scorecardresearch
 

WC 2015: भारत के खिलाफ यूएई ने टेके घुटने

बड़ा स्कोर ना तो भारत के पास बनाने के लिए था और ना ही यूएई के पास बचाने के लिए. फिर भी पहले दो मैचों के हीरो शिखर धवन और पहले दो मैचों में फेल रहे रोहित शर्मा ने सधी हुई शुरुआत की. दोनों ने मिलकर सातवें ओवर तक 29 रन जोड़ भी लिए लेकिन इसी स्कोर पर मोहम्मद नवीद की गेंद को पंच करने की कोशिश में शिखर गेंद को नीचे नहीं रख पाए.

Advertisement
X

बड़ा स्कोर ना तो भारत के पास बनाने के लिए था और ना ही यूएई के पास बचाने के लिए. फिर भी पहले दो मैचों के हीरो शिखर धवन और पहले दो मैचों में फेल रहे रोहित शर्मा ने सधी हुई शुरुआत की. दोनों ने मिलकर सातवें ओवर तक 29 रन जोड़ भी लिए लेकिन इसी स्कोर पर मोहम्मद नवीद की गेंद को पंच करने की कोशिश में शिखर गेंद को नीचे नहीं रख पाए.

Advertisement

बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े रोहन मुस्तफा ने एक हाथ से हवा में उछलते हुए लाजवाब कैच लिया, जिसने धवन की 14 रन की पारी का अंत कर दिया. पहले दो मैचों में रन ना बना पाने की टीस रोहित शर्मा को बेहतर खेलने की प्रेरणा दे रही थी. वो जानते थे कि सामने स्कोर बहुत बड़ा नहीं है इसलिए उनकी कोशिश गेंद को बल्ले के बीचोंबीच लेने की थी.

पारी के नौवें ओवर में मोहम्मद नवीद की गेंदों पर तीन चौके जड़कर रोहित ने खुद पर से दबाव भी हटा लिया. दूसरे छोर पर खड़े विराट भी रोहित का हौसला बढ़ा रहे थे. दोनों ने मिलकर 10वें ओवर में भारत को 50 के पार पहुंचा दिया.

रनों की गति बढ़ रही थी और जीत से फासला कम होता जा रहा था. 16 ओवर तक भारत ने 1 विकेट पर 88 रन बन लिए थे. रोहित शर्मा अपनी हाफ सेंचुरी से सिर्फ 3 रन दूर थे और विराट 27 पर खेल रहे थे. जीत से फासला सिर्फ 15 रन का था लेकिन डिनर ब्रेक के चलते भारत का इंतज़ार थोड़ा लंबा हो गया. डिनर से लौटते ही रोहित ने 17वें ओवर में चौका जमाकर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी कर ली. 18वें ओवर में भारत के 100 रन भी पूरे हो गए और 19वें ओवर की आखिरी गेंद पर चौका जमाकर रोहित ने भारत को इस वर्ल्डकप में लगातार तीसरी जीत दिला दी.

Advertisement

रोहित 57 और विराट 33 रन बनाकर नाबाद रहे. 9 विकेट से मिली इस शानदार जीत की बदौलत टीम इंडिया अपने पूल में अब भी टॉप पोजीशन पर बनी हुई है. वर्ल्ड कप में भारत और यूएई की ये पहली टक्कर थी. मैच से पहले टीम इंडिया ने यूएई की खूबियां तलाशने में जितनी मेहनत की यूएई ने उतनी ही मेहनत भारत की खामियों को खंगालने में की. टॉस जीतने के बाद अनियमित उछाल वाली पर्थ की विकेट पर पहले बल्लेबाजी करने के यूएई के फैसले से उनकी टीम को काफी राहत मिली क्योंकि भारत की मजबूत बल्लेबाजी यहां कितना स्कोर खड़ा कर सकती थी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल था.

यूएई के इस फैसले से भारत को भी थोड़ा चैन मिला क्योंकि वर्ल्डकप से पहले खेली गई ट्राई सीरीज के एक मुकाबले में इसी मैदान पर इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पहले बल्लेबाजी करने वाली भारतीय टीम के मजबूत बैटिंग लाइन-अप को धो कर रख दिया था और पूरी टीम को 200 पर समेट दिया था. यूएई की टीम बिना किसी बदलाव के मैदान पर उतरी लेकिन टीम इंडिया घुटने के दर्द से जूझ रहे उसके स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी के बिना मैदान में उतरी थी. ऐसे में भुवनेश्वर कुमार की वापसी के लिए ये एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म था.

Advertisement

अमजद अली और एंड्री बेरिंगर की जोड़ी यूएई के लिए पारी की शुरुआत करने उतरी लेकिन पिच पर दोनों ज्यादा वक्त एक साथ बिता नहीं पाए. पारी के दूसरे ही ओवर में उमेश यादव की एक बाउंसर को हुक करने की कोशिश में बेरिंगर ने बॉल को अपने सिर पर ही खड़ा कर दिया, जिसे धोनी ने आसानी से लपक कर बेरिंगर की 4 रनों की पारी का अंत कर दिया. दूसरे ओपनर अमजद अली भी 4 रन से आगे नहीं बढ़ पाए. चोट से वापसी कर रहे भुवनेश्वर कुमार की ऊपर उठती गेंद को हुक करने में वो नाकाम हुए और गेंद उनके ग्लब्स से छूती हुई धोनी के पास जा पहुंची.

5 ओवर में सिर्फ 13 रन पर 2 विकेट गंवाने के बाद यूएई को अब जरूरत एक ऐसी पार्टनरशिप की थी जो टीम को एक ठोस स्कोर की तरफ ले जा सके. अब पिच पर थे भारतीय मूल के कृष्ण चंद्रन कराटे और भारत के खिलाफ वन-डे मैच खेलने का अनुभव रखने वाले खुर्रम खान. लेकिन दोनों ने अभी 5 ओवर में 15 रन ही और जोड़े थे कि अश्विन की एक स्लोअर गेंद को पढ़ने में कृष्ण चंद्रन चूक गए. कोशिश तो उनकी गेंद को डिफेंस करने की थी लेकिन गेंद उनके ग्ल्बस और थाई पैड को छूती हुई लेग स्लिप में खड़े रैना के हाथों में समा गई. कराटे ने भी 4 ही रन बनाए.

Advertisement

भारतीय मूल के एक और बल्लेबाज स्वप्निल पाटिल भी अश्विन की फिरकी में फंस गए. पारी के 15वें ओवर में अश्विन की गेंद को फॉवर्ड डिफेंस करने की कोशिश में गेंद उनके बल्ले का किनारा लेते हुए स्लिप में खड़े शिखर धवन तक जा पहुंची. धवन ने शानदार डाइव लगाते हुए इस कैच को पकड़ा. पाटिल के बल्ले से सिर्फ 7 रन निकले. अनुभवी खुर्रम खान का अनुभव भी अश्विन के आगे घुटने टेक गया. ऊपर उठती गेंद को स्वीप करने के चक्कर में गेंद उनके बल्ले से टकराकर धोनी के सिर के उपर से लेग स्लिप की तरफ उछल गई जिसे रैना ने भागकर अपने हाथों में लपक लिया. आउट होने से पहले खुर्रम ने 14 रन बनाए. अश्विन का ये लगातार तीसरा विकेट था.

17वें ओवर में 44 रन तक पहुंचते-पहुंचते यूएई ने अपनी आधी टीम गंवा दी. भारतीय टीम का हर गेंदबाज विकेट चटका रहा था. इसी बहती गंगा में मोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा ने भी हाथ धो लिए. रोहन मुस्तफा मोहित की गेंद को पढ़ने में चूके और गेंद को डिफेंस करने की कोशिश में एलबीडब्ल्यू हो गए. रोहन ने अंपायर के इस फैसले के खिलाफ रिव्यू भी लिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. रोहन ने 2 रन बनाए. अमजद जावेद भी दो रन बनाकर जडेजा की गेंद को डिफेंस करते हुए स्लिप में खड़े रैना को कैच थमा बैठे.

Advertisement

यूएई की बड़े स्कोर की तमाम उम्मीदें धराशाई हो चुकी थीं. पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ शैमन अनवर खड़े तो थे लेकिन एक छोर से गिरते विकेटों के बीच उनके हाथ में भी ज्यादा कुछ नहीं था. आठवें नंबर पर आए मोहम्मद नवीद (6) को अश्विन ने बोल्ड किया और नौवें नंबर पर आए कप्तान मोहम्मद तौकीर(1) को जडेजा ने. पारी के आधे ओवर बीच चुके थे और यूएई 100 का आंकड़ा छूने के लिए संघर्ष कर रही थी. खैर 7 ओवर तक शैमन अनवर और मंजुला गुरूज ने अपने विकेट बचाए रखे और किसी तरह 32वें ओवर में अपनी टीम को 100 के पार पहुंचाया. लेकिन इसी ओवर में उमेश यादव ने 35 रन बना चुके शैमन अनवर को बोल्ड कर दिया. इसी के साथ यूएई की पूरी टीम 102 रन पर सिमट गई. भारत के खिलाफ वर्ल्डकप में किसी भी टीम का ये सबसे कम स्कोर है.

Advertisement
Advertisement