पांच साल से अधिक बीत गए, लेकिन पाकिस्ताने के गेंदबाज सईद अजमल आज भी परेशान हैं. दरअसल अजमल को आज तक समझ में नहीं आया कि वर्ल्ड कप 2011 के सेमीफाइनल में अंपायरों ने सचिन तेंदुलकर को उनकी गेंद पर नॉट आउट कैसे करार दिया था. चालीस साल के अजमल ने कल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. मोहाली में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में तेंदुलकर ने 85 रन बनाए थे. बाद में अजमल ने ही सचिन को आउट किया था, तब शाहिद अफरीदी ने कैच लपका था.
अजमल ने कहा ,‘मैं आश्वस्त था कि वह एलबीडब्ल्यू आउट थे, लेकिन आज तक मुझे समझ में नहीं आया कि अंपायरों ने उन्हें आउट क्यों नहीं दिया.’ उन्होंने स्वीकार किया कि भारतीय बल्लेबाजों को गेंदबाजी करना आसान नहीं था. उन्होंने कहा,‘तेंदुलकर एंड कंपनी को गेंदबाजी करना हमेशा कौशल और क्षमता का परीक्षण होता था.’
My cricketing career has come to end yesterday but my life is blessed with your love, care, respect, and prays, I Want to thank to my family, friends, fellow Cricketers, coaches, pcb and all who helped me to achieve the highest rank in the game we all love. Thank you so much pic.twitter.com/2HoNUZVoEn
— Saeed Ajmal (@REALsaeedajmal) November 30, 2017
आखिरकार पाकिस्तान के स्पिनर सईद अजमल ने भारी मन से क्रिकेट से संन्यास ले लिया. लेकिन जाते-जाते गेंदबाजी एक्शन के आकलन के आईसीसी के प्रोटोकॉल की आलोचना की आलोचना कर डाली. ऑप स्पिनर अजमल ने 35 टेस्ट में 178 विकेट लिए. उन्होंने आखिरी टेस्ट 2014 में गॉल में श्रीलंका के खिलाफ खेला, जहां उनके गेंदबाजी एक्शन की दूसरी बार शिकायत की गई. पहली बार 2009 में यूएई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच के दौरान उनके एक्शन की शिकायत की गई थी.