आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में शानदार फॉर्म में चल रहे तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने टीम इंडिया के कैप्टन कूल एम एस धोनी की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि धोनी की कप्तानी में वो काफी सहज महसूस करते हैं. शमी ने कहा कि धोनी की बेस्ट बात है कि वो कभी कुछ डिमांड नहीं करते.
द बेस्ट हैं धोनी...
शमी ने कहा कि उनके समर्थन के कारण बंगाल का यह तेज गेंदबाज बड़ी सहजता से घरेलू से अंतरराष्ट्रीय स्तर का गेंदबाज बन गया. शमी ने टूर्नामेंट में अब तक भारत की ओर से सबसे ज्यादा 12 विकेट लिए हैं. शमी से पूछा गया कि उनके दो साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में धोनी का क्या योगदान रहा, उन्होंने कहा, ‘वह जिस तरह से टीम का नेतृत्व करते हैं और जिस तरह से गेंदबाज के रूप में उन्होंने मुझे संभाला वह मुझे पसंद है. मैंने सभी फॉरमैट में उनके नेतृत्व में डेब्यू किया. जब भी वह कप्तानी कर रहे होते हैं तो मैं तनाव में नहीं रहता. मैं बहुत आराम से खेलता हूं.’
उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ होने वाले मैच से पहले कहा, ‘वह उन कप्तानों में नहीं हैं जो मुझसे किसी चीज की डिमांड करें. वह ऐसे कप्तान हैं जो मुझे मेरी गलतियां के बारे में बताते हैं और भविष्य में उन्हें नहीं दोहराने के लिए कहते हैं. वह कभी गुस्सा नहीं होते. वह बड़ी शांति से अपनी बात रखते हैं और स्थिति का सामना करते हैं जिससे गेंदबाजों को मदद मिलती है.’
बंगाल से ज्यादा सहज टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में लगता है शमी ने कहा कि किसी भी गेंदबाज के लिए जरूरी है कि उसे कप्तान का समर्थन मिले और धोनी यही कर रहे हैं. उन्होंने यहां तक कहा कि अपनी घरेलू टीम (बंगाल) के बजाय वह भारतीय ड्रेसिंग रूम में अधिक सहज महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, ‘गलतियों के बावजूद कप्तान का समर्थन बेहद अहम होता है और धोनी ऐसा करते हैं. यह मेरे लिए अच्छी बात है कि मैंने उनकी कप्तानी में डेब्यू किया.’
प्लान ए ना काम करे तो प्लान बी करते हैं इस्तेमाल
शमी से पूछा गया कि भारतीय तेज गेंदबाजी इकाई अपनी रणनीति पर किस तरह से अमल कर रही है जिसके कारण उन्होंने अब तक विरोधी टीमों को पांचों मैचों में आउट किया है, उन्होंने कहा, ‘यह इस पर निर्भर करता है कि कैसी परिस्थितियां हैं और आपकी रणनीति क्या है.’ उन्होंने कहा, ‘आपको रणनीति पर काम करके उसके अनुसार गेंदबाजी करनी होती है. गेंदबाज होने के कारण आपकी अपनी रणनीति होती है और कप्तान की भी योजना होती है. आपको गेंदबाजी करते समय दोनों अपने दिमाग में रखने होते हैं. हम इन रणनीतियों के हिसाब से चलते हैं. अगर ‘प्लान ए’ नहीं चल पाता है तो फिर ‘प्लान बी’ को आजमाते हैं.’
अच्छी बुरी फॉर्म खेल का हिस्सा
भारतीय गेंदबाजों का ऑस्ट्रेलियाई दौरे में काफी लचर प्रदर्शन रहा था, लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की. शमी ने कहा, ‘अच्छा और बुरा दौर खेल का हिस्सा है और क्रिकेटर के रूप में आपको अच्छे और बुरे दिनों से गुजरना पड़ता है. मेरे लिए यह लंबा दौरा रहा है. टेस्ट मैच खेलते हुए आपकी मानसिकता और प्रैक्टिस फॉरमेट के मुताबिक होता है. इसी तरह से मानसिकता बदलती रहती है.’
बुरे दिनों को भूल जाना चाहिए...
उन्होंने कहा, ‘यह मुश्किल नहीं है. हम जूनियर नहीं है जहां आपको कुछ चीजें सिखायी जाती है. हम खेल के फॉरमैट के मुताबिक अपनी मानसिकता बदलते हैं. बुरे दिनों को याद करने से आपकी सोच प्रभावित होगी. इससे बेहतर यही है कि आगे के बारे में सोचा जाए.’ जिंबाब्वे के खिलाफ मैच के बारे में उन्होंने कहा, ‘विरोधी टीम कोई भी हो हम हमेशा मैच जीतने पर ध्यान देते हैं. क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और हम वैसा ही खेलना चाहते हैं जैसा अब तक खेल रहे हैं. जिंबाब्वे के खिलाफ इसमें कोई अंतर नहीं आएगा.’