भारतीय टीम को अगले साल फरवरी-मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. वर्ल्ड चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिहाज से टीम इंडिया के लिए यह सीरीज काफी महत्वपूर्ण होगी. ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ हालिया सालों में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है और वह कंगारूओं को उसके घर में भी मात देने में सफल रही है. लेकिन पहले ऐसी स्थिति नहीं थी.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 12 साल बाद मिली जीत
इतिहास पलटकर देखें तो भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट जीत हासिल करने में 12 साल (1947-1959) लग गए थे. इस दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती 9 टेस्ट मैचों में से 7 मुकाबले गंवाए थे, लेकिन 10वें टेस्ट में जाकर भारत ने जीत का स्वाद चख ही लिया. भारतीय टीम को वह ऐतिहासिक जीत जीएस रामचंद्र की कप्तानी में कानपुर टेस्ट मैच (19-24 दिसंबर 1959) में मिली थी. उस मुकाबले में ऑफ स्पिनर जसु पटेल ने अपना जलवा दिखाया था.
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मुकाबले के पहले दिन (20 दिसंबर) जसु ने ग्रीन पार्क की टर्निंग पिच पक एक-एक कर 9 शिकार किए जिसके चलते रिची बेनो की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम 219 रनों पर सिमट गई. जसु ने जिन नौ बल्लेबाजों को आउट किया था उसमे पांच तो बोल्ड आउट हो गए थे. वहीं 2 खिलाड़ी एलबीडब्ल्यू हुए और एक का तो कैच जसु पटेल ने खुद ही लिया.
कुंबले ने तोड़ा था जसु का रिकॉर्ड
35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट के साथ जसु का भारत के टेस्ट इतिहास में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी विश्लेषण रहा. उनका यह रिकॉर्ड अगले 40 साल तक कायम रहा. जसु का रिकॉर्ड उस वक्त टूटा जब लेग-स्पिनर अनिल कुंबले ने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ सभी 10 विकेट चटका डाले. भारत की पारी में 9 विकेट लेने की बात करें, तो जसु से पहले सुभाष गुप्ते ने 1958 में कानपुर में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ 9 विकेट (34.3-11-102-9) चटकाए थे.
टेस्ट की एक पारी में बेस्ट बॉलिंग (भारतीय गेंदबाज)
अनिल कुंबले: 26.3 ओवर, 9 मेडन, 74 रन, 10 विकेट vs पाकिस्तान (दिल्ली, 1999)
जसु पटेल: 35.5 ओवर, 16 मेडन, 69 रन, 9 विकेट vsऑस्ट्रेलिया (कानपुर, 1959)
कपिल देव: 30.3 ओवर, 6 मेडन, 83 रन, 9 विकेट vs वेस्टइंडीज (अहमदाबाद, 1983)
सुभाष गुप्ते: 34.3 ओवर, 11 मेडन, 102 रन, 9 विकेट vs वेस्टइंडीज (कानपुर, 1958)
जसु ने उस मैच में लिए कुल 14 विकेट
जसु पटेल ने कानपुर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में भी 5 विकेट (55 रन देकर) चटकाए. 225 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम 105 रनों पर सिमट गई. जसु भारत की ओर से एक टेस्ट में कुल 14 (124 रन देकर) विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने. उनका यह रिकॉर्ड 1988 में जाकर टूटा, जब नरेंद्र हिरवानी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तत्कालीन मद्रास टेस्ट में 136 रन देकर 16 झटके. जसु के इस सनसनीखेज प्रदर्शन से भारत ने कानपुर टेस्ट 119 रनों से जीत लिया, हालांकि बाद में उस टेस्ट सीरीज को ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 से अपने नाम किया.
एक टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज
नरेंद्र हिरवानी vs वेस्टइंडीज: 33.5 ओवर, 6 मेडन, 136 रन, 16 विकेट (चेन्नई, 1988)
हरभजन सिंह vs ऑस्ट्रेलिया: 80.1 ओवर, 26 मेडन, 217 रन, 15 विकेट (चेन्नई, 2001)
जसु पटेल vs ऑस्ट्रेलिया: 61.3 ओवर, 23 मेडन, 124 रन, 14 विकेट (कानपुर, 1959)
अनिल कुंबले vs पाकिस्तान: 51.0 ओवर, 13 मेडन, 149 रन, 14 विकेट (दिल्ली,1999)
सिर्फ सात टेस्ट मैच खेलने का मिला मौका
जसु पटेल ने कानपुर टेस्ट में उतरने से पहले तीन साल में एक भी टेस्ट नहीं खेल था. यानी कि उन्हें ट्रंप कार्ड के तौर पर टीम में लिया गया था. जसु के लिए यह आखिरी सीरीज में साबित हुई. कानपुर टेस्ट के बाद वह दो और टेस्ट खेले. कुल मिलाकर जसु ने 7 टेस्ट में 29 विकेट चटकाए. बचपन में पेड़ से गिरने से जसु का हाथ टूट गया था. जिसके चलते उनका गेंदबाजी एक्शन कुछ 'अलग' था. साल 1992 में 68 साल की उम्र में जसु दुनिया को छोड़ गए.