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धोनी ने ग्लव्स पर लगाया सेना का निशान तो पाकिस्तान के इस मंत्री को लगी मिर्ची

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर इंडियन पैरा स्पेशल फॉर्सेस के बलिदान बैज का इस्तेमाल करने पर पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी को मिर्ची लग गई है.

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महेंद्र सिंह धोनी (Twitter)
महेंद्र सिंह धोनी (Twitter)

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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और वर्तमान टीम के विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर इंडियन पैरा स्पेशल फोर्सेज के ‘बलिदान बैज’ का इस्तेमाल करने पर पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी को मिर्ची लगी है. उन्होंने धोनी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है. फवाद चौधरी ने कहा है कि धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं न कि महाभारत के लिए.

पाक मंत्री चौधरी ने ट्विटर पर धोनी के द्वारा ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज’ के इस्तेमाल किए जाने को लेकर एक टीवी चैनल की बहस के वीडियो पर अपनी राय व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं न कि महाभारत के लिए, भारतीय मीडिया में एक मूर्खतापूर्ण बहस है? भारतीय मीडिया का एक वर्ग युद्ध से इतना प्रभावित है कि उन्हें सीरिया, अफगानिस्तान या रावंडा में भाड़े के सैनिकों के रूप में भेजा जाना चाहिए.’

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capture_060719110220.jpgफवाद चौधरी का ट्वीट

धोनी का वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें

बता दें कि 37 साल के महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर 'बलिदान बैज' या सेना का प्रतीक चिह्न उस समय देखा गया था जब वह बुधवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे मैच के 40वें ओवर के दौरान युजवेंद्र चहल की गेंद पर बल्लेबाज एंडिले फेहलुकवायो को स्टंप्स आउट किया था. इसके बाद उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं.

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियम साफ कहते हैं, ‘उपकरण और कपड़ा नियामक इस बात की अनुमित नहीं देता कि किसी चीजों का अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय संदेश देने के लिए हो.’

क्या है बलिदान बैज, और धोनी ने कैसे हासिल किया?

धोनी के ग्लव्स पर दिखे इस अनोखे निशान (प्रतीक चिह्न) को हर कोई इस्तेमाल में नहीं ला सकता. यह बैज पैरा-कमांडो लगाते हैं. इस बैज को 'बलिदान बैज' के नाम से जाना जाता है. पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास उनके अलग बैज होते हैं, जिन्हें 'बलिदान' के रूप में जाना जाता है. इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है. यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है. यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है.

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balidaan_060719110246.jpgबलिदान बैज

गौरतलब है कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों के कारण 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी. धोनी यह सम्मान पाने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर हैं. महेंद्र सिंह धोनी ने प्रादेशिक सेना की 106 पैराशूट रेजिमेंट में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में अपनी रैंक को साबित कर दिखाया है.

धोनी अगस्त 2015 में प्रशिक्षित पैराट्रूपर बन गए थे. आगरा के पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान से पांचवीं छलांग पूरी करने के बाद उन्होंने प्रतिष्ठित पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न (Para Wings insignia) लगाने की अर्हता प्राप्त कर ली थी. यानी इसी के साथ धोनी को इस बैज के इस्तेमाल की योग्यता हासिल हो गई.

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