भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने में कीवी दिग्गज जॉन राइट ने बड़ी भूमिका निभाई थी. सौरव गांगुली जैसे बेहतरीन कप्तान के साथ काम करते हुए भारतीय टीम की सूरत बदलने में उनका अहम योगदान रहा. वह 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम के पहले विदेशी कोच बने थे. आज (5 जुलाई) जॉन राइट अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं.
जॉन राइट के पांच साल के कार्यकाल के दौरान ने भारतीय टीम ने कई यादगार जीत हासिल की, जिसमें 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट और इंग्लैंड में जीती गई नेटवेस्ट ट्रॉफी शामिल है. कप्तान और कोच के तौर पर गांगुली और राइट के बीच बेहतर संवाद का असर टीम के ड्रेसिंग रूम और स्कोरबोर्ड दोनों जगह साफ झलकता था.
🧢 82 Tests and 149 ODIs for @BLACKCAPS
— ICC (@ICC) July 5, 2021
🧮 13 international centuries and 9225 runs
🇮🇳 🇳🇿 Coaching stints with India and New Zealand
Happy birthday to former opener, John Wright 🎂 pic.twitter.com/bwKqR72nBN
विजडन एंथोलॉजी 1978-2006: क्रिकेट एज ऑफ रेवोल्यूशन किताब में लिखा गया, 'कप्तान सौरव गांगुली और कोच जॉन राइट जिस नई और मजबूत टीम इंडिया को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध थे वो कागज पर लिखे विचार से कुछ ज्यादा बनती जा रही थी.
... लेकिन इस दौरान गांगुली और राइट के बीच 'विवाद' ने भी जन्म लिया था. बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने एक कार्यक्रम के दौरान (2013 में) एक दिलचस्प वाकए का खुलासा किया था. दरअसल, तत्कालीन कोच जॉन राइट सहवाग की बल्लेबाजी को लेकर बेहद नाराज थे. सहवाग लगातार असफल हो रहे थे. वह कुछ गेंद में ही आउट हो जाते थे. एक दिन जॉन राइट को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने सहवाग को थप्पड़ जड़ दिया.
जब गांगुली को पता चला कि सहवाग को राइट ने थप्पड़ मारा है तो वह बुरी तरह से भड़क गए, उस वक्त राजीव शुक्ला टीम के मैनेजर थे. गांगुली ने शुक्ला से कहा कि जॉन को माफी मांगनी होगी. शुक्ला ने गांगुली से कहा कि वह इस मुद्दे पर जॉन राइट से बात करेंगे. जॉन राइट ड्रेसिंग रूम के बाहर सिगरेट पी रहे थे. उसी वक्त शुक्ला ने सहवाग को थप्पड़ मारने की बात उठाई. जॉन ने उनसे कहा कि उन्होंने बतौर टीचर सहवाग पर गुस्सा उतारा है. जॉन ने अपनी 'सफाई' में कहा, 'मैंने केवल धक्का दिया है, थप्पड़ नहीं मारा है. वह बार-बार एक ही गलती दोहरा रहा था. मुझे उसकी गलती बर्दाश्त नहीं हो रही थी.'
लेकिन सौरव गांगुली अड़ गए कि जॉन राइट को हर हाल में माफी मांगनी होगी. दूसरी तरफ सचिन तेंदुलकर की राय कुछ और थी. राजीव शुक्ला ने कहा कि सचिन मुझे किनारे ले गए और कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए जॉन राइट से माफी नहीं मंगवानी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं सचिन की सलाह समझ गया कि कोच ही माफी मांगेगा तो आगे क्या होगा.
इसके बाद राजीव शुक्ला ने सहवाग को समझाया. सहवाग समझ गए और उन्होंने कहा कि जॉन को माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है. तब तक ड्रेसिंग रूम में माहौल शांत हो गया था. शुक्ला ने कहा, 'शुक्र है कि तब यह बात मीडिया में नहीं आई थी, नहीं तो पता नहीं कितना बवाल होता.'
2005 में टीम इंडिया के साथ कार्यकाल खत्म होने के बाद दिसंबर 2010 में राइट को अपनी राष्ट्रीय टीम के साथ काम करने का मौका मिला. राइट के रहते कीवी टीम 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल तक पहुंची थी. 2012 में उन्होंने न्यूजीलैंड टीम के कोच का पद छोड़ दिया था. राइट ने न्यूजीलैंड के लिए खेले 82 टेस्ट मैचों में 37.82 के एवरेज से 5334 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 23 अर्धशतक शामिल हैं.