20 सितंबर का दिन क्रिकेट जगत के लिए काफी यादगार दिन है. 40 साल पहले आज (20 सितंबर) ही 1982 में पाकिस्तान के दाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज जलालुद्दीन ने वनडे क्रिकेट इतिहा की पहली हैट्रिक ली थी. यह जानकर आपको हैरानी होगी कि उस पहली हैट्रिक का जश्न उस पल नहीं मना, बल्कि एक दिन बाद मना. वनडे इंटरेशनल में अब तक 49 हैट्रिक बन चुकी है, लेकिन पहली हैट्रिक का रोमांच कुछ और ही रहा था.
जहीर अब्बास ने की थी कप्तानी
महज एक वनडे का अनुभव रखने वाले कराची के जलालुद्दीन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में मौका दिया गया था. दरअसल, इमरान खान ने इंग्लैंड दौरे में जांघ की मांसपेशियों में खिंचाव के चलते खुद को आराम दिया था. उनकी गैरमौजूदगी में जहीर अब्बास ने टीम की कप्तानी संभाली. हैदराबाद (सिंध) के नियाज स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी ली. पाकिस्तान ने 40 ओवरों के उस मैच में कंगारुओं को 230 रनों का लक्ष्य दिया. उसके सलामी बल्लेबाज मोहसिन खान ने 101 गेंदों पर शानदार 104 रन बनाए.
जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने काफी शानदार शुरुआत की. ऑस्ट्रेलिया ने पहले विकेट के लिए 23 ओवरों में 104 रन जोड़े. इसके बाद तौसीफ अहमद ने तीन विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई स्कोर को 109/3 कर दिया. हालांकि एलन बॉर्डर ओर जॉन डायसन की जोड़ी ने स्कोर को 157 तक पहुंचाया. जलालुद्दीन ने बॉर्डर को वापस भेजकर उस साझेदारी को तोड़ा.
...फिर जलालुद्दीन ने रचा इतिहास
अब बारी थी उस ऐतिहासिक ओवर की, जब जलालुद्दीन ने 162 के स्कोर पर लगातार गेंदों पर तीन विकेट चटकाए. सबसे पहले उस ओवर की चौथी गेंद पर जलालुद्दीन ने विकेटकीपर बल्लेबाज रोडनी मार्श को बोल्ड कर दिया. अगली गेंद पर ब्रूस यार्डले को वसीम बारी के हाथों विकेट के पीछे कैच कराया और इसके बाद ज्योफ लॉसन को बोल्ड कर अपनी हैट्रिक पूरी की.
पाकिस्तान का यह नवोदित गेंदबाज इस हैट्रिक से खुश तो हुआ, लेकिन तब उसे नहीं पता था कि उसने वनडे क्रिकेट में पहली बार यह कारनामा कर दिखाया है. जलालुद्दीन ने बाद में स्वीकार किया कि मैच के अगले दिन रिकॉर्ड बुक खंगाले गए, तो इस वर्ल्ड रिकॉर्ड का खुलासा हुआ, जिससे उनकी खुशी दोगुनी हो गई.
'मैन ऑफ द मैच' बना कोई और..
ऑस्ट्रेलिया की टीम निर्धारित ओवरों में 170/9 रन ही बना पाई. पाकिस्तान ने 59 रनों से वह मैच जीत लिया. लेकिन मैन ऑफ द मैच जलालुद्दीन को नहीं दिया गया. उस मैच में शतक जमाने वाले मोहसिन खान को यह अवॉर्ड मिला. जलालुद्दीन का करियर बड़ा नहीं रहा. वह इसके बाद 7 वनडे और 6 टेस्ट मैच ही खेल पाए.
कहां से आया यह हैट्रिक शब्द?
मूलत: हैट्रिक (Hat-trick) शब्द पहली बार साल 1858 में क्रिकेट के जरिए ही आया. उस साल इंग्लिश क्रिकेटर एचएच स्टीफेंसन ने लगातार तीन गेंदों पर तीन विकेट लिए. चूंकि वह मैच स्टीफेंसन की टीम के लिए काफी अहम था, ऐसे में टीम के प्रशंसकों ने रुपये जमाकर स्टीफेंसन को एक कीमती टोपी (Hat) भेंट की. हैट्रिक शब्द का Hat यहीं से आया है. स्टीफेंसन को हैट मिलने की खबर एक अखबार में छपी थी.
अखबार में लिखा गया था कि स्टीफेंसन ने किसी जादूगर की तरह तीन बॉल में तीन विकेट चटकाए थे और हैट लेने का उनका ट्रिक काम कर गया. उसके बाद से ही लोगों के द्वारा हैट्रिक शब्द चलन में लाया जाने लगा. उस दौर में एक जादू पूरे यूरोप में प्रसिद्द था, वो था जादूगर द्वारा अपने हैट में से एक खरगोश को निकालना. स्टीफेंसन का भी कारनामा किसी जादूगर की तरह ही माना गया. धीरे-धीरे हैट्रिक शब्द यूरोप के साथ ही दूसरे महाद्वीपों में भी लोगों की जुबान पर आ गया. अब तो क्रिकेट के अलावा और भी कई खेलों में हैट्रिक का प्रयोग होता है.