पाकिस्तानी टीम को हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-2 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. पहली बार पाकिस्तान को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार मिली. अपने घर में मिली ये हार पाकिस्तानी खिलाड़ियों को काफी दिनों तक चुभने वाली है. पाकिस्तान को एक समय उसके घर पर टेस्ट मैचों में हराना काफी मुश्किल था, लेकिन समय के साथ-साथ यह ट्रेंड बदलता चला गया.
वैसे भी पाकिस्तानी टीम अब उतनी मजबूत नहीं रही. पाकिस्तानी टीम में एक वक्त धुरंधर खिलाड़ियों की फौज थी. इसमें सलामी बल्लेबाज सईद अनवर का भी नाम शामिल था. 12 साल तक सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड रखने वाले सईद अनवर आज (6 सितंबर) 56 साल के हो गए. अनवर का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर 13 साल (1990-2003) का रहा. उन्होंने इस दौरान बल्ले से कई यादगार पारियां खेलीं.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान की हालत पतली, फाइनल में पहुंचना बेहद मुश्किल! जानें सभी टीमों का हाल
सईद अनवर ने टेस्ट क्रिकेट में खासकर विदेशी धरती पर शानदार प्रदर्शन किया था. उनका पहला टेस्ट शतक साल 1994 में वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ (169 रन) था. फिर उन्होंने 1996 में ओवल टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 176 रन बनाए. इसके बाद 1998 में कोलकाता में भारत के खिलाफ नाबाद 188 रन बनाए, जो उनका सर्वोच्च टेस्ट स्कोर रहा. हालांकि अनवर का वनडे रिकॉर्ड टेस्ट की तुलना में और भी शानदार रहा.
...जब अनवर ने भारत के खिलाफ काटा गदर
सईद अनवर ने साल 1997 में भारत के खिलाफ चेन्नई में 194 रन बनाए, जो तब वनडे की सबसे बड़ी पारी रही. मजे की बात है कि कप्तान सचिन तेंदुलकर ने खुद गेंदबाजी करते हुए सईद अनवर को सौरव गांगुली के हाथों लपकवाया था और उन्हें दोहरा शतक जमाने से रोका था. वनडे इतिहास में 12 साल तक सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड सईद अनवर के नाम रहा. 2009 में जिंब्बाब्वे के चार्ल्स कोवेंट्री ने नाबाद 194 रनों की पारी खेलकर इस जादुई आंकड़े की बराबरी की थी.
हालांकि इसके तीन साल बाद ही सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 200 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर रिकॉर्डबुक में नाम दर्ज करा लिया था. सईद अनवर ने पाकिस्तान के लिए 55 टेस्ट मैचों में 45.52 की औसत से 4052 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 11 शतक और 25 अर्धशतक निकले. जबकि 247 वनडे में उन्होंने 39.21 की औसत से 8824 रन बनाए. उन्होंने इस दौरान 20 शतक और 43 अर्धशतक जमाए.
बेटी की मौत के बाद टेस्ट करियर का The End
देखा जाए तो सईद अनवर ने 15 अगस्त 2003 को इंटरनेशनल और फर्स्ट क्लास क्रिकेट को अलविदा कहा था. लेकिन उनका टेस्ट करियर दो साल पहले ही खत्म हो गया था. अगस्त 2001 में खेला गया मुल्तान टेस्ट इस सलामी बल्लेबाज के लिए आखिरी टेस्ट साबित हुआ, जो पाकिस्तान ने बांग्लादेश के खिलाफ खेला था. उस टेस्ट में शतक जमाने के बावजूद उन्होंने दोबारा टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला और दो साल बाद अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
उस मुल्तान टेस्ट मैच में 546/3 रनों के स्कोर में पाकिस्तान के पांच बल्लेबाजों ने शतक जड़े थे (जो ऑस्ट्रेलिया के साथ संयुक्त रूप से टेस्ट की एक पारी में सर्वाधिक शतकों का रिकॉर्ड है). इनमें सईद अनवर भी शामिल रहे. उन्होंने 101 रन बनाए. जो उनका 11वां और आखिरी शतक साबित हुआ. दरअसल, सईद अनवर के मुल्तान टेस्ट के पहले दिन (29 अगस्त 2001) शतक जमाने के दो दिन बाद ही उनकी साढ़े तीन साल की बेटी बिस्माह की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई. वे लाहौर लौट गए. इसके बाद फिर कभी टेस्ट मैच नहीं खेले.
...फिर धर्म की हो गया अनवर का झुकाव
बेटी की असामयिक मौत के बाद सईद अनवर का झुकाव धर्म की ओर हो गया. उन्होंने अपनी दाढ़ी भी बढ़ा ली. इधर अनवर वनडे टीम में अंदर-बाहर होते रहे. 2003 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत के खिलाफ जुझारू शतक जमाया, लेकिन पाकिस्तान वह मैच हार गया था. अनवर ने वह शतक अपनी दिवंगत बेटी को समर्पित किया था. रिटायरमेंट के बाद अनवर क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार में पूरी तरह लग गए. उनके वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं.
जब पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहम्मद यूसुफ ने साल 2004 में इस्लाम धर्म अपनाया था, तो सईद अनवर ने उनकी काफी मदद की थी. यूसुफ ने एक इंटरव्यू में साफ कहा था कि उनके कलमा पढ़ने में सबसे अहम भूमिका अनवर ने ही निभाई. इस्लाम धर्म अपनाने से पहले यूसुफ योहाना के नाम से जाने जाते थे.