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जब धोनी की यंग ब्रिगेड ने इतिहास रचा... PAK को धूल चटा T20 वर्ल्ड कप पर किया था कब्जा

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 24 सितंबर का दिन बेहद खास है. 14 साल पहले 2007 में इसी दिन महेंद्र सिंह धोनी की युवा ब्रिगेड ने पाकिस्तान को 5 रनों से मात देकर टी20 विश्व कप पर कब्जा किया था.

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India v Pakistan World T20 final. (Getty)
India v Pakistan World T20 final. (Getty)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 24 सितंबर का दिन भारतीय क्रिकेट लिए बेहद खास है
  • 14 साल पहले इसी दिन शुरुआती टी20 वर्ल्ड कप जीता था

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 24 सितंबर का दिन बेहद खास है. 14 साल पहले 2007 में इसी दिन महेंद्र सिंह धोनी की युवा ब्रिगेड ने पाकिस्तान को 5 रनों से मात देकर शुरुआती टी20 विश्व कप पर कब्जा किया था. किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारतीय टीम चैम्पियन बनेगी, लेकिन इस यंग ब्रिगेड ने अनुमानों को गलत साबित करने हुए इतिहास रच दिया. टी20 विश्व कप की जीत ने क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप को नई दिशा दी थी. नतीजतन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने भी 2008 में आईपीएल को शुरू करने का फैसला लिया.

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गौतम गंभीर की शानदार पारी

टी20 विश्व कप में दोनों टीमें दूसरी बार आमने-सामने थीं, लेकिन फाइनल मुकाबले को देखते हुए काफी कुछ दांव पर लगा था. जोहानिसबर्ग के वांडरर्स स्टेडियम में हुए फाइनल मुकाबले में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी. जिसके बाद भारत टीम ने निर्धारित 20 ओवरों में 157/5 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया. भारत के लिए ओपनर गौतम गंभीर ने 54 गेंदों में 75 रनों की शानदार पारी खेली. उनकी इस पारी में 8 चौके और 2 छक्के शामिल रहे. गंभीर के अलावे युवा बल्लेबाज रोहित शर्मा ने आखिरी ओवरों में नाबाद 30 रन बनाकर अहम योगदान दिया. 

जवाब में पाक टीम लड़खड़ा गई और उसने अपने छह विकेट 77 रनों पर खो दिए. लेकिन मिस्बाह उल हक (43) ने एक छोर पर टिककर भारतीय टीम के लिए चिंता पैदा कर दी. मिस्बाह ने यासिर अराफात (15) और सोहेल तनवीर (12) के साथ उपयोगी साझेदारियां कीं, ऐसे में पाकिस्तानी टीम मैच जीतने की स्थिति में आ गई थी.

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... अंतिम ओवर का रोमांच

पाकिस्तान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 13 रनों की दरकार थी ओर उसके एक विकेट बचे थे. इस रोमांचक मोड़ पर कप्तान धोनी ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को दी. जोगिंदर ने पहली गेंद वाइड डाली. ऐसे में अब पाकिस्तान को छह गेंदों में 12 चाहिए थे. मिस्बाह ने दूसरी गेंद पर छक्का जड़ कर टीम इंडिया को परेशान कर दिया. अब पाकिस्तान को चार गेंदों में छह रन की चाहिए थे. जोगिंदर की अगली गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला और एक वक्त ऐसा प्रतीत हुआ कि गेंद बांउड्री पार चली जाएगी. लेकिन गेंद हवा में उछल गई और फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने उस कैच को लपक लिया. 

तेज गेंदबाज इरफान पठान ने फाइनल मुकाबले में शानदार गेंदबाजी करते हुए 4 ओवरों में 16 रन देकर 3 विकेट लिए. इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था. वहीं, पाकिस्तान के ऑलराउंडर शाहिद आफरीदी मैन ऑफ द सीरीज रहे थे. आफरीदी ने टूर्नामेंट में 12 विकेट लेने के अलावा 91 रन भी बनाए थे. 

कप्तान धोनी ने कही थी ये बात

कप्तान धोनी ने फाइनल मुकाबले में जीत के बाद कहा था, 'यह उन चीजों में से एक है जिसे मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा. मैं अपने साथियों को बधाई देना चाहता हूं. उन्होंने मुझे जो रिस्पॉन्स दिया है उसके लिए उन्हें धन्यवाद. किसी ने हमसे जीतने की उम्मीद नहीं की थी और आज हम जिस तरह से खेले हैं, हम एक बड़े जश्न के हकदार हैं.'

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धोनी ने बताया था, 'पाकिस्तान ने आज दूसरे हाफ में वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की. लेकिन हमें पता था कि हमारे पास बोर्ड पर रन हैं और हम बल्लेबाजों पर थोड़ा दबाव डाल सकते हैं. भज्जी डेथ ओवर में यॉर्कर को लेकर शत प्रतिशत आश्वस्त नहीं थे. मैंने सोचा कि मुझे किसी ऐसे व्यक्ति को गेंद देनी चाहिए जो वास्तव में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अच्छा करना चाहता है. जोगी ने बहुत अच्छा काम किया.'

ऑस्ट्रेलिया भी हुआ था पस्त

भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में दिग्गजों से भरी हुई ऑस्ट्रेलियाई टीम को शिकस्त दी थी. डरबन में हुए उस सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 188 रन बनाए थे. युवराज सिंह ने 30 गेंदों पर ताबड़तोड़ 70 रन बनाए, जिसमें 5 छक्के और इतने ही चौके शामिल थे. जवाब में ऑस्ट्रेलिया 20 ओवर में 173/7 रन ही बना सकी और भारत ने इस मुकाबले को 15 रनों से अपने नाम कर लिया. दूसरी ओर, पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराकर फाइनल का टिकट हासिल किया था.

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