टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री का मानना है कि पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं और कुछ बुरे लोग उनके करियर को समाप्त होते हुए देखना चाहते हैं.
बंगाल के एक दैनिक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में शास्त्री ने यह बात कही. उन्होंने कहा, 'ऐसा लग रहा है कि उनके आस-पास उनसे जलने वाले कई लोग हैं, जो उनके करियर में बुरे दिन देखना चाहते हैं.' भारतीय कोच ने कहा, 'कुछ लोग ऐसे हैं, जो धोनी के करियर के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, उनके जैसे बेहतरीन खिलाड़ी अपना भविष्य खुद तय करते हैं.'
कोच ने कहा कि भारतीय टीम जानती है कि धोनी कितने काबिल हैं और ऐसे खिलाड़ी के खिलाफ किसी भी आलोचना से टीम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. शास्त्री ने कहा, 'आलोचना से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. हम जानते हैं कि हमारे मन में धोनी की क्या जगह है. वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं.'
इससे पहले कोहली ने भी धोनी का बचाव करते हुए कहा था, "मुझे समझ नहीं आता लोग सिर्फ उनके ऊपर उंगली क्यों उठा रहे हैं. अगर मैं 3 मैच में रन ना बनाऊं तो मेरे ऊपर कोई उंगली नहीं उठाएगा क्योंकि मैं 35 साल का नहीं हूं, तो उनके साथ ऐसा क्यों. राजकोट में उस समय स्थिति ऐसी थी कि अगर हार्दिक पंड्या बल्लेबाजी के लिए आता तो उसय वो भी रन नहीं बना सकता था. किसी को भी धोनी पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं है.'
तेज गेंदबाज भुवनेश्वर ने भी धोनी के टीम में बने रहने के सवाल पर कहा कि जो लोग धोनी के फॉर्म पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें पहले उनका रिकॉर्ड देख लेना चाहिए. भुवनेश्वर ने कहा कि हमारी टीम में धोनी के खेल को लेकर किसी को कोई शक नहीं है.
लक्ष्मण और अगरकर ने उठाया थे सवाल
वीवीएस लक्ष्मण ने इसी मुद्दे पर कहा था कि मैच में जब विराट कोहली और धोनी क्रीज पर थे, तब धोनी स्ट्राइक विराट को दे रहे थे. कोहली की स्ट्राइक रेट 160 थी तो वहीं धोनी की स्ट्राइक रेट 80 थी, जो कि उस वक्त के लिए काफी नहीं था क्योंकि उस वक्त टीम इंडिया बड़े लक्ष्य का पीछा कर रही थी. लक्ष्मण की टिप्पणी थी, "मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि टी-20 मैचों में एमएस धोनी नए खिलाड़ियों को मौका दें."
अजीत अगरकर ने कहा था, 'मुझे लगता है कि अब इंडिया को विकल्प तलाशना चाहिए, कम से कम टी-20 के लिए तो यह जरूरी है. हालांकि एकदिवसीय मैचों में धोनी के प्रदर्शन से टीम इंडिया संतुष्ट है.'