scorecardresearch
 

ऑस्ट्रेलियाई कोच लीमैन ने बताया क्यों मार्श को दी गई तरजीह

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कोच और चयनकर्ता डेरेन लीमैन ने शॉन मार्श की टीम में वापसी को सही बताया है. उन्होंने कहा वो पहले से ये मानते रहे हैं कि मध्यक्रम में माइकल क्लिंगर, ग्लेन मैक्सवेल की तुलना में मार्श कहीं बेहतर विकल्प हैं.

Advertisement
X
मुख्य चयनकर्ता रॉड मार्श के साथ राष्ट्रीय कोच और चयनकर्ता डेरेन लीमैन
मुख्य चयनकर्ता रॉड मार्श के साथ राष्ट्रीय कोच और चयनकर्ता डेरेन लीमैन

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कोच और चयनकर्ता डेरेन लीमैन ने शॉन मार्श की टीम में वापसी को सही बताया है. उन्होंने कहा वो पहले से ये मानते रहे हैं कि मध्यक्रम में माइकल क्लिंगर, ग्लेन मैक्सवेल की तुलना में मार्श कहीं बेहतर विकल्प हैं.

Advertisement

टीम में शॉन मार्श के लगातार चयन की लोगों के बीच आलोचना हो रही है और चयन समिति कई तरह के स्पष्टीकरण दे रही है. जैसे, क्लिंगर का रिकॉर्ड ख्वाजा और जो बर्न के तुलना में कमतर है. दरअसल पिछले साल सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेंचुरी जड़ने के बाद से ही मार्श की योग्यता को लेकर चयनकर्ताओं के बीच एक मजबूत अवधारणा बनी हुई है.

लीमैन ने कहा, ‘वो पहले टेस्ट में चुने जाने के बहुत नजदीक था. उसने पिछली गर्मियों में टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया. मेलबर्न में 99 और फिर सिडनी में दो अर्धशतक. हमें लगता है कि उसने वेस्टइंडीज में भी मौका मिलने पर अपने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया. अब उसे टेस्ट में जगह बनाने का एक और मौका मिला है.’

मार्श राष्ट्रीय टीम के सभी साथियों को जानता है. उसे ऑस्ट्रेलिया के हाल के सभी दौरों में टीम में लिया गया. दूसरी ओर क्लिंगर है जिसे कभी किसी सीनियर टीम में खेलने का मौका नहीं मिला है. यानी अनुभव के आधार पर चयनकर्ताओं के आगे क्लिंगर की जगह शॉन मार्श भारी पड़े.

Advertisement

अगर बात उम्र की करें तो एडम वोग की तुलना में मार्श की उम्र कम है. क्लिंगर के बारे में लीमैन ने कहा, ‘उसने हाल में बहुत रन बनाए हैं. लेकिन शॉन मार्श न केवल राष्ट्रीय टीम की ओर खेल चुके हैं बल्कि हाल ही में उन्होंने अच्छा योगदान भी दिया. इसी बाबत हमनें मार्श को क्लिंगर पर तरजीह दी है.’

उन्होंने कहा, ‘निश्चित ही शॉन ने कुछ रन बनाकर योगदान दिया है. उसे फिर से अपनी उपयोगिता साबित करनी होगी. मुझे आज भी सेंचुरियन में उसका वो शतक याद है जो उसने दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ बनाया था. इस प्रकार चयन समिति के सामने एक बहुत ही कड़ा फैसला था. ये सभी बराबर के हकदार हैं. इनमें से थोड़ा बेहतर चुनना बहुत मुश्किल था.’

Advertisement
Advertisement