scorecardresearch
 

क्रिकेट वर्ल्ड कपः जब दोनों ओपनर्स बिना खाता खोले ही आउट हो गए

क्रिकेट में ऐसा बहुत कम ही होता है जब दोनों ओपनर्स शून्य पर आउट हो जाते हैं लेकिन ऐसा वर्ल्ड कप खेल रही टीम के साथ भी हो चुका है. हालांकि वर्ल्ड कप में ऐसा केवल तीन बार ही हुआ है. इनमें से सबसे मजेदार तो वह मैच था जब ओपनर्स शून्य पर आउट हो गए और आधी टीम 17 के योग पर पवेलियन लौट चुकी थी.

Advertisement
X

क्रिकेट में ऐसा बहुत कम ही होता है जब दोनों ओपनर्स शून्य पर आउट हो जाते हैं लेकिन ऐसा वर्ल्ड कप खेल रही टीम के साथ भी हो चुका है. हालांकि वर्ल्ड कप में ऐसा केवल तीन बार ही हुआ है. इनमें से सबसे मजेदार तो वह मैच था जब ओपनर्स शून्य पर आउट हो गए और आधी टीम 17 के योग पर पवेलियन लौट चुकी थी.

Advertisement

जी हां, हम यहां 1983 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खेले गए उस ऐतिहासिक मैच के बारे में बात कर रहे हैं जिसमें दोनों ओपनर्स के शून्य पर आउट हो जाने के बावजूद कपिल देव की कप्तानी पारी की बदौलत भारत ने मैच जीता. वर्ल्ड कप का तीसरा संस्करण चल रहा था और भारत को जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच खेलना था.

टॉस जीतकर कप्तान कपिल देव ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और तुरंत ही उनका फैसला गलत साबित हो गया क्योंकि दोनों ओपनर्स गावस्कर और श्रीकांत बिना खाता खोले ही आउट हो गए. शुरुआती पांच विकेट 17 रनों तक आउट हो चुके थे और 78 के योग तक सात विकेट गिर चुके थे. हालांकि इसके बाद जो हुआ वो अब भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों पर अंकित है.

Advertisement

बहरहाल यह वर्ल्ड कप का ऐसा पहला मैच नहीं था जब दोनों ही ओपनर्स शून्य पर आउट हुए हों.

वर्ल्ड कप में पहली बार दोनों ओपनर्स शून्य पर आउट हुए
भारत और जिम्बाब्वे के बीच मुकाबले से ठीक एक हफ्ते पहले खेले गए पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच मैच में पाकिस्तानी ओपनर्स यह कारनामा कर चुके थे. तब पाकिस्तानी ओपनर्स मोहसीन खान और मुदस्सर नजर थे. इतना ही नहीं इसके बाद बल्लेबाजी करने आए जहीर अब्बास भी बिना खाता खोले चलते बने और इस प्रकार पाकिस्तान का स्कोर बिना खाता खोले तीन विकेट हो गया. बारिश से बाधित इस मैच का फैसला अगले दिन हुआ और 239 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही पाकिस्तानी टीम 186 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. इस प्रकार न्यूजीलैंड के हाथों पाकिस्तान यह मैच 52 रनों से हार गया.

सिर्फ तीन बार ही हुआ है ऐसा
इसके 16 साल बाद 1999 वर्ल्ड कप में यह मौका तीसरी और आखिरी बार आया जब दोनों ओपनर्स शून्य पर ही पवेलियन लौट गए. मैच था पाकिस्तान और स्कॉटलैंड के बीच. वसीम अकरम और वकार युनूस के सामने स्कॉटलैंड के दोनों ओपनर्स बीएमडब्ल्यू पैटर्सन और आईएल फिलिप अपना खाता भी नहीं खोल सके.

क्या है वनडे का रिकॉर्ड
वर्ल्ड कप में तो यह रिकॉर्ड केवल तीन बार बना है लेकिन  बात अगर वनडे रिकॉर्ड्स की करें तो ऐसा कुल 36 बार हो चुका है जब दोनों ओपनर्स बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए. मजेदार तो यह है कि जहां पिछले 15 सालों से वर्ल्ड कप में किसी टीम ने यह कारनामा नहीं किया वहीं वर्ल्ड कप से अलग 1999 से अब तक यह रिकॉर्ड 25 बार बन चुका है.

Advertisement

टीम इंडिया का क्या है रिकॉर्ड
1983 वर्ल्ड कप के अलावा चार अन्य मौके पर ऐसा हो चुका है जब टीम इंडिया के दोनों ओपनर्स शून्य पर आउट हुए. 1994 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मनोज प्रभाकर और सचिन तेंदुलकर, 1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एमएसके प्रसाद और सदगोपन रमेश, 2001 में श्रीलंका के खिलाफ सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग और 2004 में जिम्बाब्वे के खिलाफ संजय बांगर और पार्थिव पटेल की जोड़ियां इस रिकॉर्ड बुक से जुड़ गईं.

Advertisement
Advertisement