Happy Birthday Sourav Ganguly: टेस्ट डेब्यू 'क्रिकेट का मक्का' कहे जाने वाले लॉर्ड्स पर... आगाज इतना बेहतरीन कि शुरुआती दो टेस्ट मैचों में शतक. फिर जब कप्तानी मिली तो देश को जीतने की आदत डाल दी, वो भी ऐसी 'दादागीरी' के साथ कि दुनिया दंग रह गई. जी हां! बात हो रही है 'प्रिंस ऑफ कोलकाता', 'ऑफ साइड के भगवान', 'बंगाल टाइगर' जैसे नामों से मशहूर सौरव गांगुली की. भारतीय फैन्स के चहते 'दादा' आज (8 जुलाई) 52 साल के हो गए.
भारतीय क्रिकेट टीम ने सौरव गांगुली कप्तानी में नई ऊंचाइयों को हासिल किया था. गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया ,जो देश के बाहर भी जीतना जानती थी. वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, युवराज सिंह जैसे स्टार क्रिकेटर्स के करियर को संवारने में 'दादा' का अहम रोल रहा. यहां तक कि महेंद्र सिंह धोनी ने भी गांगुली की कप्तानी में ही भारत के लिए अपना डेब्यू किया था.
...जब फ्लिंटॉफ को दिया तगड़ा जवाब
सौरव गांगुली की 'दादागीरी' की किस्से तो आज भी फैन्स के जेहन में हैं. वो पल कौन भूल सकता है जब गांगुली ने शर्ट लहरकार अंग्रेज क्रिकेटर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था. दरअसल 13 जुलाई 2002 को इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर मोहम्मद कैफ और युवराज सिंह की जादुई पारी के दम पर भारत ने फाइनल मैच में इंग्लैंड को हराकर नेटवेस्ट सीरीज पर कब्जा किया.
इसके बाद लॉर्ड्स की बालकनी में गांगुली ने अपनी टी-शर्ट उतारकर ऐसे लहराई कि यह वाकया इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. फ्लिंटॉफ ने उसी साल फरवरी (3 फरवरी 2002) में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत पर जीत के बाद अपनी शर्ट निकालकर मैदान में दौड़ लगाई थी. ऐसे में 'दादा' ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया, जिसे फ्लिंटॉफ कभी नहीं भूल सकते. बदला चुकता करने के लिए लॉर्ड्स से बड़ी जगह और कुछ नहीं हो सकती थी.
हालांकि सौरव गांगुली ने उस वाकये को लेकर बाद में खेद व्यक्त किया था. साल 2018 में प्रकाशित अपनी किताब (ए सेंचुरी इज नॉट एनफ) में गांगुली लिखते हैं, 'फाइनल मैच में जीत को लेकर टीम काफी उत्साहित थी और जहीर खान के विनिंग शॉट लगाते ही मैं अपने आपको रोक नहीं सका.' गांगुली ने माना कि जीतने के बाद शर्ट उतारकर सेलिब्रेट करना सही नहीं था. जीत का जश्न मनाने के और भी कई तरीके थे.
ऑस्ट्रेलियाई टीम का घमंड किया चूर-चूर
सौरव गांगुली मैदान में लेट आने के लिए जाने जाते थे. साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में गांगुली ने स्टीव वॉ को 'दिन में तारे' दिखा दिए थे. कोलकाता के ईडन गार्डन्स में हुए ऐतिहासिक टेस्ट मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ टॉस के लिए समय से पहले आ गए, लेकिन गांगुली का इंतजार होता रहा. दादा थोड़ा लेट पहुंचे क्योंकि उनका ब्लेजर खो गया था, जिसे खोजने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. गांगुली टॉस के लिए देरी से पहुंचे तो उस दौरान स्टीव वॉ काफी गुस्साए हुए थे.
भारतीय टीम ने उस टेस्ट मैच में फॉलोऑन खेलने के बावजूद जीत हासिल की थी. यादगार जीत के साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का विजयरथ रोक दिया था. उस मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 16 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की थी. खास बात यह है कि चेन्नई में खेले गए सीरीज के तीसरे मैच में भी टॉस के लिए सौरव गांगुली थोड़ा लेट पहुंचे थे. इस बार भी स्टीव वॉ का गुस्सा देखते बनता था.
गांगुली का ऐसा था क्रिकेटिंग करियर
बएं हाथ से बल्लेबाजी और दाएं हाथ से गेंदबाजी करने वाले सौरव गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले. गांगुली ने टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल रहे. वहीं ओडीआई में गांगुली के नाम पर 41.02 की औसत से 11363 रन दर्ज हैं. ओडीआई में गांगुली ने 22 शतक और 72 अर्धशतक लगाए. गेंदबाजी की बात करें तो गांगुली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में 132 विकेट लिए.
देखा जाए तो सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की. गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया 2003 में वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची थी. वहीं, 2002 की चैम्पियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम संयुक्त विजेता रही थी. गांगुली 2019-22 के दौरान भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष भी रहे.