दिल्ली का फिरोज शाह कोटला (अब अरुण जेटली स्टेडियम) मैदान कई ऐतिहासिक क्रिकेटिंग लम्हों का गवाह रहा है. इसी मैदान पर अनिल कुंबले ने पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में दस विकेट चटका दिए थे. वहीं, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इसी मैदान पर अपना 35वां टेस्ट शतक लगाकर सुनील गावस्कर को पीछे छोड़ा था. कामयाबी के साथ-साथ यह मैदान कुछ विवादों की वजह से भी सुर्खियां में रह चुका है.
खराब पिच के चलते रद्द हुआ मैच
साल 2009 में आज ही के दिन (27 दिसंबर) इस मैदान पर एक ऐसा मुकाबला किया गया जिसने बीसीसीआई की छवि पर बट्टा लगाने का काम किया. श्रीलंका और भारत के बीच हुआ वह वनडे मुकाबला खराब पिच के चलते बीच में ही रद्द कर देना पड़ा था. उस मुकाबले में कोटला की पिच इतनी घटिया थी कि श्रीलंका के कई बल्लेबाज चोटिल हो गए थे. गेंद पिच पर टप्पा खाकर अजीब तरीके से उछल रही थी और कई बार गेंदें खिलाड़ियों के कोहनी, कंधे और फिंगर पर जाकर लगीं.
मुकाबले में भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. भारतीय टीम की ओर से सुदीप त्यागी को डेब्यू करने का मौका मिला, वहीं श्रीलंका के लिए मिलिंडा पुष्पकुमारा अपना पहला वनडे मुकाबला खेलने उतरे. भारतीय टीम को काफी शानदार शुरुआत मिली क्योंकि पहली ही गेंद पर जहीर खान ने उपुल थरंगा को बोल्ड कर दिया. थरंगा के आउट होने के साथ ही पिच ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया.
जैसे-जैसे ओवर बीत रहे थे पिच पर खेलना और मुश्किल होता जा रहा था. पिच पर जहां घास थी वहां गेंद पड़ने के बाद अचानक से काफी उछल जा रही थी. जहां घास नहीं थी वहां टप्पा पड़ने पर गेंद एकदम नीचे रह रही थी. इसी कड़ी में आशीष नेहरा की गेंद तिलकरत्ने दिलशान की कोहनी के ऊपर लगी और दिलशान दर्द से कराह उठे.
पारी के 24वें ओवर में सुदीप त्यागी की तीसरी गेंद टप्पा खाने के बाद इतनी उछली कि कप्तान धोनी किसी तरह गेंद को रोक पाए. उसके बाद अंपायरों ने मैच को रोक दिया गया. फिर मैच अधिकारियों ने काफी गहन विचार-विमर्श के बाद मुकाबले को वहीं पर समाप्त करने का फैसला किया. मैच के रद्द होने पर दर्शक भड़क गए थे और उन्होंने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान दर्शकों ने स्टेडियम में लगी कुर्सियों को तोड़ दिया. साथ ही बैनर-पोस्टर भी उखाड़ दिए.
जिस समय मैच रद्द हुआ था उस वक्त तक श्रीलंका ने पांच विकेट पर 83 रन बनाए थे. सनथ जयसूर्या ने सबसे ज्यादा 31 और दिलशान ने 20 रनों की पारी खेल ली थी. भारत की ओर से जहीर खान को सबसे ज्यादा दो विकेट मिले थे. वहीं, सुदीप त्यागी और हरभजन सिंह ने एक-एक विकेट लिया था. चूंकि भारतीय टीम पहले ही उस सीरीज में 3-1 की बढ़त ले चुकी थी, ऐसे में इस पांचवें वनडे मैच के नतीजे का कोई खास महत्व नहीं रहा.
आईसीसी ने लगाया था एक साल का बैन
कोटला की उस पिच को देखकर सुनील गावस्कर ने कहा था, 'यह पिच वैसे दिख रही है जैसे किसी ने हेयर ट्रांसप्लांट कराया हो और बाल लगाने के बाद बीच-बीच में खाली जगह छोड़ दी गई हो.' बीसीसीआई ने भी पूरे मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए ग्राउंड और विकेट्स कमिटी को बर्खास्त कर दिया. वहीं आईसीसी की ओर से कोटला को एक साल के लिए बैन कर दिया गया था.