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ENG vs IND: भारत के खिलाफ बेहतरीन फॉर्म में इंग्लिश कप्तान रूट, जोरदार बल्लेबाजी का ये है राज

इंग्लिश कप्तान जो रूट ने भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में सीरीज का दूसरा शतक जड़ा. वह 180 रन बनाकर नाबाद रहे, जिससे इंग्लैंड ने 27 रनों की बढ़त हासिल की. 30 साल के रूट टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में हैं.

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Joe Root (Getty)
Joe Root (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इंग्लिश कप्तान जो रूट ने भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में सीरीज का दूसरा शतक जड़ा
  • वह 180 रन बनाकर नाबाद रहे, जिससे इंग्लैंड को बढ़त मिली

इंग्लिश कप्तान जो रूट ने भारत के खिलाफ लॉर्ड्स में सीरीज का दूसरा शतक जड़ा. वह 180 रन बनाकर नाबाद रहे, जिससे इंग्लैंड ने 27 रनों की बढ़त हासिल की. 30 साल के रूट टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन फॉर्म में हैं. उन्होंने इससे पहले नॉटिंघम टेस्ट में 64 और 109 रन बनाए थे. पूर्व कप्तान माइक आथर्टन का कहना है कि रूट को पिछले साल कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अपनी बल्लेबाजी तकनीक पर काम करने का फायदा मिल रहा है. 

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माइक आथर्टन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी बल्लेबाजी पर कुछ शानदार काम किया है और उन्हें इसका फायदा मिल रहा है. यह सब तब हुआ जब वह साल के थे और उनका करियर शानदार चल रहा था.’

उन्होंने कहा, ‘लेकिन लॉकडाउन ने उन्हें आराम करने का मौका दिया और इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘मेरे करियर का दूसरा हाफ आने वाला है और मैं शानदार खिलाड़ी से सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक बन सकता हूं.’

रूट ने इस शतकीय पारी से टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन भी पूरे किए. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान से क्रिकेट लेखक बने आथर्टन ने कहा, ‘रूट ने बल्लेबाजी विश्लेषक से पिछले पांच वर्षों के उनके आउट होने के तरीके की वीडियो भेजने को कहा और उन्होंने इन्हें बारीकी से देखकर उन कमियों को दूर करने का प्रयास किया. उन्हें इसका फल भी मिल रहा है.’

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उन्होंने कहा, ‘रूट ने अब थोड़ा सा तकनीकी बदलाव किया है और बल्लेबाजी करते हुए वह अपने पीछे वाले पैर को बिल्कुल सीधा पीछे रखते है. इससे उनका एलबीडब्ल्यू आउट होने का मौका कम रहता है.’

माइक आथर्टन ने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों से वह सीम और तेज गेंदबाजी के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर अपनी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी करते हैं. लेकिन वह अब अपने स्वर्णिम फॉर्म में है, जो 2021 के शुरू हुई जब इंग्लैंड श्रीलंका गए थे.’

उन्होंने कहा, ‘सबसे बेहतरीन चीज है कि वह कप्तानी और उम्मीदों के बोझ से दबा हुआ महसूस नहीं करते. इस पारी को ही देखिए, वह तब बल्लेबाजी करने उतरे थे, जब भारत ने दो गेंदों पर दो विकेट झटक लिये थे और यह हैट्रिक गेंद थी.’

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