पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी का कहना है कि वह विश्व-स्तर पर क्रिकेट की नई गवर्निंग बॉडी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं. मोदी का दावा है कि ये बॉडी ओलंपिक से भी जुड़ी होगी जिसके बाद क्रिकेट को ओलंपिक में जगह मिल सकती है.
नया क्रिकेट सिस्टम लाएंगे
मोदी ने कहा, 'हम एक और क्रिकेट सिस्टम के बारे में बात कर रहे हैं. ब्लूप्रिंट तैयार है और मैंने उस पर मुहर भी लगा दी है. मैं पहली बार स्वीकार कर रहा हूं कि मैं इससे जुड़ा हूं.' गौरतलब है कि पहले इस बारे में सवाल किए जाने पर ललित मोदी इस योजना से जुड़े होने की बात हमेशा नकार देते थे. मोदी अब तक इस योजना से खुद को अलग बता रहे थे.
काफी बड़ी है योजना
मोदी ने आगे कहा, 'जो प्लान हमने तैयार किया है वो काफी विस्तृत है. वो कोई ऐसा प्लान नहीं है कि आसानी से बन जाए, इसे बनाने में सालों-साल लगे हैं.' भारत में वित्तीय अनियमितताओं संबंधी आरोप लगने के बाद 2010 से ही लंदन में रह रहे मोदी काफी समय से आईसीसी के प्रबंध और वित्तीय ढांचे की आलोचना करते रहे हैं. मोदी विश्व क्रिकेट पर भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के प्रभुत्व पर भी आवाज उठाते रहे हैं. उनका मानना है कि क्रिकेट को जिस तरह से चलाया जा रहा है वो सही नहीं है और वह लोगों को इससे बेहतर विकल्प दे सकते हैं.
कोई समस्या नहीं है
मोदी ने कहा, 'हम मौजूदा स्थापना का प्रयोग कर सकते हैं इसमें कोई समस्या नहीं है. इसके लिए कुछ बिलियन डॉलर की जरूरत है और मुझे नहीं लगता कि यह कोई बड़ा मसला है.' आपको बता दें कि 2010 में मोदी को आईपीएल कमिश्नर के पद से बर्खास्त करने के बाद बीसीसीआई ने 2013 में उन्हें क्रिकेट संबंधी सारी गतिविधियों से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था.
सिर्फ टेस्ट और टी20 होंगे
मोदी का नया ब्लूप्रिंट निश्चित तौर पर आईसीसी के क्रिकेट कैलेंडर का प्रतिद्वंद्वी होगा, हालांकि इसमें टेस्ट तथा टी20 मैच ही होंगे. मोदी ने बताया, 'इस योजना में सिर्फ टेस्ट और टी20 क्रिकेट ही होगा. वनडे क्रिकेट के लिए इसमें कोई जगह नहीं है. मुझे लगता है कि आज के माहौल में वनडे पूरी तरह से निरर्थक है. इसमें सिर्फ टी20 और टेस्ट मैच होने चाहिए.'
ओलंपिक में दिखेगा क्रिकेट
मोदी ने बताया कि उनके और इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के बीच के संबंधों के जरिए विश्व के सबसे बड़े खेल आयोजन में टी20 क्रिकेट के खेले जाने की संभावनाएं बढ़ाना भी प्लान का हिस्सा है. मोदी ने कहा, 'मैं इसका प्रस्ताव रखता आया हूं, लेकिन आईसीसी इस बात पर कभी भी सहमत नहीं हुई. जिसका सीधा मतलब है कि आईओसी को इसे आईसीसी से अलग हटकर ही करना होगा. ये एक ऐसा प्लान है जो अगर कभी व्यवहार में आ पाया तो ये खेलों में नया इतिहास लिख देगा.'