बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन 'बॉयकॉट चैंपियंस ट्रॉफी’ एजेंडा के दम पर अपनी वापसी की राह तलाश रहे हैं. श्रीनिवासन को सुप्रीम कोर्ट ने हितों के टकराव का मामला सामने आने के बाद बीसीसीआई से विदा लेने का आदेश दे दिया था.
इसके बाद पिछले कुछ वक्त से श्रीनिवासन बोर्ड से दूर थे. लेकिन अब वो वापस बोर्ड में पैंठ जमाने की कोशिश में जुट गए हैं और इसके लिए उन्होंने चुना है चैंपियंस ट्रॉफी और बीसीसीआई-आईसीसी विवाद का मुद्दा.
क्या है पूरा मामला
राजस्व मॉडल को लेकर बीसीसीआई और आईसीसी का विवाद अब पूरे क्रिकेट जगत में किसी से छिपा नहीं है. आईसीसी अपने फैसले पर अडिग है और विरोध के तौर पर भारत भी कुछ कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है. इनमें से ही एक है चैंपियंस ट्रॉफी का बहिष्कार करना. लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी का बहिष्कार करने से भारतीय क्रिकेट पर बड़ी आंच आ सकती है और आईसीसी से संबंध भी बिगड़ सकते हैं.
लेकिन इन सबसे बेअसर एन श्रीनिवासन के लिए ये बीसीसीआई में वापसी का बड़ा जरिया साबित हो रहा है. बोर्ड में श्रीनिवासन लॉबी सक्रिय हो चुकी है और वो जोर-शोर से अधिकारियों के सामने ये मांग रख रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में न भेजा जाए. डीएनए की मानें तो श्रीनिवासन ने फिलहाल करीब दस राज्यों के क्रिकेट बोर्ड से संपर्क साध रखा है. इन राज्यों ने भी बीसीसीआई से साफ कह दिया है कि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी नहीं खेलनी चाहिए.
बहरहाल बीसीसीआई-आईसीसी विवाद क्या करवट लेगा, भारत चैंपियंस ट्रॉफी खेलेगा या नहीं, इन सवालों का जवाब तो अभी दूर है, लेकिन इतना तो तय है कि इस विवाद की आंच में कई रोटियां सेंकी जा रही हैं.