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Abrar Ahmed Pakistan vs England: जब वीरेंद्र सहवाग ने की पाकिस्तान की धुलाई, तो रोने लगे थे 6 साल के अबरार, अब किया जादुई डेब्यू

पाकिस्तान के युवा लेग स्पिनर अबरार अहमद ने इंग्लैंड के खिलाफ मुल्तान टेस्ट से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया है. उन्होंने अपनी डेब्यू पारी में 7 बड़े विकेट लेकर तहलका मचा दिया है. अबरार के भाई साजिद ने वीरेंद्र सहवाग से जुड़ा एक किस्सा बताया है....

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Abrar Ahmed and Virender Sehwag (Getty)
Abrar Ahmed and Virender Sehwag (Getty)

Abrar Ahmed Pakistan vs England: पाकिस्तान क्रिकेट टीम अपने घर में इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही है. पहला मैच इंग्लैंड ने जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई. अब दूसरा टेस्ट मुल्तान में खेला जा रहा है. इसी मैच में हॉलीवुड फिल्म 'हैरी पॉटर' के हीरो की तरह दिखने वाले लेग स्पिनर अबरार अहमद ने पाकिस्तान के लिए शानदार अंदाज में डेब्यू किया.

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अपने पहले ही मैच में अबरार ने अपना जादू बिखेर दिया और इंग्लैंड के शुरुआती 7 खिलाड़ियों को शिकार बनाया. इसी के साथ अबरार अपने डेब्यू टेस्ट इनिंग में सबसे ज्यादा 7 विकेट लेने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ियों की लिस्ट में संयुक्त रूप से पहले नंबर पर काबिज हो गए हैं. इससे पहले मोहम्मद जाहिद और मोहम्मद नाजिर ने भी यह कारनामा किया था.

अबरार के भाई साजिद ने बताए किस्से

बता दें कि मुल्तान के मैदान पर डेब्यू करने वाले अबरार की इसी ग्राउंड से खास यादें जुड़ी हुई हैं, जिसका खुलासा उनके भाई साजिद ने किया है. उन्होंने बताया है कि 2004 के पाकिस्तान दौरे पर भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने इसी मैदान पर तिहरा शतक लगाया था. उस वक्त अबरार 6 साल के थे.

तब सहवाग ने पाकिस्तानी दिग्गज गेंदबाज सकलैन मुश्ताक की गेंदों पर जमकर धुलाई की थी और शानदार छक्के लगाए थे, तब अबरार काफी भावुक हो गए थे और रोने लगे थे. साथ ही साजिद ने बताया कि उस वक्त अबरार इतने समझदार थे कि वह छक्कों पर कोई रिएक्शन देने की बजाय सकलैन की गेंदबाजी की खामियां बताने लगे थे.

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'अबरार को पिता ने कमरे में बंद कर दिया था'

साजिद ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, 'आज भी मुझे याद है कि वह मुल्तान टेस्ट था, जहां वीरेंद्र सहवाग ने तिहरा शतक लगाया था. तब उन्होंने सबसे ज्यादा सकलैन मुश्ताक पर अटैक किया. अबरार छह साल के थे. तब उन्होंने सकलैन भाई की गेंदबाजी की गलतियों के बारे में बात कर रहे थे. तब मेरे पिता उसकी (अबरार) कमेंट्री से इतने परेशान हो गए थे, कि उन्होंने अबरार को दूसरे कमरे में बंद कर दिया था.' यह बताते हुए साजिद भी हंसने लगे.

मां चाहती थी कि अबरार आलिम बने

अबरार 8 भाई-बहनों (5 भाई और 3 बहन) में सबसे छोटे हैं और वह अपनी मां के बेहद करीब हैं. मां चाहती थी कि अबरार आलीमा (इस्लामिक विज्ञान का अध्ययन) करे. मगर अबरार को तो सिर्फ क्रिकेटर बनने में ही दिलचस्पी थी. साजिद ने बताया कि अबरार ने आलीमा करने से साफ इनकार कर दिया था. उसने मां से कहा था, 'मैं क्रिकेट खेलना चाहता हूं. मुझे आलिम नहीं बनना है. इसमें मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है.'

 

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