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Lifetime Achievement Award: सच‍िन तेंदुलकर को मिलेगा BCCI का बड़ा अवॉर्ड, 24 साल के करियर में मचाई थी धूम

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को शनिवार को मुंबई में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के वार्षिक समारोह में बोर्ड के ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

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Sachin Tendulkar (Getty)
Sachin Tendulkar (Getty)

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को बीसीसीआई के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (जीवनपर्यन्त उपलब्धि)’ से सम्मानित किया जाएगा. शनिवार को मुंबई में बोर्ड के वार्षिक समारोह में उन्हें यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड दिया जाएगा.  

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भारत के लिए 664 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले 51 साल के तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक टेस्ट और वनडे रन बनाने का रिकॉर्ड है. बोर्ड के सूत्र ने पीटीआई को बताया, 'हां, वह वर्ष 2024 के लिए सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार हासिल करेंगे.'

तेंदुलकर के 200 टेस्ट और 463 वनडे मैच क्रिकेट इतिहास में किसी भी खिलाड़ी द्वारा सर्वाधिक हैं. उन्होंने वनडे में 18,426 रनों के अलावा 15,921 टेस्ट रन बनाए.

उन्होंने अपने शानदार करियर में केवल एक टी20 अंतरराष्ट्रीय खेला है. 2023 में भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री और पूर्व दिग्गज विकेटकीपर फारुख इंजीनियर को यह पुरस्कार दिया गया था.

अपने युग के महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले तेंदुलकर को हर परिस्थिति में सहजता से रन बनाने के लिए जाना जाता था. उन्होंने 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में 16 वर्ष और 205 दिनों की उम्र में पदार्पण किया था. इसके बाद वह दो दशक से अधिक समय (24 साल) तक छाए रहे.

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Sachin Tendulkar

उनके नाम टेस्ट और वनडे प्रारूप को मिलाकर 100 शतक लगाने का रिकॉर्ड भी है. बल्लेबाजी के कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले तेंदुलकर भारत की 2011 विश्व कप विजेता टीम के एक प्रमुख सदस्य भी थे. यह उनका रिकॉर्ड छठा और आखिरी विश्व कप था.

सचिन जब अपने खेल के अपने चरम पर थे तब उनकी बल्लेबाजी को देखने के लिए देश की एक बड़ी आबादी जैसे थम जाती थी. प्रतिद्वंद्वी टीमों के गेंदबाजों में उनका सबसे ज्यादा खौफ रहता था. दुनिया भर के कई पूर्व दिग्गज गेंदबाज यह कह चुके हैं भारतीय बल्लेबाजों में उन्हें सिर्फ तेंदुलकर से परेशानी होती है. 

सचिन इस पुरस्कार के 31वें प्राप्तकर्ता होंगे. बीसीसीआई ने भारत के पहले कप्तान कर्नल सीके नायडू के सम्मान में 1994 में इस पुरस्कार को शुरू किया था. नायडू का 1916 से 1963 के बीच 47 साल लंबा प्रथम श्रेणी करियर रहा है. यह एक विश्व रिकॉर्ड है. नायडू ने प्रशासक के रूप में भी खेल की सेवा की थी.

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