भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के सबसे बड़े पद की जिम्मेदारी मिली है. वह दिसंबर में अगले चेयरमैन का पदभार संभालेंगे. क्रिकेट की वैश्विक शासी संस्था आईसीसी ने मंगलवार को घोषणा की कि वह इस हाई-प्रोफाइल पद के लिए एकमात्र नॉमिनेटेड व्यक्ति हैं, यानी बिना किसी विरोध के जय शाह इस पद के लिए चुने गए हैं.
35 वर्षीय जय शाह मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले का स्थान लेंगे, जिन्होंने लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए दो साल के लिए इस पद के लिए चुनाव ना लड़ने का फैसला किया. जय शाह आईसीसी में अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र नॉमिनिटेड व्यक्ति थे.
बीसीसीआई सचिव जय शाह ICC के लिए चुने जाने वाले पांचवें भारतीय बन गए हैं. उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर इस पद के लिए चुने जा चुके हैं. ध्यान रहे उनसे पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार ICC के प्रेसिडेंट थे, वहीं उनसे एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर आईसीसी चेयरमैन पद पर काबिज हुए थे.
एक बात और गौर करने वाली है कि ICC प्रेसिडेंट पद 2016 में खत्म कर दिया गया था. जहीर अब्बास आखिरी ICC प्रेसिडेंट थे. 2014 में पहले ICC चेयरमैन एन श्रीनिवासन बने थे. तब ICC चेयरमैन और ICC प्रेसिडेंट पद कुछ साल तक साथ में ही चला था.
आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो जाएगा. जय शाह आईसीसी चेयरमैन का पद 1 दिसंबर 2024 से संभालेंगे.
Jay Shah has been elected unopposed as the next Independent Chair of the ICC.https://t.co/Len6DO9xlE
— ICC (@ICC) August 27, 2024
ICC में जय शाह को कितनी सैलरी मिलेगी
बीसीसीआई में जय शाह का पद यानी सचिव पद मानद पद था. ऐसे में उनको कोई सैलरी नहीं मिलती थी. आईसीसी के चेयरमैन बनने के बाद भी जय शाह की कोई सैलरी नहीं होगी. आईसीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर जो जानकारी मौजूद है, उसके अनुसार- आईसीसी चेयरपर्सन, आईसीसी वाइस चेयरपर्सन, डायरेक्टर्स (जहां लागू हो) को समय-समय पर भत्ते मिलते हैं. यानी आईसीसी अधिकारियों को बैठकों और अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पारिश्रमिक मिलता है. हालांकि इन भत्तों का सटीक विवरण नहीं दिया गया है.
आईसीसी चेयरमैन की शक्तियां और जिम्मेदारियां
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के चेयरमैन की भूमिका क्रिकेट की दुनिया में अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है. आईसीसी चेयरमैन क्रिकेट को विभिन्न इंटरनेशनल फोरम पर पेश करता है. एक आईसीसी चेयरमैन क्रिकेट की नीतियों को लागू करता करने के अलावा, सदस्य देशों के साथ संबंधों को भी मजबूत करता है. चेयरमैन विभिन्न बोर्ड बैठकों की अध्यक्षता करते हैं, जहां नियम और नीति निर्धारण से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं.
आईसीसी चेयरमैन का प्रभाव पूरी क्रिकेट दुनिया में महसूस किया जाता है. उनका निर्णय न केवल सदस्यों देशों पर प्रभाव डालता है, बल्कि खिलाड़ियों, अंपायरों और दर्शकों पर भी. एक प्रभावशाली चेयरमैन क्रिकेट को नए दर्शकों के बीच पहुंचाने में सहायक होता है.
आईसीसी चेयरमैन विभिन्न विवादों और विवादस्पद फैसलों में मध्यस्थता भी करते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलती है. क्रिकेट में करप्शन, मैच फिक्सिंग और अन्य अनैतिक प्रथाओं से निपटने के उद्देश्य से आईसीसी की पहल का समर्थन और प्रचार करते हैं. कुल मिलाकर ICC का चेयरमैन एक तरह से प्रवक्ता भी होता है, जो विभिन्न मौकों पर क्रिकेट से संबंधित अपडेट देता है.
Many congratulations @JayShah on being elected as the ICC chairman. Wishing you great success ahead.
— Virat Kohli (@imVkohli) August 28, 2024
मैच वेन्यू बदलने की क्षमता
वैसे तो मैच वेन्यू बदलने का निर्णय आमतौर पर स्थानीय बोर्ड के अधिकार में होता है, लेकिन आईसीसी चेयरमैन की सलाह और अनुमोदन भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण होता है. किसी असाधारण परिस्थिति जैसे सुरक्षा कारणों, राजनीतिक अस्थिरता या प्राकृतिक आपदा के कारण आईसीसी अध्यक्ष सदस्य बोर्ड के साथ मिलकर मैच वेन्यू को बदलने का निर्णय ले सकते हैं.
आईसीसी चेयरमैन की शक्तियों और निर्णय क्षमता का क्रिकेट की वैश्विक संरचना पर व्यापक असर होता है. उनकी नेतृत्व क्षमता निर्णय लेने की क्षमता और विवादों को सुलझाने की क्षमता संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ खेल की विश्वसनीयता और लोकप्रियता को बनाए रखती है.
एसोसिएट देशों को करते हैं सपोर्ट
चेयरमैन यह सुनिश्चित करते हैं कि एसोसिएट देशों को वित्तीय सहायता, ट्रेनिंग और ICC इवेंट में भाग लेने के अवसरों सहित पर्याप्त समर्थन मिले. चेयरमैन से यह अपेक्षा की जाती है कि वे ईमानदारी और नैतिकता के मानदंडों को कायम रखेंगे और क्रिकेट कम्युनिटी के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेंगे.
चेयरमैन आईसीसी के विभिन्न सदस्यों के बीच आम सहमति बनाने में मदद करता है, जिससे फुल मेंबर्स और एसोसिएट देशों के बीच संतुलन बना रहता है. इसमें विवादों में मध्यस्थता करना और क्रिकेट खेलने वाले देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है.