टीम इंडिया के लिए खेल चुके मनोज तिवारी ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट लेने का ऐलान कर दिया है. तिवारी ने 3 अगस्त (गुरुवार) को इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इस बात की घोषणा की. मनोज तिवारी ने 2008-15 के दौरान भारतीय टीम के लिए कुल 15 मैच खेले. तिवारी आईपीएल 2012 के सीजन में विजेता बनने वाली कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का हिस्सा रह चुके हैं. 37 साल के मनोज तिवारी अभी पश्चिम बंगाल सरकार में खेल मंत्री हैं.
मनोज तिवारी ने लिखा, 'क्रिकेट के खेल को अलविदा. इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है, मेरा मतलब है कि हर एक चीज जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. इस अवसर पर मैं उन लोगों का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने मेरी इस क्रिकेटिंग यात्रा में अहम भूमिका निभाई. उन सभी कोचों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरी क्रिकेट उपलब्धियों में अपना रोल निभाया.
तिवारी कहते हैं, 'सुष्मिता रॉय (पत्नी) का भी शुक्रिया. वह जब से मेरी जिंदगी में आई है, तब से हमेशा मेरा साथ दे रही है. उसके समर्थन के बिना मैं जीवन के उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जहां मैं आज हूं. मैं अपने टीममेट्स और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के सभी सदस्यों को भी धन्यवाद कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी इस यात्रा में भूमिका निभाई है. मैं उन क्रिकेट प्रशंसकों का जिक्र कैसे नहीं कर सकता, जिन्होंने मुझे आज की दुनिया में एक क्रिकेट हस्ती बनाया. दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत धन्यवाद.'
डेब्यू से पहले कंधा हो गया चोटिल
मनोज तिवारी का घरेलू क्रिकेट करियर काफी शानदार रहा, फिर भी भारतीय टीम के लिए उन्हें काफी कम मौके मिले. इसके साथ ही किस्मत ने भी मनोज तिवारी का साथ नहीं दिया. साल 2007 में बांग्लादेश दौरे पर मनोज तिवारी का टेस्ट डेब्यू होना था, लेकिन एक दिन पहले ही उनका कंधा चोटिल हो गया और वह डेब्यू नहीं कर पाए. इसके बाद उनका टेस्ट खेलने का सपना कभी पूरा नहीं हो पाया.
मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैं बहुत अच्छे फॉर्म में था और शानदार लय में था, लेकिन कंधे की चोट के कारण टेस्ट में डेब्यू नहीं कर पाया. उस दिन मैं अपने होटल के कमरे में जाकर खूब रोया था.' आपको बता दें कि मनोज तिवारी ने 2006-07 के रणजी ट्रॉफी में काफी शानदार प्रदर्शन किया था. उस सीजन में उन्होंने सात मैचों में लगभग सौ की औसत से 796 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से तीन शतक और एक अर्धशतक निकले थे. वह उस सीजन रॉबिन उथप्पा के बाद दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे.
शतक लगाने के बाद भी टीम से हुए बाहर
मनोज तिवारी ने साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मुकाबले से अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया. हालांकि वह अपने पहले ही मैच दो रन पर आउट हुए. इसके बाद उन्होंने अपना अगला मुकाबला तीन साल बाद खेला. तिवारी ने दिसंबर 2011 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ शतकीय पारी खेली थी. चौंकाने वाली बात यह रही है कि इसके बाद उन्हें अगले 14 मैचों में मौका नहीं मिला. मनोज तिवारी ने आखिरी बार 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
मनोज तिवारी ने कुल मिलाकर भारत के लिए 12 वनडे और तीन टी20 मुकाबलों में हिस्सा लिया. वनडे इंटरनेशनल में तिवारी ने 26.09 के एवरेज से 287 रन बनाए, जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल रहा. तिवारी ने अपना इकलौता शतक (104*) वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था. वनडे इंटरनेशनल में तिवारी ने पांच विकेट भी चटकाए. टी20 इंटरनेशनल में मनोज तिवारी के नाम पर 15 रन दर्ज हैं.
मनोज तिवारी ने 141 फर्स्ट क्लास मैच खेलकर 48.56 की औसत से 9908 रन बनाए, जिसमें 29 शतक और 45 अर्धशतक शामिल थे. मनोज तिवारी का लिस्ट-ए करियर भी शानदार रहा. लिस्ट-ए क्रिकेट में तिवारी के बल्ले से 5581 रन निकले. इस दौरान उन्होंने छह शतक और 40 अर्धशतक लगाए.
टी20 करियर की बात की जाए तो तिवारी ने 183 मैचों में कुल 15 अर्धशतकों की 3436 रन बनाए. मनोज तिवारी एकमात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने 88 साल के रणजी इतिहास में किसी राज्य का खेलमंत्री रहते हुए रणजी मुकाबले में भाग लिया. यही नहीं कप्तानी करते हुए शतक भी बनाया.