Virat Kohli vs BCCI: विराट कोहली की कप्तानी से जुड़ा विवाद भारतीय क्रिकेट के सबसे विवादास्पद और चर्चित विषयों में से एक बन चुका है. कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उल्लेख किया था कि चयनकर्ताओं ने उन्हें 8 दिसंबर को साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टेस्ट टीम की घोषणा से डेढ़ घंटे पहले एकदिवसीय कप्तान के रूप में हटाने के बारे में सूचित किया.
उधर बोर्ड प्रेसिडेंट गांगुली ने कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कोहली से बात की थी, जब वह टी20 इंटरनेशनल में बतौर कप्तान अपना पद छोड़ने का फैसला कर रहे थे. गांगुली के मुताबिक उन्होंने कोहली से कप्तानी जारी रखने का आग्रह किया लेकिन इस स्टार क्रिकेटर ने कप्तानी जारी रखने से इनकार कर दिया.
हालांकि, विराट कोहली ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोर देकर कहा था कि उनके और बोर्ड के किसी भी अधिकारी के बीच ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई. इसके चलते अब भारतीय क्रिकेट में कोहराम और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.
अब भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी कीर्ति आजाद का मानना है कि चयनकर्ताओं को इस मामले में गांगुली के पास पहुंचना चाहिए था और उनकी मंजूरी के बाद ही फैसला करना चाहिए था. आजाद का मानना है कि सदियों से चली आ रही परंपरा को बोर्ड के अध्यक्ष से मंजूरी की मुहर मिलना जरूरी और फायदेमंद है.
आजाद ने एक न्यूज चैनल को बताया, 'अगर यह चयनकर्ताओं की ओर से यह तय किया जाना था, तो उन्हें अध्यक्ष के पास जाना चाहिए था. आम तौर पर क्या होता है कि जब एक टीम का चयन किया जाता है - जब मैं एक राष्ट्रीय चयनकर्ता था तो हम टीम का चयन करने के बाद अध्यक्ष के पास जाते थे. वह देखने के बाद इस पर हस्ताक्षर करते और फिर इसकी घोषणा की जाती थी. यह हमेशा से रिवाज है कि एक टीम चुने जाने के बाद अध्यक्ष इसे देखते हैं.'
'कप्तानी से हटाने के तरीके से आहत हुए होंगे कोहली'
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली ने उल्लेख किया कि उन्होंने भारत के एकदिवसीय कप्तान के रूप में हटाए जाने की सूचना पर चयनकर्ताओं को ओके कहा. लेकिन आजाद का मानना है कि यह स्टार बल्लेबाज निश्चित रूप से आहत हुआ होगा क्योंकि जिस तरह से इन सब चीजों को हैंडल किया गया. आजाद ने आगे कहा कि हालांकि उनका मकसद चयनकर्ताओं का अपमान करना नहीं है, लेकिन कोहली का क्रिकेट खेलने का अनुभव कहीं अधिक है.
आजाद ने कहा, 'तो जाहिर है यदि आप किसी भी प्रारूप के लिए कप्तान बदल रहे हैं तो आप अध्यक्ष को लिखें और सूचित करें. विराट अपसेट नहीं हैं, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्हें सूचित किया गया है, उससे वह आहत हैं. इसलिए एक बार यह सौरव के पास गया, तो वह अनौपचारिक रूप से भी इसके बारे में बात कर सकते थे आप समझ सकते हैं, मैं यह नहीं कहना चाहता. सभी चयनकर्ता वास्तव में अच्छे इंसान हैं. लेकिन यदि आप उनके कुल मैचों की संख्या डाल दें, तो यह विराट ने जो खेला है उसका आधा भी नहीं होगा.'