ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट में लक्ष्य का पीछा करने की हर संभव कोशिश करने का भारत के कार्यवाहक कप्तान विराट कोहली का फैसला सही साबित नहीं हुआ लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी रणनीति का मलाल नहीं है क्योंकि ड्रा के लिए रक्षात्मक होकर खेलने पर हार और बड़ी हो सकती थी.
ऑस्ट्रेलिया के 364 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम को 48 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन कोहली ने कहा कि उन्हें अपने रवैये पर गर्व है. कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘मैंने खिलाड़ियों के साथ विश्वास को लेकर बात की. अगर आपको अपने शाट पर विश्वास है तो मैंने उन्हें शाट खेलने को कहा. रोहित शर्मा स्वीप कर रहा था और चूक रहा था लेकिन मैं उसका समर्थन करता रहा. हम मैच को इसी तरह देख रहे थे और यही कारण है कि लक्ष्य के इतने करीब पहुंचे. अगर हम किसी भी समय ड्रॉ के लिए खेलते तो ईमानदारी से कहूं तो हम 150 रन से हार सकते थे.’
एडीलेड ओवल पर कोहली के करियर की सर्वश्रेष्ठ 141 रन की पारी के बावजूद भारतीय टीम 315 रन पर आउट हो गई. टीम इंडिया अब चार मैचों की श्रृंखला में 0-1 से पिछड़ गई है. कोहली ने कहा, ‘जोखिम उठाने और मौकों का फायदा उठाने में ऑस्ट्रेलिया हमसे कहीं बेहतर रहा. वे आज जीत के हकदार थे.’ उन्होंने कहा, ‘जब मुरली विजय और मैं खेल रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि हमारा पलड़ा भारी है. लेकिन कभी मुझे ऐसा नहीं लगा कि हमें लक्ष्य का पीछा करने से हट जाना चाहिए. मुझे हमेशा से विश्वास था कि हम यह कर सकते हैं और पूरे समय मैं इस पर डटा रहा. कोहली एडिलेड में टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले विजय हजारे के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज हैं. वह एक ही टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़ने वाले चौथे भारतीय हैं. उनके पहले हजारे, सुनील गावस्कर (तीन बार) और राहुल द्रविड़ (दो बार) यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.
कोहली ने इसके साथ ही कप्तान के रूप में अपने पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में शतक के ग्रेग चैपल के रिकार्ड की भी बराबरी की. भारतीय कप्तान ने कहा, ‘एक अच्छी चीज यह थी कि मैं उपलब्धियों के बारे में नहीं सोच रहा था.’ उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ लक्ष्य के बारे में सोच रहा था और यह गणना करने का प्रयास कर रहा था कि किसे निशाना बनाऊं. मैं टेस्ट क्रिकेट में पहली बार ऐसा करने में सफल रहा हूं. यह मेरे लिए कुछ नया है इसलिए मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं.’ कोहली ने कहा, ‘मैं उम्मीद कर रहा था कि मिशेल मार्श बाउंड्री पर कैच छोड़ देगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उस शाट को खेलने का मलाल नहीं है. शायद मैं उस शाट को बेहतर जगह खेल सकता था और यह बाउंड्री के लिए चला जाता तो चीजें अलग हो सकती थी. लेकिन फिर अगर मगर वाली बात.’
यह पूछने पर कि क्या उन्हें ऑफ स्पिनर आर अश्विन की कमी खली जिनकी जगह टेस्ट मैच में लेग स्पिनर कर्ण शर्मा को पदार्पण कराया गया, कोहली ने कहा, ‘यह मेरा निजी फैसला था. मुझे लगा कि अभ्यास सत्र में कर्ण अन्य स्पिनरों से बेहतर गेंदबाजी कर रहा था. यह एक योजना थी जो मुझे लगा कि काम कर जाएगी. उसने अपने पहले मैच में काफी अच्छी गेंदबाजी की. आपको उसे श्रेय देना होगा. उसने क्षेत्ररक्षकों को ऊपर खड़ा किया और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को रन बनाने की चुनौती दी.’
इस बीच उम्मीद है कि हाथ की चोट से उबर रहे नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ब्रिसबेन में 17 दिसंबर से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट के लिए टीम में वापसी आ जाएंगे और कोहली को एक मैच में कप्तानी के बाद खिलाड़ी के रूप में खेलना होगा. उन्होंने कहा, ‘अगर वह फिट होगा और दूसरे टेस्ट के लिए उपलब्ध रहेगा तो मुझे खुशी होगी. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे नाम के आगे कप्तान जुड़ा है या नहीं. अगर मैं कप्तान होते हुए खिलाड़ियों से बात कर सकता हूं तो ऐसा कोई कारण नहीं कि बिना कप्तान रहते हुए मैं ऐसा नहीं कर सकता.’
भाषा से इनपुट