टी20 विश्व कप 2021 के लिए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का मार्गदर्शक (मेंटर) बनाया गया है. दिग्गज सुनील गावस्कर ने धोनी के भारतीय टीम से जुड़ने को लेकर अपनी राय रखी है. गावस्कर का मानना है कि वर्ल्ड कप के लिए धोनी को टीम का मेंटर नियुक्त करना अच्छी खबर है. उन्होंने उम्मीद जताई कि रणनीति को लेकर धोनी और मुख्य कोच रवि शास्त्री के बीच कोई टकराव नहीं होगा और अगर दोनों की जोड़ी फिट बैठती है तो यह टीम के लिए अद्भुत रहेगा.
गावस्कर ने आजतक से कहा, 'धोनी के नेतृत्व में भारत ने 2011 विश्व कप जीता और उससे चार साल पहले टीम इंडिया ने 2007 का टी20 विश्व कप भी अपने नाम किया था. इससे निश्चित तौर पर टीम इंडिया को फायदा होने वाला है. एमएस धोनी की नियुक्ति भारत के लिए अच्छी खबर है, लेकिन मैं बस प्रार्थना कर रहा हूं कि दोनों के बीच कोई टकराव न हो.'
गावस्कर ने इसे एक उदाहरण से समझाते हुए कहा, 'मुझे 2004 में भारत टीम का सलाहकार नियुक्त किया गया था. उस समय (तत्कालीन मुख्य कोच) जॉन राइट थोड़ा नर्वस थे, उन्होंने शायद सोचा होगा कि मैं उनकी जगह लेने जा रहा हूं. लेकिन रवि शास्त्री जानते हैं कि एमएस धोनी को कोचिंग में बहुत कम दिलचस्पी है. यदि रवि शास्त्री और एमएस धोनी की जोड़ी फिट बैठती है, तो इससे भारत को काफी फायदा होगा.'
72 साल के गावस्कर ने आगे कहा, 'लेकिन अगर रणनीति और चयन पर असहमति होती है, तो टीम पर थोड़ा असर हो सकता है. एमएस धोनी की नियुक्ति टीम इंडिया के लिए मनोबल बढ़ाने वाली चीज होगी. उनके पास इतना अनुभव है, वह सब कुछ जानते हैं. एमएस धोनी के दौर में उनसे बड़ा कोई 'विध्वंसक' खिलाड़ी नहीं था.'
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लेकर गावस्कर ने कहा, 'अश्विन की वापसी अच्छी खबर है. लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिलेगी या नहीं, इसके लिए हमें देखना और इंतजार करना होगा. उन्हें 15 में चुनना अच्छा है, यहां तक कि इंग्लैंड टेस्ट टीम में भी उन्हें 15 सदस्यीय दल में चुना गया था, लेकिन वह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सके हैं. शायद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट ना खेलने की निराशा को दूर करने के उन्हें टीम में जगह दी गई हो.'
गौरतलब है कि धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. भारत के लिए 350 वनडे, 98 टी20 इंटरनेशनल और 90 टेस्ट मैच खेलकर 17266 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 108 अर्धशतक और 16 शतक लगाए. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया तीन आईसीसी खिताब जीतने में सफल रही थी.