अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद उस विवादित संवैधानिक संशोधनों को रद्द करने जा रहा है जिसके तहत भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को कार्यकारी और वित्तीय अधिकार मिल गए थे. शशांक मनोहर की अगुवाई वाले बोर्ड ने सत्ता के मौजूदा ढांचे में आमूलचूल बदलाव का सुझाव दिया. मनोहर के आईसीसी अध्यक्ष बनने के बाद इस साल की पहली बैठक में आईसीसी बोर्ड ने स्वीकार किया कि पूर्व प्रमुख एन श्रीनिवासन की पहल पर अस्तित्व में आई मौजूदा व्यवस्था को खत्म करने की जरूरत है.
आईसीसी ने एक बयान में कहा, ‘बोर्ड ने सर्वसम्मति से पूर्ण परिषद के सामने यह प्रस्ताव रखने पर रजामंदी जताई जून 2016 से दो साल के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. इसके लिए आईसीसी की स्वतंत्र ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष की निगरानी में गुप्त मतदान की प्रक्रिया होगी.’ इसने कहा, ‘आईसीसी अध्यक्ष किसी सदस्य बोर्ड में कोई पद नहीं ले सकेगा और कार्यकाल खत्म होने के बाद फिर चुना जा सकता है लेकिन अधिकतम कार्यकाल तीन बार का होगा.’ आगे कहा गया, ‘चुनाव लड़ने के लिए सभी उम्मीदवारों को आईसीसी बोर्ड का मौजूदा या पूर्व निदेशक होने के अलावा कम से कम दो पूर्णकालिक निदेशकों का समर्थन जुटाना होगा.’ आईसीसी ने 2014 में श्रीनिवासन द्वारा किए गए संवैधानिक बदलावों की पूर्ण समीक्षा का सुझाव दिया जिसमें सारे अधिकार ‘बिग थ्री’ के पास चले गए थे.
बयान में कहा गया, ‘बोर्ड ने वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति और कार्यकारी समिति के नियम और शर्तों में भी बदलाव को मंजूरी दी ताकि बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड तथा वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रतिनिधियों को स्थायी पदों से हटाकर सभी पूर्ण और सहायक निदेशकों को सदस्यता पाने की पात्रता दी जा सके. इसका एकमात्र मानदंड संबंधित निदेशक की दक्षता, योग्यता और अनुभव होगा.’
आईसीसी ने कहा, ‘बोर्ड ने 2014 में किए गए संवैधानिक बदलावों की संपूर्ण समीक्षा पर मंजूरी जताई. आईसीसी बोर्ड ने निर्देश दिया है कि आईसीसी के संविधान की समीक्षा की जाएगी और सभी सदस्यों को अगले कुछ सप्ताह में आईसीसी प्रबंधन पर फीडबैक देने के लिए कहा गया है.’ मनोहर ने कहा कि ये सुझाव आईसीसी को और पारदर्शी बनाने के लिए दिए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘इससे साबित होता है कि हम मिलकर पारदर्शी तरीके से आईसीसी का ही नहीं बल्कि सभी सदस्य बोर्ड का संचालन करना चाहते हैं.’ मनोहर ने पांच सदस्यीय संचालन समिति का भी गठन किया जिसके अध्यक्ष वह होंगे. इसमें आईसीसी की प्रशासन समीक्षा समिति, कार्यकारी समिति, वित्त और व्यवसायिक कार्य समिति और एसोसिएट तथा एफीलिएट सदस्य समूह के अध्यक्ष भी होंगे. यह समूह अप्रैल 2016 में होने वाली बैठक में अपनी रिपोर्ट देगा ताकि जून 2016 में आईसीसी के सालाना सम्मेलन में सुझाव दिए जा सके.
आईसीसी बोर्ड ने इस पर भी मंजूरी जताई कि सभी पूर्ण सदस्यों के लिए सालाना आधार पर अपने आडिट किए हुए खाते जमा करने होंगे. सदस्यों और क्रिकेट से जुड़े पक्षों के बीच बेहतर संबंध बनाने की कवायद में बोर्ड ने फैसला किया कि सदस्य देशों की साल में चार बैठकें यूएई के बाहर होंगी. इस साल आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस 27 जून से दो जुलाई तक एडिनबर्ग में होगी जबकि अप्रैल और अक्टूबर में होने वाली बैठकों के वेन्यू का ऐलान जल्दी ही किया जाएगा. मनोहर ने कहा, ‘हमारी बैठक काफी सार्थक रही और फैसलों से स्पष्ट है कि हम मिलकर पारदर्शी तरीके से आईसीसी और सदस्य बोर्ड का संचालन करना चाहते हैं. इससे खेल का स्तर और छवि बेहतर होगी. आईसीसी का कोई सदस्य दूसरे से बड़ा नहीं है और मैं सभी सदस्यों के सहयोग से इस दिशा में सार्थक योगदान देना चाहता हूं.’
इनपुटः भाषा