Lalit Modi, IPL 2025: बस चंद दिन और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 सीजन का आगाज हो जाएगा. IPL के इस 18वें सीजन का आगाज 22 मार्च को होगा. जबकि फाइनल मुकाबला 25 मई को खेला जाएगा. पहला मैच ईडन गार्डन में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच खेला जाएगा.
IPL 2025 सीजन में इन 10 टीमों के बीच 65 दिनों में फाइनल समेत कुल 74 मुकाबले खेले जाएंगे. आईपीएल का इतिहास काफी रोचक रहा है. इसकी शुरुआत भारत के भगोड़े बिजनेसमैन ललित मोदी ने की थी.
ललित मोदी ने रखी IPL की नींव
वो आईपीएल के पूर्व चेयरमैन भी रहे हैं. इस समय ललित मोदी वानुआतु में है, जहां की उन्होंने नागरिकता ली है. भारत में कई मामलों में वांटेड चल रहे ललित मोदी ने अपनी भारत की नागरिकता त्याग दी थी. उन्होंने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था और वानुआतु की नागरिकता ले ली थी.
हालांकि ललित मोदी की खुशियां थोड़ी देर की हो सकती है. क्योंकि वानुआतु के प्रधानमंत्री ने जोथम नापत ने अपने देश के पासपोर्ट अधिकारियों को ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दिया है. नापत ने कहा है कि वानुआतु कभी अपराधियों को शरण नहीं देगा. यह नागरिकता वाला अलग मसला है. आज हम ललित मोदी के आईपीएल शुरू करने की बात करेंगे.
साल 2007 में जब टी20 वर्ल्डकप की वजह से भारत में टी20 क्रिकेट की पॉपुलैरिटी अपने चरम पर थी. उसी दौरान ललित मोदी इंडियन प्रीमियर लीग को लॉन्च करने की तैयारियों में जुटे हुए थे. ललित मोदी ने अकेले ही इस आइडिया को BCCI के सामने रखा और अकेले दमपर इसे लॉन्च भी किया.
2007 में जब IPL को लेकर अनाउंसमेंट की गई, उससे पहले BCCI में ललित मोदी विरोधी गुट के कई ऐसे सदस्य थे जो चाहते थे कि ये प्रोजेक्ट फेल हो जाए. या वह इस तरह के प्रोजेक्ट का समर्थन ही नहीं करते थे.
आईपीएल शुरू करने में आईं कई मुश्किलें
ललित मोदी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल थी कि फ्रेंचाइजी को कैसे मनाया जाए. क्योंकि यहां पैसा देकर सिर्फ टीम ही मिल रही थी कोई प्रॉपर्टी नहीं मिल रही थी. इसके अलावा खिलाड़ियों की बिक्री को लेकर भी बवाल हुआ था क्योंकि भारत में कई खिलाड़ियों को भगवान माना जाता था ऐसे में उनकी बिक्री होना किसी को रास नहीं आया.
ललित मोदी की अगुवाई में 2008 और 2009 का आईपीएल बिल्कुल बेहतरीन हुआ और सुपरहिट साबित हुआ. लेकिन 2010 के बाद से चीज़ें बदल गईं, क्योंकि उस वक्त IPL में दो नई टीमों की एंट्री हुई थी. कोच्चि और पुणे की टीम को IPL में लाया गया, इसमें कोच्चि की टीम जिस तरह से खरीदी गई और टेंडर में गड़बड़ियां पाई गईं उसको लेकर काफी विवाद हुआ था.
आईपीएल 2010 के बाद ललित मोदी पर उनके पद का फायदा उठाने, ऑक्शन में गड़बड़ी, आईपीएल से जुड़े टेंडर में गड़बड़ियों के आरोप लगे थे. BCCI ने अंदरूनी जांच के बाद ललित मोदी को बोर्ड से सस्पेंड कर दिया था, उन्हें बीसीसीआई से बैन भी कर दिया गया था.
जब आईपीएल में गड़बड़ियों की बात सामने आई थी, उसके बाद ED ने जांच शुरू की थी लेकिन इस बीच ललित मोदी भारत छोड़कर लंदन चले गए थे. यहां से उन्होंने अब वानुआतु की नागरिकता ले ली है और अभी इसी देश में हैं.