scorecardresearch
 

Bapu Nadkarni: क्रिकेट इतिहास का सबसे 'कंजूस' गेंदबाज... जिसने अंग्रेजों को अपनी फिरकी पर नचाया, आज भी कायम है ये वर्ल्ड रिकॉर्ड

बापू नादकर्णी क्रिकेट के तीनों डिपार्टमेंट में माहिर थे. उन्होंने न सिर्फ अपनी फिरकी पर बल्लेबाजों को नचाया, बल्कि उनकी बल्लेबाजी भी गजब की थी. वे एक हिम्मती फील्डर भी थे. बापू के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक अनूठा रिकॉर्ड दर्ज है.

Advertisement
X
 Bapu Nadkarni (Photo- Getty Images)
Bapu Nadkarni (Photo- Getty Images)

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 12 जनवरी का दिन काफी खास है. 61 साल पहले यानी साल 1964 में इसी दिन एक भारतीय गेंदबाज ने ऐसा रिकॉर्ड बनाया था, जिसका टूट पाना काफी मुश्किल है. इस गेंदबाज का नाम बापू नादकर्णी था. बापू के नाम एक टेस्ट में लगातार 131 गेंदों में एक भी रन नहीं देने का कीर्तिमान है. उन्हें सबसे 'कंजूस' गेंदबाज के तौर पर हमेशा याद किया जाता है.

Advertisement

बाएं हाथ के स्पिनर बापू नादकर्णी ने इंग्लैंड के खिलाफ तत्कालीन मद्रास (चेन्नई) के कॉरपोरेशन स्टेडियम में ये अनूठा रिकॉर्ड बनाया था. यहां खेले गए टेस्ट मैच के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 131 गेंदें फेंकीं, जिन पर एक भी रन नहीं बना. उस पारी में उन्होंने कुल 32 ओवरों में 27 मेडन फेंके, जिनमें लगातार 21 मेडन ओवर थे. उन्होंने केवल 5 रन ही दिए. उनका गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 32-27-5-0.

बापू नादकर्णी के चार स्पेल (मद्रास टेस्ट)
पहला स्पेल: 3-3-0-0
दूसरा स्पेल: 7-5-2-0
तीसरा स्पेल: 19-18-1-0
चौथा स्पेल: 3-1-2-0

बापू नादकर्णी ने पाकिस्तान के खिलाफ भी गेंद से कमाल दिखाया था. 1960-61 में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के दौरान बापू ने कानपुर टेस्ट की पहली पारी में 32-24-23-0 के आंकड़े दर्ज किए. उसके बाद दिल्ली टेस्ट के दौरान भी पाकिस्तान की पहली पारी में उनका गेंदबाजी विश्लेषण रहा- 34-24-24-1.

Advertisement

चौंकाने वाली बात यह थी कि बापू नादकर्णी नेट्स पर सिक्का रखकर गेंदबाजी करते थे. उनकी बॉलिंग इतनी सधी थी कि गेंद वहीं पर गिरती थी. टेस्ट करियर में बापू की इकोनॉमी रेट 1.67 रन प्रति ओवर की रही. बापू ने भारतीय टीम के लिए 41 टेस्ट खेले. इस दौरान उन्होंने 9165 गेंदों में 2559 रन दिए और 88 विकेट झटके.

 Bapu Nadkarni
बापू नादकर्णी, दिलीप वेंगसरकर और अजीत वाडेकर, फोटो: Getty Images

बल्ले से भी बापू ने मचाया धमाल

बापू नादकर्णी क्रिकेट के तीनों डिपार्टमेंट में माहिर थे. उन्होंने न सिर्फ अपनी फिरकी पर बल्लेबाजों को नचाया, बल्कि उनकी बल्लेबाजी भी गजब की थी. वे एक हिम्मती फील्डर भी थे, जो फील्ड पर बल्लेबाज के सामने खड़े होते थे. बापू ने इंग्लैंड के खिलाफ 1964 की ही सीरीज के दौरान कानपुर में नाबाद 122 रनों की पारी खेलकर भारत को हार से बचाया था.

बापू नादकर्णी ने टेस्ट मैचों में 25.70 की औसत से 1414 रन बनाए, जिसमें एक शतक के अलावा सात अर्धशतक शामिल रहे. बापू ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर के दौरान कुल 500 निकाले. 1933 में नासिक में जन्मे बापू का 2020 (86 साल, 288 दिन की उम्र) में मुंबई में निधन हुआ.

Live TV

Advertisement
Advertisement