जब जब टीम इंडिया पर संकट छाता है. धोनी संकट मोचक बनकर टीम को मुश्किल से निकाल जाते हैं. जब कभी टॉप ऑर्डर ढह जाए तो धोनी हैं ना. यानी टीम इंडिया जितना ज्यादा मुश्किल में फंसी होगी. धोनी आएंगे खुद तो रन बनाएंगे ही, दूसरों के हुनर को भी चमकाएंगे.
चेन्नई में भी कुछ ऐसे ही हालात थे. टीम इंडिया बेहद मुश्किल हालात में फंसी हुई थी. सिर्फ 87 के स्कोर पर टीम इंडिया के 5 टॉप बल्लेबाज आउट होकर पवेलियन लौट चुके थे. क्रीज पर धोनी थे और उनका साथ देने हार्दिक पंड्या आए.
इसके बाद जो हुआ वो कल्पना से परे था. हार्दिक ने एक ऐसी तूफानी पारी खेली जिससे हावी हो गए कंगारुओं की हवा निकल गई. हार्दिक ने सिर्फ 66 गेंदो में 83 रनों की पारी खेल मैच का पासा ही पलट दिया. हार्दिक और धोनी के बीच छठे विकेट के लिए 118 की साझेदारी हुई.
हार्दिक ने अपनी इस पारी का श्रेय धोनी को देना नहीं भूले. पंड्या के आउट होने के बाद धोनी ने खुद ही कमान संभाली. चौके-छक्के से चेन्नई में छा गए धोनी. इंटरनेशनल अर्धशतकों का शतक भी लगाया. इतना ही नहीं भुवनेश्वर को भी रन बनाने के लिए खूब उत्साहित किया.
पिछली 5 पारियों में पहली बार आउट होने से पहले धोनी ने 88 गेदों में बेशकीमती 79 रन बनाए. भुवनेश्वर के साथ सातवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की और ये सिर्फ चेन्नई की कहानी नहीं, बल्कि अब तो धोनी का ये अंदाज हर सीरीज का फसाना बनता जा रहा है.
क्या वेस्टइंडीज, क्या श्रीलंका और अब ऑस्ट्रेलिया भी टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर ढहाने के बाद धोनी के आगे नतमस्तक हो गया. तभी तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज शुरू होने से पहले टीम इंडिया के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने धोनी के बारे ये कहा था.
धोनी के हालिया प्रदर्शन को देख इस बहस पर तो पहले ही ब्रेक लग गया था कि वो 2019 वर्ल्ड कप खेलेंगे या नहीं. लेकिन अब तो आलम ये है कि धोनी नहीं रहेंगे तो टीम के मिडिल ऑर्डर को कौन संभालेगा?