भारतीय टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलिया में जारी टी20 वर्ल्ड कप की खिताबी जद्दोजहद में शामिल है. रोहित ब्रिगेड के सामने 15 साल बाद एक बार फिर इस आईसीसी ट्रॉफी पर कब्जा करने की चुनौती है. टीम इंडिया रविवार (6 नवंबर) को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर सुपर-12 चरण के अपने अंतिम मैच में जिम्बाब्वे से भिड़ेगी. 'मेन इन ब्लू' फिलहाल 4 मैचों से 6 अंकों के साथ ग्रुप-2 में शीर्ष पर है. इस दौरान भारतीय टीम को तीन जीत मिली और उसे एकमात्र हार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ झेलनी पड़ी.
भारत को अब सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए जिम्बाब्वे को मात देनी होगी. माना जा सकता है कि टीम इंडिया के लिए अपने इस प्रतिद्वंद्वी से निपटने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी. ... लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मौजूदा टूर्नामेंट उलटफेरों वाला रहा है, ऐसे में उम्मीदें धुल भी सकती हैं. टीम इंडिया की सेमीफाइनल में जगह अभी पक्की नहीं है. अगर पाकिस्तान रविवार को ही अपने आखिरी ग्रुप मैच में बांग्लादेश को हरा देता है तो सुपर-12 में उसके भी 6 अंक हो जाएंगे.
दूसरी तरफ, जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत से भारत के 8 अंक हो जाएंगे और उसका सेमीफाइनल पक्का हो जाएगा. हां, ...यदि कोई 'अनहोनी' होती है तो मामला 6 अंकों पर अटक जाएगा और नेट रनरेट (NRR) के आधार पर भारत-पाक का फैसला होगा. टीम इंडिया का मौजूदा नेट रनरेट +0.730 है, जबकि पाकिस्तान का +1.117 है. रविवार को पाकिस्तान-बांग्लादेश मैच के नतीजे के बाद जब भारतीय टीम जिम्बाब्वे का सामना करने उतरेगी, तो स्थिति बहुत कुछ साफ हो चुकी होगी. यानी सुपर-12 के अंतिम मैच से पहले भारत को अपनी रणनीति तय करने में मदद मिलेगी.
टीम इंडिया को चैम्पियन बनने के लिए अब लगातार तीन मैच जीतने पड़ेंगे. सुपर-12 चरण के 4 मैचों में से 3 मैच जीतने के बावजूद भारतीय टीम के सामने कुछ बड़ी चिंताएं हैं, जो निश्चित तौर पर परेशान कर रही हैं. 'नॉकआउट' दौर शुरू होने वाला है. ऐसे में टीम पर आशंकाओं के बादल भी मंडराने लगे हैं. आईसीसी वैश्विक टूर्नामेंट के नॉकआउट से जुड़े पिछले ऐसे कुछ उदाहरण हैं, जब खिताबी अभियान पर उतरी टीम इंडिया का सफर पहले ही खत्म हो गया था. अब एक नजर डालते हैं टीम इंडिया की उन कमजोरियों पर, जिनसे उन्हें निपटना ही होगा.
.... कहां गए 'हिटमैन' रोहित के वो करारे शॉट
'हिटमैन' के नाम से मशहूर जिस रोहित शर्मा से गेंदबाज खौफ खाते रहे हैं, उनका बल्ला बिल्कुल खामोश पड़ा है. व्हाइट बॉल क्रिकेट में गेंदबाजों पर चढ़ाई करने वाले रोहित मैदान पर सिर्फ एक परछाई की तरह दिख रहे हैं, जो कभी अपने बल्ले से धूम मचा रहे होते थे. मौजूदा टूर्नामेंट में उनके जोड़ीदार केएल राहुल तो बांग्लादेश के खिलाफ अर्धशतकीय पारी के साथ खराब फॉर्म से उबरते दिख रहे हैं, पर खुद कप्तान रोहित बतौर बल्लेबाज अपनी लय में नहीं है, जो टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता है.
35 साल के रोहित ने टी20 वर्ल्ड कप-2022 की चार पारियों में 18.50 की औसत और 108.82 के खराब स्ट्राइक रेट से केवल 74 रन ही बनाए हैं. रोहित ने इस दौरान नीदलैंड्स के खिलाफ जरूर 53 रनों की पारी खेली, लेकिन उस कमजोर टीम के खिलाफ पिच पर कोई तहलका नहीं मचा पाए. इस पारी के अलावा बाकी तीन पारियों में वह 4, 15 और 2 रन ही बना पाए. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में रोहित तो जीवनदान का भी फायदा नहीं उठा पाए और अपने प्रशंसकों को निराश कर चलते बने.
अब तो यही कहा जा सकता है कि टीम इंडिया को इस टूर्नामेंट में बने रहने के लिए और खिताबी मैच में पहुंचने के लिए कप्तान रोहित शर्मा को अपने बल्ले का दम दिखाना होगा. दूसरी तरफ, रोहित के जोड़ीदार केएल राहुल की पिछली पारी को छोड़ दें तो वह भी कुछ अच्छा नहीं कर रहे. इस सलामी बल्लेबाज के 4 मैचों में सिर्फ 72 रन हैं. स्ट्राइक रेट (109.09) में भी बड़ा उछाल नहीं है.
DK का क्या करेंगे, 'फिनिशर' वाली बात नहीं दिखी?
दिनेश कार्तिक ने आईपीएल-2022 में फिनिशर के तौर पर अपनी ऐसी छाप छोड़ी कि उन्हें टीम इंडिया स्क्वॉड में जगह मिल गई. दरअसल, ऋषभ पंत टी20 इंटरनेशनल में मिले मौकों के भुना नहीं पाए और भारतीय टीम प्रबंधन ने उनकी जगह कार्तिक को तरजीह दी. इसे सही निर्णय माना गया था. पर इसे टीम इंडिया का दुर्भाग्य कहा जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया में 'फिनिशर कार्तिक' का जलवा दिखा ही नहीं. उन्होंने अब तक 4 मैचों की 3 पारियो में क्रमश: 1, 6, और 7 रन ही बनाए.
37 साल के दिनेश कार्तिक एमसीजी में पाकिस्तान के खिलाफ दबाव के पलों में खुद को संभाल नहीं पाए थे और सिर्फ एक रन बनाकर स्टंप्ड हो गए थे. साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने सूर्यकुमार यादव के साथ छठे विकेट के लिए 52 रनों की साझेदारी जरूर की, पर उनके बल्ले से उस पारी में 15 गेंदों में सिर्फ 6 रन आए. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में वह रन आउट हो गए थे. तब वह 5 गेंदों में 7 रन ही बटोर पाए थे. अब आगे के मैचों के लिए पंत को प्लेइंग इलेवन में वापस बुलाने की मांग जोर पकड़ रही है. पर यह भी सही है कि पंत आते ही धमाका करने लगेंगे, ऐसा कैसे सोचा जा सकता है.
अनुभवी अश्विन का प्रभाव कुछ जमा नहीं
इस विश्व कप में जहां अन्य स्पिनरों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, वहीं टीम इंडिया का यह डिपार्टमेंट ज्यादा कुछ नहीं कर पाया है. भारतीय टीम प्रबंधन ने 36 साल के स्टार ऑफ स्पिनर अश्विन पर भरोसा जताया और लेग ब्रेक गुगली बॉलर युजवेंद्र चहल को अब तक प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा. अश्विन अब तक 4 मैचों में 35.33 की औसत से 3 विकेट ही ले पाए. इनमें से उनके 2 विकेट तो नीदरलैंड्स के खिलाफ आए. दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध उन्होंने 4 ओवरों में 43 रन चुकाए और एक विकेट ही मिला. यह भी सच है उस मैच में स्पिनरों के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं, फिर भी भारत का यह तजुर्बेकार ऑफ स्पिनर रनों के प्रवाह को रोकने में असमर्थ रहा. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में अश्विन ने 2 ओवरों में 19 रन खर्च किए थे.
उम्मीद की जा रही है कि भारतीय टीम जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत हासिल कर सेमीफाइनल में जरूर उतरेगी. पर टीम इंडिया की ये कुछ कमियां जरूर चिंता का कारण बन रही हैं. टूर्नामेंट के इस मोड़ पर टीम में ज्यादा कुछ बदलाव भी भारी पड़ सकता है. ऐसे में बेहतर रणनीति और खिलाड़ियों के शत प्रतिशत योगदान से ही टीम इंडिया खिताब तक पहुंच सकती है.