Big Challenges for Jay Shah: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह निर्विरोध इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के अगले चेयरमैन चुने गए हैं. साथ ही 35 साल के जय शाह वर्ल्ड क्रिकेट प्रशासन में टॉप पद पर काबिज होने वाले सबसे कम उम्र के प्रशासक बन गए हैं.
जय शाह इसी साल 1 दिसंबर को मौजूदा ICC चेयरमैन ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे. न्यूजीलैंड के 62 वर्षीय बार्कले ने लगातार तीसरी बार दावेदारी नहीं करने का फैसला किया. अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह के सामने ICC चेयरमैन बनने के साथ ही 3 बड़ी चुनौतियां रहेंगी. आइए जानते हैं इनके बारे में...
पाकिस्तान में चैम्पियंस ट्रॉफी बड़ी चुनौती
अगले साल फरवरी-मार्च में पाकिस्तान की मेजबानी में चैम्पियंस ट्रॉफी होनी है. जबकि बीसीसीआई सचिव रहते हुए जय शाह ने पहले ही साफ कर दिया है कि भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाएगी. ऐसे में पाकिस्तान की निगाहें सिर्फ ICC के फैसले पर थीं. मगर अब जय शाह खुद ही आईसीसी चीफ बन गए हैं.
ऐसे में पाकिस्तान को बड़ी मुश्किल हो सकती है. जय शाह एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष भी रहे. तब पाकिस्तान की मेजबानी में एशिया कप 2023 हाइब्रिड मॉडल के तहत हुआ था. तब भारतीय टीम ने अपने मैच श्रीलंका में खेले थे. अब देखना होगा कि बतौर ICC चेयरमैन इस चैम्पियंस ट्रॉफी के मामले को किस तरह से निपटाते हैं.
ओलंपिक में क्रिकेट को बढ़ावा देना
जय शाह के सामने दूसरी बड़ी चुनौती ओलंपिक में क्रिकेट को बढ़ावा देना रहेगा. इसकी शुरुआत लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 से होगी. ओलंपिक में क्रिकेट किस तरह एंट्री करते है और ग्रोथ करता है, यह सब जय शाह के प्लान पर निर्भर करेगा.
ओलंपिक में कितनी टीमें खेलेंगी, उसका फॉर्मेट क्या होगा और टूर्नामेंट का अंत कैसे होगा? यह सारी चुनौतियां जय शाह को ही फेस करनी हैं. ओलंपिक की मदद से क्रिकेट को उन देशों तक पहुंचाना भी एक चुनौती रहेगी, जहां यह खेला ही नहीं जाता है. जय शाह ने अपने बयान में भी यह बात कही है. उन्होंने कहा, 'क्रिकेट का ओलंपिक 2028 में शामिल होना बड़ी उपलब्धि है. इसे हम ओलंपिक के जरिए ग्लोबल पहचान दिलाएंगे और ज्यादा देशों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे.'
क्रिकेट को ग्लोबल खेल बनाने की चुनौती
जय शाह ने बीसीसीआई सचिव रहते हुए भारत में महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने महिला प्रीमियर लीग (WPL) लॉन्च की. साथ ही महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन दिया गया. इसके अलावा जय शाह ने भारतीय घरेलू क्रिकेट को भी आगे रखा है. इसके विकास को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सभी बड़े खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य किया.
अब बतौर आईसीसी चीफ उनके सामने टेस्ट क्रिकेट को बचाने की बड़ी चुनौती रहेगी. दरअसल, टी20 फॉर्मेट के आने के बाद टेस्ट से फैन्स की रूचि थोड़ी कम होती दिखी है. ऐसे में जय शाह के सामने कुछ नए बदलाव कर टेस्ट को बढ़ावा देने की चुनौती रहेगी.
क्रिकेट को ग्लोबल खेल बनाने की चुनौती भी रहेगी. इसके अलावा युवाओं को इस खेल की ओर कैसे आकर्षित किया जाए, यह भी उनके एजेंडे में शामिल है. साथ ही ICC टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों की यात्रा, कमाई और बाकी चीजों पर भी नजरें रहेंगी.