मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के चुनाव में बुधवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की प्रतिष्ठा दांव पर है. पवार के खिलाफ शिवसेना ने विजय पाटिल को समर्थन दिया है. वहीं उपाध्यक्ष की रेस में दिग्गज दिलीप वेंगसरकर भी मैदान में हैं.
शिवसेना के समर्थन से विजय पाटिल के हौसले बुलंद हैं और वह शरद पवार के राज को खत्म करने के लिए वह अपना दावा पेश करेंगे. मौजूदा अध्यक्ष पवार और उनके साथ दो उपाध्यक्षों में से एक रहे पाटिल के बीच इस बार सीधा मुकाबला है जिसकी क्रिकेट खेमों में काफी चर्चा है.
पाटिल ने पवार से की मुकाबले से हटने की अपील
दोनों ही पक्षों ने शानदार डिनर का आयोजन करके लगभग 300 मतदाता क्लबों और जिमखानों को लुभाने की कोशिश की. पाटिल ने अपनी डिनर पार्टी में पवार से मुकाबले से हटने और क्रिकेट फर्स्ट पैनल को आशीर्वाद देने का आग्रह किया.
इसके जवाब में पवार ने कहा कि वह शायद चुनाव नहीं लड़ते अगर पाटिल उनसे वादा करते कि एमसीए को मिले अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों को उनके नवी मुंबई स्थित डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी स्टेडियम में आयोजित नहीं किया जाएगा.
अब भी बल्लेबाजी करना चाहते हैं पवार: शिवसेना
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे खुलकर पाटिल के समर्थन में आ गए हैं. उन्होंने पैनल की मंगलवार रात को आयोजित डिनर पार्टी में पाटिल के समर्थन की घोषणा की. उन्होंने पवार की यह कहते हुए आलोचना की कि महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर संन्यास ले चुके हैं, लेकिन पवार अब भी बल्लेबाजी जारी रखना चाहते हैं जबकि एमसीए में लंबे समय तक रहने के बावजूद उनका स्कोर जीरो है.
हर दो साल में होने वाले इन चुनावों में दोनों पक्षों के बीच वाकयुद्ध भी चला. इन चुनावों में पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर उपाध्यक्ष के दो पदों में से एक पद के लिये पवार-महादालकर गुट की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं. क्रिकेट फर्स्ट ग्रुप ने पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों अभय कुरूविला, लालचंद राजपूत और प्रवीण आमरे को अपना उम्मीदवार बनाया है.
पवार गुट से उपाध्यक्ष पद के लिए BJP विधायक मैदान में
पवार गुट की तरफ से उपाध्यक्ष पद के लिये बीजेपी विधायक आशीष शेलार और वेंगसरकर जबकि क्रिकेट फर्स्ट ग्रुप की तरफ से कुरूविला और शिवसेना विधायक प्रताप सरनायक उपाध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं. शिवसेना के सांसद राहुल शेवाले 11 सदस्यीय प्रबंध समिति के लिए पाटिल की अगुवाई वाले गुट से मैदान में हैं. पवार 2001 से 2011 तक दस वर्ष तक एमसीए के अध्यक्ष रहें इसके बाद उन्होंने साथी नेता विलासराव देशमुख को यह पद सौंप दिया था. देशमुख के 2012 में निधन के बाद रवि सावंत अंतरिम अध्यक्ष बने जिसके बाद पिछले चुनावों में पवार को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया था.
- इनपुट भाषा