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कपिल ने कहा, सही समय पर लिया धोनी ने संन्यास

महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले की तारीफ करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने मंगलवार को कहा कि इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपने साहसिक फैसले से कुर्सी के लिये लालयित प्रशासकों सहित प्रत्येक को कड़ा संदेश दिया.

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कपिल देव (फाइल फोटो)
कपिल देव (फाइल फोटो)

महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले की तारीफ करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने मंगलवार को कहा कि इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपने साहसिक फैसले से कुर्सी के लिये लालयित प्रशासकों सहित प्रत्येक को कड़ा संदेश दिया.

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कपिल ने द टेलीग्राफ के चौथे टाइगर पटौदी मेमोरियल लेक्चर के दौरान कहा, ‘आप आराम से 100 टेस्ट मैच खेल सकते थे. आपने यह कहकर कि ‘अलविदा, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और अब अगली पीढ़ी को अपना काम करने दो’, जो किया वह हम नहीं कर पाए. इसलिए मैं कहता हूं, ‘शाबाश धोनी, मैं आपका कायल हूं.’ उन्होंने कहा, ‘धोनी आप महान हो. आपने देश की बहुत अच्छी तरह से सेवा की. उन्होंने अच्छा काम किया. कई लोग कह रहे हैं कि उन्हें कम से कम 100 टेस्ट मैच खेलने चाहिए थे. मुझे लगता है कि उन्होंने हमें नयी सोच दी. आप ताउम्र नहीं खेल सकते हो. आपको तब संन्यास ले लेना चाहिए जब आपको लगे कि अगली पीढ़ी आ रही है.’

कपिल ने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्रेग चैपल को उद्धृत करते हुए कहा, ‘उन्होंने एक बात कही थी जिससे मैं प्रेरित हुआ. कोई भी क्रिकेटर जो अपने समय से लंबे समय तक खेलता है वह तीन पीढ़ियों को खत्म करता है. यह विचार वास्तव में प्रशंसनीय है.’ क्रिकेट प्रशासकों की खिंचाई करते हुए कपिल ने कहा, ‘उम्मीद है कि क्रिकेट में प्रशासन से जुड़े लोग इससे सीख लेंगे और अपनी कुर्सियों पर 30 साल या ताउम्र तक नहीं चिपके रहेंगे.

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कपिल ने इसके साथ ही धोनी की टीम को ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में अगले साल होने वाले विश्व कप के लिये शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने कहा, ‘मैं आपको एक और जीत के लिये शुभकामना देता हूं. उम्मीद है कि आप अच्छा प्रदर्शन करोगे. यह प्रत्येक चार साल में एक बार होता है. अगले चार साल तक इंतजार करना पीड़ादायक होता है.' कपिल ने 1983 की जीत की यादों को ताजा करते हुए कहा, ‘मैं बहुत गर्व और खुशी महसूस करता हूं कि मैं 1983 की टीम का हिस्सा था. कप्तानी को भूल जाओ. उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना बड़ी बात है जो हमने अपने देश में शुरू की थी.’ उन्होंने कहा, ‘आत्मविश्वास से ही आप क्रिकेट ही नहीं किसी भी खेल में कुछ हासिल कर सकते हो. हमने खुद पर विश्वास करना शुरू किया कि हम कुछ हासिल कर सकते हैं और 1983 में सबसे अच्छी बात हुई. मेरी टीम आपकी टीम भी है.’

कपिल ने इसके साथ ही बीसीसीआई से लंबी अवधि और सीमित अवधि के मैचों के लिये अलग-अलग कप्तान नियुक्त करने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक टेस्ट खिलाड़ी टी20 का अच्छा कप्तान नहीं हो सकता है तथा प्रत्येक टी20 का कप्तान टेस्ट टीम की अगुवाई करने के लिये अच्छा नहीं हो सकता. यह काफी मुश्किल है क्योंकि टेस्ट मैचों में आपको सोचना पड़ता है. मुझे उम्मीद है कि मेरा देश और क्रिकेट बोर्ड इस पर विचार करेगा और दो या तीन अलग-अलग कप्तान रखेगा. इससे हमारे खेल को मदद मिलेगी.’

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कपिल ने कहा कि भविष्य में हो सकता है कि गैर खिलाड़ी कप्तान नियुक्त किये जाएं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ऐसा समय आएगा जबकि गैर खिलाड़ी कप्तान रखा जाएगा जो खेल का बेहतर तरीके से आकलन कर सकता है. प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव आ रहा है. मानव प्रबंधन की क्रिकेट में जरूरत है और सीनियर क्रिकेटर कोच बन सकता है.’

इनपुट: भाषा से

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