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क्रिकेट की दुनिया में पाकिस्तान एक बार फिर शर्मसार हुआ है. इमरान खान का ये देश अपनी धरती पर इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी को लेकर बेताब है, लेकिन उसकी इस ख्वाहिश को झटका लगा है. न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम ने सुरक्षा कारणों से अपना दौरा रद्द करने का फैसला किया है.
कीवी टीम ने ये फैसला मेजबान पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के शुरू होने के ठीक पहले किया है. दोनों टीमों के बीच सीरीज का पहला मुकाबला रावलपिंडी में खेला जाना था. न्यूजीलैंड को पाकिस्तान में 3 वनडे मैच और 5 टी20 मुकाबले खेलने थे. वनडे सीरीज रावलपिंडी और टी20 के मैच लाहौर में खेले जाने थे.
न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) के मुख्य कार्यकारी डेविड व्हाइट ने कहा, 'उन्हें जो सलाह मिल रही थी, उसे देखते हुए दौरे को जारी रखना संभव नहीं था. मैं समझता हूं कि यह पीसीबी के लिए एक झटका होगा, जो शानदार मेजबान रहा है, लेकिन खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और हमारा मानना है कि यह एकमात्र जिम्मेदार विकल्प है.'
2009 की वो यादें ....
कीवी टीम के इस फैसले के साथ 2009 की यादें भी ताजा हो गई हैं. 12 साल पहले श्रीलंकाई टीम के साथ पाकिस्तान में जो हुआ था उसे देख और सुनकर हर कोई दहल जाता है. 3 मार्च को आतंकियों ने श्रीलंकाई टीम पर हमला करके पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी थी.
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम उस वक्त लाहौर में सीरीज का दूसरा टेस्ट खेल रही थी. टीम तीसरे दिन के खेल के लिए अपने होटल से गद्दाफी स्टेडियम जा रही थी, तब 12 नकाबपोश आतंकियों ने उनकी टीम बस पर हमला कर दिया था.
इस हमले में श्रीलंकाई टीम के कप्तान महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, अजंथा मेंडिस, थिलन समरवीरा, थरंगा पारनविताना और चामिंडा वास घायल हो गए थे. हमले में पाकिस्तान पुलिस के 6 जवान समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. हमले के बाद श्रीलंका की टीम दौरा बीच में छोड़कर घर लौट आई थी.
इस हमले के बाद टीमें पाकिस्तान का दौरा करने से बचती आई हैं. पाकिस्तान के पड़ोसी अफगानिस्तान में तालिबान के राज के बाद भी न्यूजीलैंड टीम ने दौरा करने का फैसला किया, जो अपने आप में एक खतरा था. इससे पहले कुछ बड़ा नुकसान होता न्यूजीलैंड क्रिकेट की नींद खुली और अपने खिलाड़ियों को वापस बुलाने का फैसला लिया.