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और ऐसे गिरा महेंद्र सिंह धोनी का 'ग्राफ'

टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी अपना 34वां बर्थडे मना रहे हैं. 11 साल पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले धोनी ने भारतीय क्रिकेट फैन्स को जश्न मनाने के कई मौके दिए. 10 साल तक क्रिकेट में उनका ग्राफ नीचे से ऊपर ही जाता दिखा लेकिन पिछला एक साल उनके लिए कुछ खास नहीं रहा.

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टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी अपना 34वां बर्थडे मना रहे हैं. 11 साल पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले धोनी ने भारतीय क्रिकेट फैन्स को जश्न मनाने के कई मौके दिए. 10 साल तक क्रिकेट में उनका ग्राफ नीचे से ऊपर ही जाता दिखा लेकिन पिछला एक साल उनके लिए कुछ खास नहीं रहा. धोनी की 'कैप्टन कूल' की छवि को ठेस पहुंची इसके अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया.

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क्रिकेट में धोनी की उपलब्धियों को देखते हुए उनकी प्रतिभा पर सवाला उठाना बेईमानी होगी, लेकिन पिछले एक साल के आंकड़े आपको भी हैरान कर जाएंगे. टेस्ट हो या वनडे दोनो फॉरमैट में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी खराब रहा. इन सब के बीच धोनी को इस साल अपनी निजी जिंदगी में सबसे खास तोहफा भी मिला. फरवरी में धोनी पिता बने.

इस साल धोनी के मिले ये तोहफे...
1- 'डैडी कूल' बने धोनी- 6 फरवरी को साक्षी धोनी ने बेटी को जन्म दिया. धोनी पिता बने और इस तरह उन्हें अपनी जिंदगी का सबसे खास तोहफा मिला. बेटी के जन्म के समय धोनी ऑस्ट्रेलिया में थे. एक सप्ताह बाद वर्ल्ड कप शुरू होना था लिहाजा धोनी अपनी बेटी से मिलने नहीं गए. सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद टीम जब स्वदेश लौटी तब धोनी अपनी बेटी से पहली बार मिले. हालांकि इसके बाद वो ज्यादातर मौकों पर बेटी के साथ ही नजर आए. धोनी ने बेटी का नाम जिवा रखा. सुरेश रैना की शादी के लिए जब धोनी दिल्ली आए तो एयरपोर्ट पर उनके साथ साक्षी और बेटी जिवा भी नजर आई. इसके बाद आईपीएल-8 में चेन्नई सुपरकिंग्स के लगभग सभी मैचों में जिवा भी नजर आई.

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2- वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक का सफर- वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ ट्राई सीरीज में जो प्रदर्शन किया था उसे देखकर लग रहा था कि टीम क्वार्टर फाइनल में भी नहीं पहुंच पाएगी. लेकिन धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सेमीफाइनल तक का सफर अजेय रहते हुए तय किया. लीग राउंड में टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में पाकिस्तान को हराया तो वहीं वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार का सिलसिला भी तोड़ा. इसके अलावा धोनी की टीम ने वेस्टइंडीज, यूएई और जिंबाब्वे को भी हराया. क्वार्टर फाइनल में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को मात दी और सेमीफाइनल में उसे 'वर्ल्ड चैंपियन' बने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा.

3- फोर्ब्स की लिस्ट में शामिल रहे माही- फोर्ब्स मैगजीन ने इस साल 100 सबसे अमीर खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में धोनी इकलौते भारतीय रहे. इसके अलावा फोर्ब्स की सबसे कमाऊ सितारों की लिस्ट में धोनी शामिल हुए. इस लिस्ट में शामिल होने वाले धोनी एकमात्र भारतीय खिलाड़ी रहे.

4- आईपीएल में उपविजेता- धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स इंडियन प्रीमियर लीग के आठवें सीजन के फाइनल तक पहुंची. चेन्नई को मुंबई इंडियंस के हाथों फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. लेकिन आईपीएल-8 में चेन्नई का प्रदर्शन शानदार रहा. 14 में से 9 मैच जीतकर चेन्नई पॉइंट टेबल में सबसे ऊपर रही थी.

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इस साल ऐसे गिरा धोनी का ग्राफ...
1- कैप्टन कूल टेस्ट में 'फेल'- धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 7 जुलाई 2014 के बाद 7 टेस्ट मैच खेले. इस दौरान टीम को महज 1 जीत मिली. इंग्लैंड दौरे पर गई टीम इंडिया को पांच मैचों की सीरीज में 1-3 से हार झेलनी पड़ी. दौरे का पहला टेस्ट ड्रॉ हुआ तो दूसरा टेस्ट टीम इंडिया ने जीता. लेकिन इसके बाद धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने लगातार तीन टेस्ट मैच गंवाए. फिर दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया गई टीम इंडिया को पहला टेस्ट मैच धोनी के बिना खेलना पड़ा. सीरीज के दूसरे टेस्ट में टीम को चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा. ब्रिस्बेन में मिली हार के बाद मेलबर्न खेलने गई टीम इंडिया को मैच के बाद एक बड़ा झटका लगा. ड्रॉ हुए इस मैच के बाद धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी. 2008 से 2014 के बीच धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में टीम की कमान संभाली, 27 टेस्ट जीते, 18 में हारे तो 15 मैच ड्रॉ पर छूटे. धोनी का संन्यास से क्रिकेट जगत स्तब्ध रह गया. इन 7 टेस्ट मैचों में धोनी ने बल्लेबाज के तौर पर 32.07 की औसत से 417 रन बनाए. 4 हाफसेंचुरी उनके बल्ले से निकली लेकिन वो कोई शतक नहीं जड़ सके.

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2- वनडे में भी लगा 'दाग'- जुलाई 2014 से जुलाई 2015 के बीच धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 22 वनडे मैच खेले जिसमें से 13 जीते जबकि 8 में टीम को हार का सामना करना पड़ा. 5 मैचों की वनडे सीरीज में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर 3-1 से धोया. फिर वेस्टइंडीज को घरेलू मैदान पर पीटा. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में हुई ट्राई सीरीज में धोनी की कप्तानी पर वनडे में भी हार का काला साया छाया रहा. इस सीरीज में टीम इंडिया को एक भी जीत नसीब नहीं हुई. इंग्लैंड और मेजबान टीम ने मिलकर धोनी के धुरंधरों को धोया. हालांकि इसका गम वर्ल्ड कप में कुछ कम हुआ और धोनी की कप्तानी में टीम ने लगातार 7 मैच जीत. पिछले महीने बांग्लादेश दौरे पर गई टीम इंडिया को धोनी की कप्तानी में 3 मैचों की सीरीज 1-2 से गंवानी पड़ी. इस दौरान धोनी की कप्तानी की भी जमकर आलोचना हुई. इस दौरान धोनी ने 22 वनडे मैचों में बल्लेबाज के तौर पर 41 की औसत से 574 रन बनाए. उन्होंने पांच पचासा जड़े लेकिन एक भी सेंचुरी नहीं जड़ सके.

3- 'कैप्टन कूल' की छवि हुई धूमिल- बांग्लादेश दौरे पर ही सीरीज के पहले मैच में ऐसा कुछ देखने को मिला जो धोनी के साथ कम ही देखने को मिलता है. कैप्टन कूल की छवि के लिए मशहूर धोनी इस मैच में बांग्लादेशी तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर से भिड़ते नजर आए. मैच में रन लेने के दौरान मुस्तफिजुर बल्लेबाजों के बीच आ खड़े हो रहे थे, उन्हें मजा चखाने के चक्कर में धोनी मुस्तफिजुर को कोहनी मारते नजर आए. इसके लिए उन्हें अपनी 75 फीसदी मैच फीस भी गंवानी पड़ी. इस एक घटना से धोनी की कैप्टन कूल की छवि को करारा झटका पहुंचा.

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4- धोनी के बयानों के 'बाउंसर'- इसी साल धोनी के मुंह से कुछ ऐसे बाउंसर भी निकले जिससे उनकी छवि को लेकर कुछ नेगेटिव टिप्पणियां हुई. ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर उनसे पूछा गया, ब्रिस्बेन टेस्ट में शिखर धवन और विराट कोहली के बीच झगड़ा हुआ था? धोनी ने भौंहे चढ़ाते हुए मजाकिया लहजे में कहा, 'दरअसल विराट ने चाकू लिया और शिखर को मार दिया. धवन चोट से उबरे और फिर हमने उन्हें बल्लेबाजी के लिए मजबूर किया. ये सब कहानियां हैं. मार्वल या वॉर्नर ब्रदर्स को इसका इस्तेमाल करके एक अच्छी फिल्म बना देनी चाहिए. मुझे नहीं पता ये सब कहां से आता है.' इसके अलावा बांग्लादेश दौरे पर धोनी ने दूसरे वनडे के बाद कप्तानी को लेकर जवाब दिया- 'अगर मेरे कप्तानी छोड़ने से इंडियन क्रिकेट टीम का भला होता है तो मैं कप्तानी छोड़ने के लिए तैयार हूं.' बांग्लादेश दौरे पर ही धोनी रविंद्र जडेजा की खराब फॉर्म का बचाव करते नजर आए तो अजिंक्य रहाणे को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने और उनकी धीमी पिचों पर बल्लेबाजी पर की गई टिप्पणी को लेकर भी धोनी की आलोचना हुई.

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