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टेस्ट सीरीज से पहले टीम की मानसिकता बदलने पर फोकसः अनिल कुंबले

वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ टेस्ट से ठीक पहले हेड कोच अनिल कुंबले ने बल्लेबाजों के लंबे समय तक पिच पर डटे रहने के लिए अपनी मानसिकता बदलने पर जोर दिया है. पिछले कुछ समय से टीम टी20 और वनडे के फॉर्मेट में ज्यादा मैच खेल रही थी. पिछले साल दिसंबर के बाद से टीम इंडिया ने एक भी टेस्ट नहीं खेला है.

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टीम इंडिया के हेड कोच अनिल कुंबले
टीम इंडिया के हेड कोच अनिल कुंबले

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वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ टेस्ट से ठीक पहले हेड कोच अनिल कुंबले ने बल्लेबाजों के लंबे समय तक पिच पर डटे रहने के लिए अपनी मानसिकता बदलने पर जोर दिया है. पिछले कुछ समय से टीम टी20 और वनडे के फॉर्मेट में ज्यादा मैच खेल रही थी. पिछले साल दिसंबर के बाद से टीम इंडिया ने एक भी टेस्ट नहीं खेला है.

भारतीय क्रिकेटरों ने आईपीएल खेलने के बाद जिम्बाब्वे का दौरा करके वनडे और टी20 मैच ही खेले हैं. कुंबले ने सवाल जवाब सत्र में कहा, ‘गेंदबाजी में हमारा फोकस लगातार लय बनाए रखने और उबाउ होने पर है. टेस्ट क्रिकेट में यह जरूरी है. कैचिंग पर भी जोर रहेगा. उन्होंने कहा कि वेस्टइंडीज की धीमी विकेटों पर तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को मिलकर उम्दा प्रदर्शन करना होगा.’

‘स्पिनरों की अहम भूमिका होगी’
कुंबले ने कहा, ‘मेरा मानना है कि बल्लेबाजों की तरह गेंदबाज भी साझेदारी में गेंदबाजी करते हैं. स्पिनरों और तेज गेंदबाजों की समान भूमिका है. अभी तक विकेट धीमे रहे हैं. मैं नहीं जानता कि टेस्ट मैचों में कैसे विकेट होंगे लेकिन भारतीय स्पिनरों की भूमिका अहम होगी.’

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‘फोकस फिटनेस और रिकवरी पर’
टेस्ट क्रिकेट में 619 विकेट ले चुके कुंबले ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट किसी भी क्रिकेटर की असल परीक्षा है.’ उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में तीनों विभागों की परीक्षा होती है लिहाजा फोकस तीनों पर रहता है. इसके अलावा विश्राम या रिकवरी का दौर भी अहम होता है. हमारा फोकस फिटनेस और रिकवरी पर भी है.’ अश्विन को हरफनमौला के रूप में तैयार करने के एक सवाल पर कुंबले ने कहा, ‘अश्विन काफी सक्षम बल्लेबाज है और हमारे पास निचले मध्यक्रम में कई और भी ऐसे बल्लेबाज हैं. गेंदबाज की गेंदबाजी पर ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी पर भी फोकस है.’

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