भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में सुधार को लेकर गठित जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी. बीसीसीआई के कामकाज के बारे में विभिन्न पहलुओं पर सुझाव देने वाली इस रिपोर्ट पर चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ विचार करेगी.
कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कहा कि बीसीसीआई एक नेशनल बॉडी है, इसलिए इसमें महज कुछ राज्यों की ही भागीदारी नहीं होनी चाहिए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमिटी ने सिफारिश की है कि सभी राज्यों में एक अलग एसोसिएशन हो और उसे क्रिकेट बोर्ड में वोट देने का अधिकार हो.
हर राज्य में हो एक एसोसिएशन
सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को लोढ़ा पैनल की रिपोर्ट अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण ने सौंपी. जस्टिस लोढ़ा ने सिफारिशों का जानकारी देते हुए कहा, 'मौजूदा समय में बीसीसीआई में सदस्य 34 संस्थाएं हैं. इनमें से कुछ ऐसी हैं जिनके पास जमीन नहीं है और कुछ ऐसी संस्थाएं भी सदस्य हैं जो टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेती हैं. ऐसे कई राज्य हैं जिनमें एक से अधिक क्रिकेट एसोसिएशन हैं. इन्हें कम किया जाए और हर राज्य का सिर्फ एक एसोसिएशन हो.'
'BCCI और IPL की अलग गवर्निंग बॉडी हो'
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि बीसीसीआई और आईपीएल की अलग-अलग गवर्निंग बॉडी हों. हालांकि आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को पूरी स्वायत्ता न देने की भी वकालत की गई. कमेटी ने कहा- आईपीएल की गवर्निंग बॉडी को गवर्निंग काउंसिल के नाम से जाना जाए और इसमें 9 सदस्य हों.
'BCCI से दूर रहें मंत्री और नौकरशाह'
लोढ़ा पैनल ने कहा कि कोई भी बीसीसीआई पदाधिकारी तीन से अधिक कार्यकाल तक पद पर नहीं रह सकता और प्रत्येक कार्यकाल के बीच कुछ अंतर होगा. इसके अलावा कोई भी पदाधिकारी एक समय में दो पदों पर नहीं रह सकता है. बीसीसीआई का कोई भी पदाधिकारी मंत्री या सरकारी नौकर नहीं हो सकता. साथ ही संविधान और खिलाड़ियों के संघ के गठन की पेशकश की. कमेटी ने कहा कि बीसीसीआई के अधिकारियों की उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. उन्होंने रेलवे, सेना और विश्वविद्यालय संघों को केवल एसोसिएट सदस्य बनाने की सिफारिश की.
लोढ़ा समिति ने पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई के नेतृत्व में संचालन समिति की सिफारिश की जिसमें मोहिंदर अमरनाथ, डायना एडुल्जी और अनिल कुंबले सदस्य होंगे.
IPL की दो टीमों पर लगाया था बैन
बता दें कि रिपोर्ट सौंपने के पहले पैनल ने आईपीएल की सर्वाधिक सफल टीम, महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को 2013 में सामने आए सट्टा घोटाले के बाद दो साल के लिए निलंबित कर दिया था. इस घोटाले में उनके दो शीर्ष अधिकारी- गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा कथित तौर पर शामिल थे. बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद मयप्पन, इंडिया सीमेन्ट लि. (आईसीएल) के स्वामित्व वाली फ्रेंचाइजी सीएसके के पूर्व टीम प्रिंसिपल थे. कुन्द्रा राजस्थान रायल्स का संचालन करने वाले जयपुर आईपीएल के सह मालिक थे. इन दोनों को बीसीसीआई ने किसी भी मैच के संचालन के लिए आजीवन निलंबित कर दिया था.
सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की सिफारिश
लोढ़ा कमेटी ने क्रिकेट में बढ़ती सट्टेबाजी के मामले में अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि इसे कानूनी मान्यता दे दी जाए.