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जगमोहन डालमिया ने भाव नहीं दिया तो एन श्रीनिवासन को याद आए शरद पवार

कुछ दिनों पहले की ही तो बात है जब बीसीसीआई की कमान को लेकर बोर्ड के दो पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और शरद पवार के बीच जबरदस्त खींचतान देखने को मिली थी, लेकिन सत्ता से एक तरह से बेदखल किए जाने के बाद दोनों ने दुश्मनी भुलाकर दोस्ती की राह अपना ली है.

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एन श्रीनिवासन और शरद पवार
एन श्रीनिवासन और शरद पवार

कुछ दिनों पहले की ही तो बात है जब बीसीसीआई की कमान को लेकर बोर्ड के दो पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और शरद पवार के बीच जबरदस्त खींचतान देखने को मिली थी, लेकिन सत्ता से एक तरह से बेदखल किए जाने के बाद दोनों ने दुश्मनी भुलाकर दोस्ती की राह अपना ली है. यह खबर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने दी है. कौन कहता है कि निर्दोष हैं एन श्रीनिवासन?

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इस कारण से डालमिया से नाराज हुए एन श्रीनिवासन
इस दोस्ती की शुरुआत तब हुई जब बोर्ड के नए अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने एन श्रीनिवासन को भाव नहीं दिया. दरअसल, एन श्रीनिवासन कई कमेटियों के गठन पर डालमिया से जानकारी चाहते थे पर बोर्ड के नए अध्यक्ष ने स्पष्ट तौर से कुछ भी जवाब नहीं दिया. इसके अलावा आईसीसी के चेयरमैन श्रीनिवासन इस बात से भी नाराज हैं कि डालमिया के बेटे अभिषेक इन दिनों क्रिकेट बोर्ड का दैनिक कामकाज देख रहे हैं.

ऑस्ट्रेलिया से श्रीनिवासन ने किया पवार को फोन
अखबार के मुताबिक, इस दोस्ती की नींव एक ऑस्ट्रेलिया से रखी गई. जगमोहन डालमिया के रवैये से नाराज होकर श्रीनिवासन ने शरद पवार को फोन करके बताया कि वह आने वाले समय में उनके साथ मिलकर काम करना पसंद करेंगे. अखबार ने लिखा है कि बोर्ड के दोनों पूर्व अध्यक्ष ने पुराने गिले-शिकवे भुलाकर अपने संबंध सुधारना चाहते हैं.

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बीसीसीआई चुनाव के दौरान देखने को मिली थी जबरदस्त खींचतान
आपको बता दें कि बोर्ड के चुनावों के दौरान पवार और श्रीनिवासन खेमे के बीच जोरदार जंग देखने को मिली थी. अध्यक्ष पद को छोड़कर बाकी सभी पदों के लिए दोनों खेमे ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने पवार खेमे की मदद से बीसीसीआई सचिव पद का चुनाव 1 वोट से जीत लिया था , इस पद के लिए श्रीनिवासन खेमे के संजय पटेल भी उम्मीदवार थे.

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