Pakistan Team Trouble in Home Ground: इमरान खान की कप्तानी में 1992 में वनडे वर्ल्ड कप जीतकर सभी को चौंकाने वाली पाकिस्तान क्रिकेट टीम की हालत इस कदर हो जाएगी किसी को अंदाजा नहीं था. यह टीम अब अपने ही मैदानों पर चारों खाने चित नजर आ रही है. पाकिस्तान टीम की फजीहत इस कदर हो गई है कि वो अपनी ही मेजबानी में खेली जा रही ICC चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई है.
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चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान टीम ने अब तक 2 मैच खेले और दोनों में उसे हार मिली है. पहले न्यूजीलैंड ने पटका. उसके बाद भारतीय टीम ने बुरी तरह रौंद दिया. हालांकि भारत के खिलाफ यह मैच दुबई में खेला गया था. इन दो हार के साथ पाकिस्तानी टीम चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर हो गई है. जबकि भारत और न्यूजीलैंड सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं.
जेल में आंसू बहा रहे होंगे इमरान खान
मोहम्मद रिजवान की कप्तानी वाली पाकिस्तानी टीम इस समय कमजोर मानी जाने वाली टीम बांग्लादेश और जिम्बाब्वे से भी बुरी खेल रही है. बांग्लादेशी टीम ने पिछले साल यानी अगस्त 2024 में ही पाकिस्तानी टीम को उसके घर में 2 टेस्ट की सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया था.
जिम्बाब्वे भी कई बार अपने घर बुलाकर पाकिस्तानी टीम को हरा चुकी है. ऐसे में वर्ल्ड चैम्पियन (1992 वर्ल्ड कप) पाकिस्तानी टीम का यह हाल देखकर जेल में मौजूद पूर्व कप्तान इमरान खान भी आंसू बहा रहे होंगे. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि पाकिस्तानी टीम की यह गत होगी.
भारत से हारने के बाद पाकिस्तानी टीम को अपने घर में और अपने ही दिग्गजों से बुरी तरह आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं. पूर्व दिग्गज शोएब अख्तर, शोएब मलिक, राशिद लतीफ, वसीम अकरम, मोहम्मद आमिर समेत कइयों ने जमकर आलोचना की है.
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रातोरात पतन के कगार पर नहीं पहुंची टीम
उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) में हो रही मनमानियों को भी उजागर किया है. राशिद लतीफ ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पाकिस्तान क्रिकेट रातोरात पतन के कगार पर नहीं पहुंचा. इसमें सरकार और पूर्व दिग्गजों की अहम भूमिका थी. हर कोई अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है, चाहे वह नजम सेठी हों या एहसान मनी, जका अशरफ हों या मोहसिन नकवी.
उन्होंने कहा कि सभी चेयरमैनों ने आते ही अपनी-अपनी सोच के अनुसार दिग्गजों को अपने पास रखा और क्रिकेट को उनके हाथों में सौंप दिया. उन्होंने कहा कि PCB ने अपने खिलाड़ियों को अलग चैनलों पर रखा है ताकि वे मुद्दों को कवर कर सकें. यह एक सुस्थापित टीम थी, लेकिन उन्हें कप्तानी का लालच देकर पूर्व अध्यक्ष ने एक खराब प्रतिष्ठा बना दी. नजम सेठी साहब आए और शादाब को कप्तान बनाया, फिर जका अशरफ साहब आए और कुछ पूर्व कप्तानों और खिलाड़ियों की सलाह पर शाहीन आफरीदी को कप्तान बनाया, और कहानी यहीं खत्म नहीं होती.
फिर मोहसिन नकवी साहब आए और कुछ पूर्व कप्तानों और खिलाड़ियों की सलाह पर बाबर आजम को फिर से कप्तान बनाया. जब बाबर ने इस्तीफा दिया तो रिजवान को कप्तान बनाया गया. जो भी चेयरमैन आये, वे राजनीतिक आधार पर आये, योग्यता के आधार पर नहीं. भूतपूर्व खिलाड़ी या वर्तमान खिलाड़ी एक मोहरा है जिसे अध्यक्ष मंत्री बनाता है और मंत्री को भी मोहरा देता है.
अपने घर में पाकिस्तानी टीम की बड़ी महाबेइज्जती तय!
पाकिस्तानी टीम को अब चैम्पियंस ट्रॉफी में अपना आखिरी मुकाबला ही खेलना है. यह मैच बांग्लादेश के खिलाफ 27 फरवरी को रावलपिंडी में ही होगा. इसके अलावा ग्रुप-ए में दूसरा यानी आखिरी मुकाबला भारतीय टीम और न्यूजीलैंड के बीच 2 मार्च को दुबई में खेला जाएगा. यह दोनों ही मैच औपचारिक होंगे.
यदि बांग्लादेशी टीम ने भी इस आखिरी मैच में पाकिस्तान को पीट दिया, तो फिर बुरी तरह फजीहत होना तय है. यानी अपनी ही मेजबानी में हो रहे इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के सामने 3-0 से क्लीन स्वीप से हारने का खतरा मंडराने लगा है. यदि ऐसा होता है तो रिजवान ब्रिगेड की अपने ही घर में यह महाबेइज्जती होगी. पाकिस्तानी टीम इस आखिरी मैच के बाद सिर्फ स्टैंड में बैठ दूसरी टीमों को चीयर करती ही दिखेगी.