scorecardresearch
 

और इस बार भी टीम इंडिया को नहीं हरा पाई पाकिस्तानी टीम

पाकिस्तान के लिए ये वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे बड़ा चेज था. इससे पहले 1992 वर्ल्ड कप में उसने 264 रन बनाकर न्यूजीलैंड को मात दी थी. लेकिन इस बार स्कोर भी उससे बड़ा था और दबाव भी. तो लड़खड़ाना भी लाजि‍मी था.

Advertisement
X
टीम इंडिया ने पाकिस्तान को फिर धोया
टीम इंडिया ने पाकिस्तान को फिर धोया

पाकिस्तान के लिए ये वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे बड़ा चेज था. इससे पहले 1992 वर्ल्ड कप में उसने 264 रन बनाकर न्यूजीलैंड को मात दी थी. लेकिन इस बार स्कोर भी उससे बड़ा था और दबाव भी. तो लड़खड़ाना भी लाजि‍मी था. पाकिस्तान की तरफ से अहमद शहजाद और यूनिस खान की अनुभवी जोड़ी ने अभी 4 ओवन में 11 रन ही जोड़े थे कि मोहम्मद शमी ने अपनी बाउंसर के जाल में यूनिस खान को फंसा लिया. यूनिस चाहकर भी गेंद के आगे से हट नहीं पाए और गेंद उनके दस्ताने को छूती हुई धोनी के पास जा पहुंची.

Advertisement

6 रन बनाकर यूनिस लौटे तो कम अनुभवी हारिस सोहेल ने क्रीज संभाली. छठे ओवर में सोहेल भी लौट गए होते अगर धोनी ने उन्हें रन आउट करने का मौका ना गंवाया होता. खैर दोनों बल्लेबाजों ने टिककर खेलना शुरू किया तो टीम इंडिया में चिंता के बादल छाने लगे. दोनों ने मिलकर 18वें ओवर में स्कोर 79 तक पहुंचा दिया, लेकिन अश्विन के इसी ओवर की आखिरी गेंद को पढ़ने में हारिस सोहेल चूक गए और गेंद उनके बल्ले से छूती हुई सुरेश रैना के पास जा पहुंची. हारिस ने 48 गेंदों में 36 रन बनाए.

अब क्रीज पर अहमद शहजाद का साथ देने के लिए कप्तान मिस्बाह-उल-हक थे, दोनों ने मिलकर धीरे-धीरे स्कोर को 23वें ओवर में 100 के पार पहुंचा दिया. लेकिन पारी का 24वां ओवर पाकिस्तान के लिए तूफान लेकर आया. उमेश यादव के इस ओवर के दूसरी गेंद अहमद शहजाद का काम तमाम कर गई. जडेजा ने करीब-करीब हाथ से छूट चुकी कैच को पकड़कर शहजाद की 47 रन की पारी का अंत कर दिया. दो गेंद बाद ही नए बल्लेबाज शोएब मकसूद भी चलते बने. यादव की गेंद पर रैना ने स्लिप में उनका कैच लपका. मकसूद खाता भी नहीं खोल पाए.

Advertisement

अगले बल्लेबाज अनुभवी उमर अक़मल थे लेकिन इससे पहले कि पाकिस्तान को उनके अनुभव का कुछ फ़ायदा मिल पाता जडेजा की गेंद को डिफेंस करने की उनकी कोशिश उन्हें पेवेलियन वापस ले गई। धोनी ने विकेट के पीछे कैच पकड़ा लेकिन उसपर मुहर लगी डिसीज़न रिव्यू अपील से. उमर भी खाता खोलने में नाकाम रहे.

103 पर 5 विकेट गंवाकर पाकिस्तान मुश्किल में फंस चुका था. टीम की सारी उम्मीदें अब उनके सबसे अनुभवी बल्लेबाज शाहिद अफरीदी पर आ टिकीं. अफरीदी ने भी कुछ देर तो कप्तान मिस्बाह का साथ निभाया, लेकिन बड़े मौकों पर अक्सर फेल हो जाने की अपनी आदत से वो पार नहीं पा सके. 35वें ओवर में 22 रन बनाने के बाद मोहम्मद शमी की गेंद को उड़ाने की कोशिश ना सिर्फ अफरीदी को बल्कि पाकिस्तान को भी भारी पड़ गई. इसी ओवर में शमी ने वहाब रियाज को भी निपटा दिया. रियाज ने धोनी को कैच थमाने से पहले 4 रन बनाए.

मिस्बाह-उल-हक कप्तान की पारी खेलने में जुटे थे. 37वें ओवर मे उन्होंने अपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी कर ली. लेकिन दूसरे छोर पर एक भरोसेमंद साथी की तलाश पूरी ना हो सकी. पारी के 43वें ओवर में मोहित शर्मा की गेंद पर मोहम्मद शमी ने यासिर शाह का कैच टपका दिया. लेकिन अगली ही गेंद पर उमेश यादव ने मिड ऑन पर कोई गलती नहीं की. यासिर शाह ने 13 रन बनाए, लेकिन जाने से पहले कप्तान मिस्बाह के साथ मिलकर पाकिस्तान का स्कोर 200 के पार पहुंचा गए.

Advertisement

मिस्बाह ने अब तेज हाथ दिखाने शुरू किए. उन्होंने पारी के 44वें ओवर में रविंद्र जडेजा की तीन गेंदों पर तीन चौके जमाकर टीम इंडिया पर दबाव डालने की कोशिश तो की लेकिन बस कोशिश ही कर पाए. बाकी का काम मोहम्मद शमी ने पारी के 46वें ओवर में पूरा कर दिया. शमी की गेंद को मिड ऑन के ऊपर से उड़ाने की कोशिश में वो 76 रन बनाकर रहाणे को कैच थमा बैठे. ये शमी का चौथा विकेट था.

अब जीत की सिर्फ औपचारिकता ही बाकी थी. जिसे मोहित शर्मा ने 47वें ओवर की आखिरी गेंद पर पूरा कर दिया. सोहेल खान 7 रन बनाकर उमेश यादव को कैच थमा बैठे और इसी के साथ पाकिस्तान ने भारत को वर्ल्डकप का एक और मैच उपहार में दे दिया. वर्ल्डकप में पाकिस्तान से कभी भी ना हारने का भारत का रिकॉर्ड भी जैसा का तैसा बना रहा.

Advertisement
Advertisement