पूर्व भारतीय खिलाड़ी और अफगानिस्तान के मौजूदा मुख्य कोच लालचंद राजपूत ने बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने टीम इंडिया के हेड कोच के लिए और आवदेन मंगाने के उसके फैसले की आलोचना की है. दरअसल, अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद बीसीसीआई नए कोच की तलाश में है. बीसीसीआई ने मुख्य कोच पद के लिए आवेदन की तारीख नौ जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है.
राजपूत ने एक इंटरव्यू में कहा कि बीसीसीआई का यह कदम उन लोगों के लिए अपमानजनक हैं, जिन्होंने पहले से ही आवेदन कर रखा है. राजपूत ने इसे बोर्ड का गैरपेशेवर रवैया करार दिया है. साथ ही कहा है कि कुंबले के इस्तीफे के बाद कोच के लिए बचे पांच आवेदकों पर बीसीसीआई को भरोसा नहीं है, तभी वह और नामों की तलाश में है.
उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि वही कोच पद के लिए उपयुक्त है, जो खिलाड़ी के रूप में बड़ा रिकॉर्ड रखता हो. 55 वर्षीय लालचंद राजपूत टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए अप्लाई करने वालों में शामिल हैं. 31 मई को आवेदन की समय सीमा खत्म हो चुकी है. उनके अलावा वीरेंद्र सहवाग, टॉम मूडी, रिचर्ड पाइबस, डोड्डा गणेश भी कोच पद के दावेदारों में हैं. मजे की बात है कि ऑस्ट्रेलियाई के बॉलिंग कोच रहे क्रेग मैकडरमॉट का आवेदन तय समय के अंदर नहीं मिलने पर स्वीकार नहीं किया गया था.
बीसीसीआई के कार्यकारी मानद सचिव अमिताभ चौधरी ने एक बयान में कहा है कि जिन लोगों ने मुख्य कोच पद के लिए आवेदन कर दिया है, उन्हें अब दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है. उनका नाम अंतिम सूची में शामिल कर लिया जाएगा. बोर्ड के मुताबिक मुख्य कोच पद के लिए इंटरव्यू जुलाई के मध्य में लिया जाएगा. इसके लिए आवेदक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साक्षात्कार में शामिल हो सकते हैं.