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Koneru Humpy: साल के आखिर में अच्छी खबर... कोनेरू हम्पी ने रचा इतिहास, जीती वर्ल्ड रैपिड चेज चैम्पियनशिप

साल के आखिर में भी जाते-जाते भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने अच्छी खबर दी है. भारत की नंबर एक महिला चेस प्लेयर हम्पी अब चीन की जू वेनजुन (Ju Wenjun) के बाद एक से ज्यादा बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं. वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला शतरंज खिलाड़ी हैं.

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कोनेरू हम्पी.
कोनेरू हम्पी.

Koneru Humpy won Womens World Rapid Championship: यह साल 2024 भारतीय शतरंज के लिहाज से काफी शानदार रहा है. इस साल भारतीय तिरंगा फिडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट, चेस ओलंपियाड के बाद वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप में लहराया है. मगर साल के आखिर में भी जाते-जाते भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने अच्छी खबर दी है.

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37 साल की हम्पी ने रविवार (29 दिसंबर) को इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर दूसरी बार वर्ल्ड रैपिड चेस चैम्पियनशिप खिताब जीता है. उन्होंने इससे पहले 2019 में जॉर्जिया में यह चैम्पियनशिप जीती थी. इसके अलावा भी हम्पी ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हम्पी को बधाई दी.

हम्पी के नाम यह दो शानदार रिकॉर्ड दर्ज

भारत की नंबर एक महिला चेस प्लेयर हम्पी अब चीन की जू वेनजुन (Ju Wenjun) के बाद एक से ज्यादा बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं. वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला शतरंज खिलाड़ी हैं.

हम्पी ने कुल 11 में से 8.5 पॉइंट्स हासिल किए और इसके साथ खिताब अपने नाम किया. यह उनका आखिरी मुकाबला ड्रॉ होता या वो हारतीं, तो खिताब का सपना अधूरा ही रह जाता. ऐसे में हम्पी ने दमदार खेल दिखाते हुए मैच और खिताब अपने नाम किया.

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गुकेश ने इसी महीने रचा इतिहास

पुरुष कैटेगरी में यह खिताब रूस के वोलोदर मुर्जिन ने जीता. यह खिताब जीतने के साथ ही 18 साल के मुर्जिन दूसरे सबसे कम उम्र के FIDE वर्ल्ड रैपिड चैम्पियनशिप जीतने वाले प्लेयर बन गए हैं. इस मामले में नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव टॉप पर हैं, जिन्होंने 17 साल की उम्र में खिताब जीता था.

साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में ही गुकेश ने इतिहास रचा था. गुकेश 12 दिसंबर को ही वर्ल्ड चैम्पियन बने. उन्होंने डिफेंडिंग चैम्पियन और चीन के चेस मास्टर डिंग लिरेन (Ding Liren) को करारी शिकस्त दी थी. गुकेश यह खिताब जीतते ही विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड चेस चैम्पियन बनने वाले दूसरे भारतीय भी बने.

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