमिनी के इस हैट्रिक के प्रहार से उबर नहीं सकी और अंततः 133 रनों पर ऑल आउट हो गई.
डुमिनी केवल दूसरे ऐसे दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज हैं जिन्होंने वनडे में हैट्रिक ली हो. दक्षिण अफ्रीका की ओर से वनडे क्रिकेट में पहली हैट्रिक का रिकॉर्ड चार्ल लांगेवेल्ट के नाम है. 2005 में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ यह कारनामा किया.
वर्ल्ड कप में कब-कब बनी हैट्रिक
वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वालों में डुमिनी नया नाम है. 1987 से भारत के चेतन शर्मा की पहली हैट्रिक के बाद से डुमिनी को मिलाकर यह 9वीं हैट्रिक है जबकि आठ बॉलर्स इस लिस्ट से जुड़ चुके हैं. श्रीलंका के लसिथ मलिंगा ऐसे एक मात्र गेंदबाज हैं जिन्होंने यह कारनामा दो बार किया है.
डुमिनी की हैट्रिक से पहले भी इसी 11वें क्रिकेट वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टीवन स्मिथ ने भी यह कारनामा किया था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी तीन गेंदों पर तीन विकेट झटके. 2015 वर्ल्ड कप का यह पहला मैच था और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर में ब्रैड हैडिन (31), ग्लेन मैक्सवेल (66) और मिशेल जॉनसन (0) के विकेट झटके.
इससे पहले हुए 10 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में कुल छह गेंदबाजों ने हैट्रिक ली थी. इनमें से श्रीलंकाई लसिथ मलिंगा के नाम वर्ल्ड कप में दो बार हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड दर्ज है जो उन्होंने 2007 और 2011 में लिए थे. 2007 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ही उन्होंने लगातार चार खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखाई थी. तब उनके शिकार बने थे, शॉन पोलाक, एंड्रयू हॉल, जैक कालिस और मखाया एनटिनी. इसके बाद 2011 में उन्होंने केन्या के खिलाफ एक बार फिर हैट्रिक ली. इस बार उनकी गेंदों पर आउट होने वाले क्रिकेटर थे तन्मय मिश्रा, पीटर ऑनगोंडो और शेम एनगोचे.
वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में पहली हैट्रिक भारतीय गेंदबाज चेतन शर्मा ने ली थी. 1987 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ यह कारनामा किया था. उन्होंने केन रदरफोर्ट, इयान स्मिथ और इवान चैटफील्ड को लगातार तीन गेंदों पर पवेलियन का रास्ता दिखाया था. इस हैट्रिक की खास बात यह थी कि तीनों ही गेंदों पर स्टंप्स बिखर गए थे और वो भी अलग अलग.
इसके बाद 1999 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के सकलैन मुश्ताक ने वर्ल्ड कप की दूसरी हैट्रिक ली. केनिंग्टन ओवल ग्राउंड पर उन्होंने जिंबाब्वे के खिलाफ हैट्रिक ली थी. सकलैन ने हेनरी ओलंगा, एडम हकल और मांगवा को आउट कर हैट्रिक पूरी की थी.
अगले वर्ल्ड कप यानी 2003 में दो गेंदबाजों ने हैट्रिक लेने का कारनामा किया. श्रीलंका के चमिंडा वास ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों हनन सरकार, मोहम्मद अशरफुल और एहसानुल हक को आउट कर अपनी हैट्रिक पूरी की तो ऑस्ट्रेलियाई ब्रेट ली ने केन्या के के केनेडी ओटिएनो, ब्रिजल पटेल और डेविड ओबुया को चलता किया. यह पहली बार हुआ कि एक ही वर्ल्ड कप में दो हैट्रिक बने.
इसके बाद 2007 में लसिथ मलिंगा ने हैट्रिक ली जिसकी जानकारी ऊपर दी गई है.
2011 में मलिंगा की हैट्रिक के अलावा वेस्टइंडीज के कीमर रोच भी इस अद्भुत लिस्ट से जुड़े. रोच ने दिल्ली में खेले गए इस मैच में नीदरलैंड्स के बल्लेबाजों पीटर सीलार, बेर्नार्ड लूट्स और बेरेंड वेस्टडिक को आउट कर हैट्रिक पूरी की.